पटना जिला के कन्हौली में माले नेता व मुखिया राजेश गुप्ता पर हमला निंदनीय. हिंदू भूमि पुत्र के हमलावरों को गिरफ्तार करो, लाॅकडाउन के नाम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ फैलाया जा रहा है नफरत.
पटना 18 अप्रैल, भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल व पटना जिला के सचिव अमर ने आज संयुक्त प्रेस बयान जारी करके लाॅकडाउन में सामंती-सांप्रदायिक ताकतों के बढ़ रहे मनोबल पर गहरी चिंता जाहिर की है. लाॅकडाउन के नाम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है. भाकपा-माले इन मामलों में बिहार सरकार से हस्तक्षेप करने की लगातार मांग कर रही है लेकिन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. नेताद्वय ने बताया कि पटना जिला इन हमलावरों के खास निशाने पर है, जहां दलितो व अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रशासन की सह पर सामंती-सांप्रदायिक अपराधियों ने हमला बोल दिया है. सबसे हालिया प्रकरण में पटना जिले के कन्हौली में भाकपा-माले नेता व वर्तमान मुखिया राजेश गुप्ता पर हमला का है. . भाकपा-माले के स्थानीय नेता राकेश कुुमार ने बताया कि दिनांक 17 अप्रैल को करीब 8 बजे राजेश गुप्ता वर्तमान मुखिया के पास एक फोन आया और उन्हें किसी काम से बाहर आने को कहा. जब वे घर से निकलकर उस स्थान पर पहुंचे जहां उनको बुलावा गया था, तो वहां पहले से खड़े लोगों ने उनपर अचानक हमला कर दिया. हमले में राजेश जी व उनका लड़का बुरी तरह घायल हो गये. सभी हमलावर हिंदू भूमि पुत्र नामक संगठन के लोग हैं, जिसका संचालन भाजपा सांसद रामकृपाल यादव का लड़का अभिमन्यु यादव करते हैं. सदीशोपुर समसारा के पिंकी सिंह पति छोटन वर्मा, रिंकू राम पिता - राजकुमार, छोटन वर्मा - पिता दामोदर वर्मा, विनय कुमार, पिता - रामजी प्रसाद, मनीष कुमार, पिता-नवल किशोर, अविनाश कुमार आदि हिंदू भूमि पुत्र संगठन से जुड़े लोगों ने उनपर हमला किया. दरअसल, मुखिया राजेश गुप्ता अपने गांव में एक क्वारंटाइन सेंटर संचालित कर रहे हैं, जो सरकार द्वारा बनाई गई है. उनको पता चला था कि रेलवे लाइन पकड़कर सहरसा व अन्य जगहों के कुछ मजदूर उनके गांव होकर गुजर रहे हैं. सारे के सारे मजदूर मुस्लिम समुदाय के थे. राजेश गुप्ता ने उन लोगों को क्वारंटाइन में चलने को कहा. इसी को लेकर हिंदू भूमि पुत्र के लोगों ने राजेश गुप्ता पर हमला किया कि यही मुस्लिम लोग ही कोरोना फैलाने का काम करते हैं और आपको उनको क्यों रोक रहे हैं. भाकपा-माले सभी हमलावरों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग करती है और इस तरह की कार्रवाइयों पर रोक लगाने की भी मांग करती है. कहा है कि मुस्लिमों व मजदूरों के खिलाफ सांप्रदायिक ताकतों द्वारा चलाये जा रहे इस कुप्रचार पर सरकार आखिर क्यों नहीं रोक लगा रही है.
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