अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) 21 दिनों के लिए चल रहे लॉक डाउन के बीच कोरोना ने बिहार की धरती पर 22 कदम चलकर यह बता दिया है कि फिलहाल हमारा खूनी कदम रुकने वाला नहीं है। इस महामारी के खिलाफ संकल्प और संयम दिखा रहे बिहार की सरकार और समाज एक एक पॉजिटिव केस की बढ़ोत्तरी के बाद दहल उठता है गाँव और शहर का शहर।लेकिन बिहार में अचानक कोरोना का संकट आखिर कैसे आया और धीरे धीरे अजगर की तरह विशाल कैसे होते जा रहा है कभी इसपर भी ध्यान देना अतिआवश्यक हो गया है।अब सवाल उठता है कि क्या बिहार में कोरोना पैदा हुआ?जवाब है नहीं,तो फिर आया कहाँ से ये महामारी।तो आइए हम इसे इस तरह समझने की कोशिश करते हैं।
खाड़ी देशों ने दिया बिहार में कोरोना का सौगात।
अब जरा आप अपनी घड़ी की सुई को इसी महीने की उस तारीख पर ले जाइए। समय था सुबह का,अचानक एक खबर आती है,जिसने बिहार की सरकार और समाज दोनों को हिलाकर रख दिया।खबर यह थी कि पटना एम्स में भर्ती मुंगेर के युवक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह पाया गया है कि वह कोरोना पॉजिटिव था।यानी बिहार में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज की शुरुआत हुई वो भी मौत से।इतना ही नहीं एम्स प्रशासन को मुंगेर के मृत युवक के पॉजिटिव होने का पता होने के बावजूद भी उसके लाश को उसके परिजनों को सौंप दिया।इसके बाद हड़कम्प मचना शुरु हो गया।फिर आनन फानन में प्रशासन उसकी लाश को मिट्टी में दफन करवा देता है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। जी हां,वाकई बहुत देर हो चुकी थी तबतक। गौरतलब है कि मुंगेर का मृत कोरोना पॉजिटिव युवक खाड़ी देश कतर से 12 तारीख को ही लौटा था।लौटते ही बीमार होने की वजह से मुंगेर के नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती हुआ लेकिन स्थिति में सुधार न देखकर उसे पटना बाईपास के शरणम् अस्पताल में भर्ती करवाया गया।वहां से वह एम्स पटना चला गया जहां उसकी मौत हो जाती है।लेकिन तब तक खाड़ी देश से लौटे इस कोरोना पीड़ित ने एक लाचार सिस्टम की वजह से चैन से सो रहे बिहार में कोरोना चेन का बीजारोपण कर दिया था।जानकारी के लिये बता दें कि अबतक उसके चेन में आकर 12 लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं।यानी 22 कोरोना पीड़ितों में से 12 को उसने अकेले अपने लपेटे में लिया है। अभी यहाँ अंत नहीं हुआ है।
अब जरा मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट पर एक नजर डालते हैं तो पाते हैं कि :-
बिहार में मंगलवार को जिन 6 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है उनमें से चार की उम्र 27 से 36 साल के बीच का है। इनमें से 4 सिवान के जबकि उसमें एक बेगूसराय का रहने वाला है।सिवान के 4 लोगों के सैंपल को जांच के लिए पटना के आइजीआइएमएस में भेजा गया था,जबकि बेगूसराय के शख्स का सैंपल पटना के आरएमआरआई में भेजा गया था।अब इनका थोड़ा कोरोना कनेक्शन देखिये।ट्रेवेल हिस्ट्री के मुताबिक इनमें से सिवान से आया शख्स पहला अबू धाबी से मुंबई आया था। दूसरा मस्कट से मुंबई आया था। तीसरा नौजवान शारजाह से दिल्ली आया था। चौथा नौजवान बहरीन से दिल्ली आया था। वहीं बेगूसराय का 5 वां पीड़ित दुबई से भारत लौटा था। इनमें समानता ये है कि पांचो के पांचो खाड़ी देश से ही भारत आए थे।वहीं मुंगेर का युवक भी खाड़ी देश कतर से ही लौटा था।अब जरा सोचिए कि बिहार के 22 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 17 लोग खाड़ी देशों से लौटे और उनके सम्पर्क में आने की वजह से कोरोना पॉजिटव हुए।यानी अभी तक जो दिख रहा है वह यह कि बिहार में खाड़ी देशों ने कोरोना का कुआं खोद दिया है,अब जरूरत है कि अभी भी सरकार सचेत हो जाए और हम आप भी।नहीं तो ये कोरोना का कहर क्या रंग दिखा सकता है इसकी कल्पना करना भी मूढ़ता ही होगा।
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