सरकार बिहार के 01करोड़ 68 लाख राशन कार्डधारी एवं इसके तहत आने वाले 8 करोड़ 64 लाख गरीब परिवारों को अगले तीन महीना तक प्रति यूनिट 5 किलो चावल एवं प्रति परिवार 01 किलो दाल मुफ्त में और 1000 रु वितरण का कार्यक्रम जारी दिया है। यह अप्रैल से जून तक चलेगा
पटना,19 अप्रैल (आर्यावर्त संवाददाता) । बिहार राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष विद्यानन्द विकल ने कहा है कि वैश्विक कोरोना महामारी व लॉक डाउन से उत्पन्न खाद्यान्न समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार बिहार के 01करोड़ 68 लाख राशन कार्डधारी एवं इसके तहत आने वाले 8 करोड़ 64 लाख गरीब परिवारों को अगले तीन महीना तक प्रति यूनिट 5 किलो चावल एवं प्रति परिवार 01 किलो दाल मुफ्त में और 1000 रु वितरण का कार्यक्रम जारी दिया है। यह अप्रैल से जून तक चलेगा। ज्ञात हो कि इस दौरान पुराना वितरण सिस्टम( 2रु किलो गेहूं और 3रु किलो चावल व किराशन का आपूर्ति पूर्वत जारी रहेगा है । यह खाद्यान्न वितरण जनवितरण (PDS) प्रणाली के 55,000 डीलरों के द्वारा किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पॉस मशीन पर टीपा लगाने के सिस्टम को रोक दिया गया है ।कार्ड का भौतिक सत्यापन के साथ डीलर द्वारा उपभोक्ता को अनाज उपलब्ध कराना है। माननीय मुख्यमंत्री जी के निदेश पर सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभग के सचिव पंकज पाल द्वारा जनवितरण प्रणाली की दुकान को प्रति दिन सुबह 10 से 04 बजे तक खुले रखने का निदेश जारी किया गया है ।इसकी प्रखण्ड स्तर पर मोनेटरिंग के लिए बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ एवं एमओ को संयुक्त रूप से जिम्मेदार दी गयी है । ज्ञात हो कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निदेश के आलोक में वर्ष 2017-18 में राशनकार्ड के लिए त्ज्च्ै द्वारा प्राप्त ऑनलाइन लगभग 34लाख आवेदनों का जांच कार्य भी चल रहा है । विभागीय सूत्रों के अनुसार लगभग 3 लाख आवेदनों का जांच पूरा हो चुका है तथा शेष 31 लाख आवेदन जांच प्रक्रिया में है। इसके अतिरिक्त नये राशन कार्ड बनाने हेतु को फॉर्म भरवाने की अधिकृत घोषणा नही की गई है । मित्रो जैसा कि आप जानते है बिहार राज्य खाद्य आयोग कोरोना महामारी और लॉक डाउन के समय से काफी सक्रिय है । कलाबाजरी करने वाले बड़े व्यापारियों और भ्रष्ट च्क्ै दुकानदारो पर नकेल कसकर कलाबाजरी व लूट रोक लगाया तथा राज्य से बाहर फंसे लोगों तक सरकार के निर्णयों को अद्यतन रिपोर्ट पहुचने की प्रयास किया । अब जब विशेष राहत अभियान शुरू हो गया है।कुछ लोगो की नजर गंगा में हाथ सफाई करने में लगी है ।ऐसे लोगो पर ध्यान केंद्रित करना है और लोगो तक राहत पहुंचाने में मदद करना है । हमे पूरा विश्वास है कि खाद्य आपूर्ति के अधिकारीगण एवं जनवितरण डीलर इसबार राहत और राशन वितरण में मॉडल स्थापित करेंगे और राशन उपभोक्ताओं के तरफ से शिकायत आने का मौका नही देंगे। लाभ से बंचित नही रहना चाहिए । याद रहे उपभोक्ताओं के बीच से इसबार वितरण संबन्धी शिकायत मिलने पर बिहार राज्य खाद्य आयोग कड़ा एक्शन लेने को मजबूर होगी ।
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