मंत्री रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में नेपाल हाउस स्थित सेक्रेटेरिएट में एक हुई बैठक हुई, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बैठक में हुए सभी मुद्दों को लेकर हुई चर्चा की पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी.
रांची (आर्यावर्त संवाददाता) : कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए किए जा रहे उपायों की मॉनिटरिंग के लिए बनी मंत्रियों की उप समिति ने प्रवासी मजदूरों के वापस लौटने पर संभावित उपायों को लेकर चर्चा की. मंत्री रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में नेपाल हाउस स्थित सेक्रेटेरिएट में एक हुई बैठक हुई, जिसमें श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन समेत विभागीय सचिव शामिल हुए. बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि अलग-अलग मंत्रियों से अलग-अलग राय मिली है, जिस पर मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी और उनके निर्देशों के अनुसार आगे की कार्यवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद अलग-अलग इलाकों में फंसे लोग जब अपने घरों को लौटेंगे, तो वैसी स्थिति में उन्हें रोजगार और भोजन जैसी सुविधाएं देने के लिए मंत्रियों ने अपने-अपने विचार दिए हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही लोग आएंगे उन्हें पहले अलग-अलग फॉर्मेट में बांटना होगा, किस जिले में कितने लोग पहुंच रहे हैं, उन्हें किस स्तर पर रखा जाना है, साथ ही उनका दैनिक जीवन प्रभावित नहीं हो इसको लेकर भी क्या व्यवस्था की जाएगी बैठक में इसपर चर्चा हुई. बन्ना गुप्ता ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्री ने सलाह दी है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना समेत अन्य योजनाओं में उनका समायोजन किया जा सकता है. दूसरी तरफ श्रम मंत्री का सुझाव आया है कि निजी क्षेत्र को भी वैसे मजदूरों को रोजगार देने के लिए कहा जाएगा. वहीं लोगों को राशन दिए जाने को लेकर हो रही अनियमितता के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अभी तक 232 दुकानों को सस्पेंड किया गया है, जबकि 41 के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है, 9 को रद्द करने की सिफारिश की गई है, जबकि 414 दुकानों को शो कॉज किया गया. उन्होंने कहा कि 310 फ्लाइंग स्क्वायड बनाए गए हैं जो दुकानों की निगरानी कर रहे हैं. वहीं कृषि विभाग से मिली सलाह पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मौजूदा दौर में मनरेगा के अलावा इस पर भी विचार किया जा रहा है कि दूध मिठाई की दुकानों तक पहुंचाया जाए, हालांकि उन मिठाई की दुकानों में खिलाने की व्यवस्था नहीं हो, जबकि उनसे बनने वाले उत्पादों की आउटसोर्सिंग की जा सके, इसे लेकर भी चर्चा की गई है. मंत्री ने कहा कि किसानों को राहत दिलाने के लिए धान और गेहूं की कटनी के लिए जरूरी मशीन की सहायता कैसे दी जाए इस पर अलग-अलग बिंदुओं पर सरकार विचार करेगी, साथ ही रोपनी की अवधि में जमीन की जुताई में सरकार ट्रैक्टर की फ्री ऑफ कॉस्ट व्यवस्था करे, ताकि किसानों को बड़ी राहत मिल पाए, हालांकि इस पर निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि बैठक में इन सब बिंदुओं पर चर्चा की गई है, अब इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दिशा निर्देश लिया जाएगा. वहीं लॉकडाउन खोलने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल के बाद इन बातों पर चर्चा की जाएगी, इस मामले पर निर्णय मुख्यमंत्री सोरेन लेंगे. जनप्रतिनिधियों के उनके क्षेत्र में जाने पर उन्होंने कहा कि किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन उन्हें भी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को हर तरह से मानना होगा, इससे जुड़ी एडवाइजरी स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही जारी कर दी गई है
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