प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी की मांग पर 18-19 अप्रैल को दो दिवसीय भूख हड़ताल. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी की मांग पर 18-19 अप्रैल को दो दिवसीय भूख हड़ताल.

खेग्रामस कार्यालय में धीरेन्द्र झा, रणविजय कुमार व रामबलि प्रसाद बैठंेगे हड़ताल पर
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पटना 17 अप्रैल,  देश के विभिन्न हिस्सों में अब तक फंसे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी की मांग पर 18-19 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत पूरे राज्य में दो दिवसीय भूख हड़ताल का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजन में ऐक्टू, खेग्रामस व भाकपा-माले के कार्यकर्ता भाग लेंगे. भाकपा-माले के तीनों वर्तमान विधायक भी दो दिवसीय अनशन पर रहेंगे. प्रवासी मजदूरों के बिहार में रह रहे परिवारों से भी भूख हड़ताल को समर्थन देने की अपील की गई है. खेग्रामस महासचिव धीरेन्द्र झा, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल व ऐक्टू के राज्य सचिव रणविजय कुमार ने आज संयुक्त प्रेस बयान जारी करके कहा है केंद्र व विभिन्न राज्यों की सरकार अमीरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए हर प्रयास कर रही है. विगत दिनों काशी से दक्षिण भारत के तीर्थयात्रियों को 25 बसों व 4 क्रूजर से सुरक्षाकर्मियों के साथ उन्हें घर भेजा गया, लेकिन प्रवासी मजदूरों को न केवल उनके रहमोकरम पर छोड़ दिया है बल्कि घर लौटने की मांग कर रहे उन मजदूरों पर बर्बर पुलिसिया जुल्म किए जा रहे हैं. यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है. मंुबई, सूरत, कोटा आदि जगहों पर हजारों बिहार व यूपी के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. उनकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रही है. उनके परिवार के सामने भी कई समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं. लेकिन न तो इसके प्रति केंद्र सरकार चिंतित है और न ही राज्य की सरकार. हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि सभी प्रवासी मजदूरों के लौटने की अविलंब व्यवस्था करे. दो तरह की नीतियां नहीं चलने वाली है. दो दिवसीय भूख हड़ताल के जरिए मांग की जाएगी कि सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए 3 महीने का राशन, सफर का पका हुआ भोजन और सभी कामगारों को लाॅकडाउन की अवधि का गुजारा भत्ता के दस हजार रुपए प्रदान करे. सभी प्रवासी मजदूरों को वेतन और नौकरी की सुरक्षा की गारंटी की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि वेतन व नौकरी में कोई कटौती नहीं होगी और न ही छंटनी होगी. सभी सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के साथ सरकार निचले स्तर पर समन्वय/समिति बना बड़े स्तर पर मजदूरों को राहत पहुंचाने की गारंटी करे. उन स्थानों पर जहां प्रवासी मजदूरों को क्वारांटाइन में रखा गया है, वहां राशन, भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाए और जांच के उपरांत उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया जाए. खेग्रामस महासचिव ने बताया कि इस दो दिवसीय अनशन के तहत खेग्रामस कार्यालय में उनके अलावा एक्टू के राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार और महासंघ गोपगुट के सम्मानित राज्य अध्यक्ष रामबलि प्रसाद अनशन पर बैठेंगे. शशि यादव, मुर्तजा अली और नवीन मिश्रा आदि मजदूर नेताभी उनके समर्थन में अनशन में क्रमिक रूप से भाग लेंगे.

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