एक ऐसी जिंदगी जो न देखती है न बोलती है, लेकिन दर्द में भी ममता की मुस्कुराहट है बरकरार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 20 अप्रैल 2020

एक ऐसी जिंदगी जो न देखती है न बोलती है, लेकिन दर्द में भी ममता की मुस्कुराहट है बरकरार

जमशेदपुर में एक महिला पिछले आठ वर्षों से देख नहीं सकती, जबकि उसका पति भी कानों से सुन नहीं सकता. इस लॉकडाउन में परिवार को खाना तक नसीब नहीं हो पा रहा है, लेकिन आज भी यह परिवार खूश है और किसी मसीहा के इंतजार में है.
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जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता)  शहर में लॉकडाउन जारी है, जिसकी मार सबसे ज्यादा गरीबों पर पड़ रही है. जमशेदपुर में एक दंपती ऐसा भी है, जिसमें पत्नी आंखों से देख नहीं सकती और पति सुन नहीं सकता है. इस परिवार को लॉकडाउन के कारण दो टाइम का खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है, बावजूद वो हंसकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. जमशेदपुर के परसुडीह खासमहल नया बस्ती में ममता अपने परिवार के साथ रहती है. उसके घर में न ही दरवाजे हैं न बिजली. घरों में रखे बर्तन भी खाली हैं, जो अनाज के इंतजार में खामोश हैं. लॉकडाउन में सरकार गरीबों को खाना और राशन मुहैया करा रही है, लेकिन ममता का परिवार प्रशासन की नजरों से दूर है. अबतक इस परिवार को कोई भी सरकारी मदद नहीं मिली है. ममता अपने पति के साथ अपने अंदाज में इशारों  मे बात करती है. ममता की हालात की जानकारी मिलने के बाद जब  आर्यावर्त संवाददाता वहां पहुंची तो ममता ने मुस्कुराते हुए अपने दर्द का बयां किया ममता कहती है कि हंसना रोना तो जिंदगी है. आज दुख है तो कल सुख होगा. उन्होंने बताया जिसके नसीब में जो रहता है वो होता है. वो बताती हैं कि उन्हें खाने के लिए अनाज नहीं मिल पाता है, जब कोई दे देता है तो खाना खाते हैं. ममता का पति सुधीर मंदिर के बाहर फूल बेचता है, लेकिन लॉकडाउन में मंदिर के पट भी बंद है, जिसका असर सुधीर की कमाई पड़ा है. इन दिनों वो घर में ही रहकर बच्चों के साथ खेलता है. ममता की बेटी प्रिया को भी दुख है कि उसकी मां देख नहीं सकती, पिता सुन नहीं सकते, कोई देता है तो वो खाना खाती है. ममता को कोई दिव्यांग पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है और न ही उसका कोई बैंक अकाउंट है. इस संदर्भ में जब  आर्यावर्त संवाददाता ने बीडीओ मलय कुमार को पूरी जानकारी दी, तो उन्होंने बताया कि वर्तमान हालात में गरीबों के लिए पूरी व्यवस्था की गई है, लेकिन इस परिवार के लिए तत्काल राशन मुहैया कराकर उन्हें स्थायी सुविधा दिलाने के लिए काम किया जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही उस परिवार का आधार कार्ड बनवाकर इसे विवेकानंद पेंशन योजना का लाभ दिलाने का काम किया जाएगा. 

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