नयी दिल्ली 17 अप्रैल, कोरोना महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाऊन की अवधि में भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन- ईपीएफओ के कर्मी निजी परेशानियों को भूलकर कामगारों की समस्याओं के समाधान में लगे हुए हैं। ईपीएफओ के दिल्ली - मध्य के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आलोक यादव ने शुक्रवार को यहां बताया कि आज जब देश लॉकडाउन से गुज़र रहा है और उद्योग धंधे बंद हैं , तब घर में बैठकर खाने के लिए गरीब मजदूरों को पैसे की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। इसी कारण ईपीएफओ ने कोविड महामारी के लिए विशेष अग्रिम निकासी की सुविधा प्रारम्भ की है। संगठन ने अपने दफ्तरों को आंशिक रूप से खोल रखा है ताकि उसके अंशदाता अपनी भविष्य निधि से पैसे निकाल सके। वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित संगठन का दिल्ली मध्य क्षेत्रीय कार्यालय भी अपने कर्मठ और सेवा भावी कर्मचारियों के साथ कार्य कर रहा है। इस कार्यालय के अनुभाग पर्यवेक्षक जे पी बिंद्रा और सरदार हरभजन सिंह ऐसे ही कर्मयोगी हैं जो अपनी उच्च रक्तचाप - बीपी आदि की समस्याओं को भूल कर लगातार काम कर रहे हैं। श्री बिंद्रा सामान्य दिनों में भी सबसे ज़्यादा दावा निस्तारित करने वाले कर्मचारी हैं और उन्हे आयुक्त द्वारा कई बार प्रशस्ति पत्र दिया जा चुका है श्री बिंद्रा का कहना है कि अपनी समस्या तो सभी समझते हैं लेकिन इंसान वे है जो औरों की सेवा करने में बाधाएँ नहीं बल्कि सेवा का पुनीत अवसर ढूँढे । इस कार्यालय में ऐसे और भी कर्मचारी हैं जिनका सेवाभाव प्रशंसनीय है जिनमें सहायक के पद पर कार्यरत सर्वश्री अंजनी कुमार, सुरेश चन्द्र , बिनोद कुमार और अमित कुमार तो हैं ही ,जो लगभग 100 दावों का निस्तारण रोज़ कर रहे हैं । महिला कर्मचारी भी सेवाभाव में पीछे नहीं हैं.और श्रीमती रेनू गुप्ता एवं पारुषि गुप्ता भी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं । आयुक्त के निजी सहायक सचिन और नीरू सोनी भी लगातार अंशधारकों की समस्याओं के निस्तारण में लगे हुये हैं। भविष्य निधि आयुक्त आलोक यादव को अपने ऐसे कर्मठ साथियों पर नाज़ है।
शनिवार, 18 अप्रैल 2020
श्रमिकों की सेवा में जुटे ईपीएफओ के कर्मयोगी
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