अगले एक साल तक विधायकों के वेतन में 15 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया है जबकि देश के कई अन्य राज्यों ने अपने विधायकों और मंत्रियों के वेतन से 30 प्रतिशत राशि कटौती करने का फैसला लिया है। यह राशि कोरोना संक्रमण उन्मूलन कोष में जमा करने का भी निर्णय लिया गया है...
पटना,08 मार्च। महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश सहित बिहार में लॉकडाउन चल रहा है। वहीं, लॉकडाउन के बीच पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार की शाम पांच बजे कैबिनेट की बैठक की। लॉकडाउन के दौरान यह राज्य कैबिनेट की पहली बैठक हुई। इसमें 29 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें कोरोना के खात्मे के लिए मंत्रियों, विधायकों व पार्षदों के वेतन कटने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई। बिहार कैबिनेट की आज की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी सभी विभागों के मंत्री कैबिनेट की बैठक से जुड़े। ऐसा बिहार में पहली बार हुआ है। गौरतलब हो कि विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री सभी का वेतन 40 हजार महीना है। इसी का 15 प्रतिशत अर्थात छह हजार हर माह इनके वेतन से कट जाएगा। इसके अलावा विधायकों को प्रतिमाह 50 हजार भत्ता मिलता है। पर, कटौती सिर्फ वेतन में से ही होगी। हालांकि मौजूदा सभी विधायकों का कार्यकाल दिसंबर, 2020 के पहले ही समाप्त हो रहा है। कैबिनेट की इस बैठक में सभी मंत्री और संबंधित पदाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर लागू लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही सभी को शामिल होने के लिए कहा गया था। विभाग के कक्ष से सभी शामिल हुए।
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