समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष बिनोद चौधरी ने दी छात्रों को सलाह,
दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रो० विनोद कुमार चौधरी ने आज समाजशास्त्र के छात्र-छात्राओं को स्वअध्ययन के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। प्रो० चौधरी ने कहा है कि किसी भी बात-घटना का सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रभाव होता है। आज के लॉकडाउन का छात्र एवं शिक्षक सकारात्मक प्रयोग करें तो भविष्य में यह उनके लिए सहायक होगा। आज घर बैठे अध्ययन एवं अध्यायपन के कई सामग्री (यंत्र) उपलब्ध हैं जिसके माध्यम से हम देश दुनिया से जुड़ सकते हैं और आज इसी ज्ञान के सहारे हम अपने स्वाध्याय को सकारात्मक दिशा प्रदान कर सकते हैं। आज जब सर्वत्र सोशल डिस्टनसिंग की बात हो रही है तो समाजशास्त्र के छात्रों को इस बात को ध्यान में रखते हुए आपके शिक्षकों से दूरभाष-मोबाइल तथा व्हाट्सएप पर बात कर अपनी जिज्ञासाओं का हल खोजना चाहिए। यू०जी०सी०, बिहार सरकार एवं विश्वविद्यालयों ने भी हमें ऐसा ही दिशा निर्देश दिया है। समाजशास्त्र का अध्ययन कर रहे बच्चों को निम्न बातों पर ध्यान रखना चाहिए चाहे उनका पाठ्यक्रम अलग - अलग ही क्यों ना हो स्नातकोत्तर एवं स्नातक (प्रतिष्ठा) समाजशास्त्र के बच्चों के लिए मेरा सबसे महत्वपूर्ण सलाह यह है कि वे सबसे पहले अपने समाज को ठीक से पढ़ें तथा जाने बाद में अपने समाजशास्त्र एवं उसके विभिन्न आयामों- वस्तु विषय को जानना होगा। फिर समाज से जुड़े समूह, संस्था, संस्कृति का अध्ययन मुख्य रूप से करना चाहिए। इन बातों से जुड़े सामग्री हर जगह उपलब्ध है तथा नोट की मदद से आप इसे आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यदि आपको समय मिलता है तो आप भारतीय चिंतकों को जानने, समझने के लिए आप उनका अध्ययन भी करें जो आपके पाठ्यक्रम में भी शामिल है। यदि आप भारतीय चिंतकों को उनके योगदानों को ठीक से समझ लेते हैं तो आपका समाजशास्त्र पढ़ना सार्थक हो सकेगा तथा आप अपने परिवार, समाज और देश के प्रति अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन कर सकते हैं।
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