देशभर के डॉक्टरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा, खोल दिया है और सरकार को चेतावनी देते हुए काला दिवस मनाने का एलान किया है
पटना,20 अप्रैल। स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठना शुरू हो गया है। विपक्ष को घर बैठे ही मुद्दा मिल गया है। हुआ यह कि पटना की खाजपुरा की रहनेवाली महिला जिसकी कोरोना जांच रिपोर्ट को पटना एम्स ने पॉजिटिव बताया था, उस रिपोर्ट को क्रॉस चेक करने के बाद पटना के आरएमआरआइ और एनएमसीएच ने जो सैंपल्पस लिए थे, उनकी जांच रिपोर्ट आज निगेटिव पायी गई है। बता दें कि पहले आरएमआरआइ के सिविल सर्जन की टीम ने महिला की कोरोना जांच का नमूना लिया बाद में एनएमसीएच की टीम ने भी कोरोना जांच का नमूना लिया था। अब दोनों नमूने जांच के बाद निगेटिव पाए गए हैं। राजधानी पटना के खाजपुरा की रहनेवाली यह महिला 17 अप्रैल को एम्स पटना में भर्ती हुई थी, उसे उसके पड़ोसी ने सर्दी-खांसी और सांस लेने में हो रही परेशानी को देखते हुए भर्ती कराया था। बता दें कि राज्य में अबतक दो लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। बिहार में रविवार को 10 और कोरोना पॉजिटिव केस मिले,जिसके बाद कोरोना मरीजों की संख्या अब 96 हो चुकी है। रविवार को मिले मरीजों में खास बात यह है कि नालंदा जिले के बिहारशरीफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदास्थापित डॉक्टर समेत चार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बिहार में किसी डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने का यह पहला मामला है। वैसे, संक्रमित डॉक्टर दुबई से लौटे कोरोना संक्रमित युवक के रिश्तेदार हैं। सोमवार को बिहारशरीफ से 1 और पॉजिटिव केस सामने आया है। इस तरह नालंदा में 12 पॉजिटिव केस हो गया है। नालंदा के लिए अच्छी और राहत भरी खबर आई है। जिले के सभी 79 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।बिहारशरीफ पीएचसी प्रभारी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जिले के डीएम, एसपी, सिविल सर्जन, उपविकास आयुक्त, नगर आयुक्त, एसडीओ, एसडीपीओ सहित जिले के तमाम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित 79 लोगों सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया था।
अभी-अभी जो जानकारी आई है, उसके मुताबिक सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। बिहारशरीफ पीएचसी प्रभारी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद इन सभी वरीय अधिकारियों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। बताया जा रहा है कि दुबई से आए शख्स के संपर्क में आने से बिहारशरीफ पीएचसी प्रभारी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। स्वास्थ्य महकमे और जिला प्रशासन में उस वक्त हड़कंप मच गया जब उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, क्योंकि कई मीटिंग और बैठक में वे शामिल हुए थे। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि जब उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तब भी वे पीएचसी में ही थे। सैंपल लेने के बाद भी उन्हें क्वारेंटाइन नहीं किया गया था। इसके बाद जिला और पुलिस प्रशासन के साथ ही उनके साथ काम करनेवाले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों समेत 79 लोगों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया था। इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस बीच नालंदा जिले के ए.एन.एम.ने डोर-टू-डोर जाकर सर्वेक्षण कार्य बंद कर दिये हैं।उनलोगों का कहना है कि चूंकि हमलोग भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के सम्पर्क में आये हैं हमलोगों की जांच होनी चाहिए। जो नहीं हो रहा है। मुंगेर में तीन तथा बक्सर में भी दो नए कोरोना मरीज मिले हैं। रविवार को भोजपुर में भी पहला मरीज मिला। इसके साथ बिहार में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 96 हो गया है। इनमें दो की मौत हो चुकी है। हालांकि, इलाज से स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा भी राहत देने वाला है। अभी के 42 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।सोमवार को नालंदा में 1संक्रमित मिलने से बिहार में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 97 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि बिहार में आज दोपहर 6240 रैपिड टेस्ट किट उपलब्ध कराए गए हैं, क्योंकि यह पहली किश्त के रूप में है। विभाग इसके उपयोग के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है। बिहार में 14 जिलों में कोरोना का प्रसार है।अब 14 जिले यथा सीवान,मुंगेर ,बेगूसराय , नालंदा, पटना, गया,गोपालगंज ,नवादा,बक्सर,सारण, लखीसराय, भागलपुर,आरा व वैशाली में प्रसार हो गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन फेज-2 का आज छठा दिन है। बिहार के 37 जिलों में लॉकडाउन से थोड़ी छूट मिली है। सीवान रेड जोन में है, इसलिए यहां छूट नहीं मिली। 13 जिले ऑरेंज जोन में हैं। यहां हॉटस्पॉट क्षेत्र को छोड़ अन्य इलाकों में छूट मिली है। बिहार के 24 जिले ऐसे हैं, यहां कोई संक्रमित नहीं है। यहां भी छूट मिली है। राजधानी पटना के सुल्तानगंज में 15 और खाजपुरा में 18 अप्रैल को मरीज मिलने से ये इलाके हॉटस्पॉट हैं, इसलिए यहां सबकुछ बंद है।
रेड जोन- सीवान
ऑरेंज जोन- मुंगेर, बेगूसराय, नालंदा, पटना, गया, गोपालगंज, नवादा, बक्सर, सारण, लखीसराय, भागलपुर, आरा और वैशाली
ग्रीन जोन- पं. चंपारण, पू. चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, बांका, जमुई, शेखपुरा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर।
देशभर के डॉक्टरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा
खोल दिया है और सरकार को चेतावनी देते हुए काला दिवस मनाने का एलान किया है ।
22 अप्रैल को रात 9 बजे मोमबत्ती जलाएंगे
देशभर के सभी डॉक्टर्स और अस्पतालों के कर्मचारी 22 अप्रैल को रात नौ बजे विरोध और सतर्कता के रूप में मोमबत्ती जलाएंगे। इस बात का एलान इंडियन मेडिकल काउंसिल ने किया है।
23 अप्रैल को काला दिवस मनाएंगे
साथ ही डॉक्टरों ने 23 अप्रैल को काला दिवस मनाने का एलान किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा कि यदि सरकार व्हाइट अलर्ट के बाद भी डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा पर केंद्रीय कानून लागू करने में विफल रहती है तो 23 अप्रैल को काला दिवस मनाएगा। देश के सभी डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे।
हिंसा के खिलाफ कानून की मांग
दरअसल, डॉक्टर्स कार्यस्थलों पर अपनी सुरक्षा को लेकर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि हमारे डॉक्टर्स को कार्यस्थलों पर सुरक्षा और वैध जरूरतों को पूरा करना होगा। साथ ही अपशब्द और हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए।
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