जमशेदपुर में लॉकडाउन की वजह से लोगों की लाइफ स्टाइल बिल्कुल बदल गया है. लोगों का कहना है कि सभी परिवार एक साथ टाइम बिता रहे हैं. वहीं, यह लॉकडाउन में कई चीजें पहली बार इतिहास बन गया है.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : चीन के बुहान से फैला कोरोना से विश्व के कई देश प्रभावित हुए हैं. भारत में कोरोना को लेकर आपदा घोषित कर लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन में अपने घरों में रहकर आम जनता की लाइफ स्टाइल में काफी बदलाव आया है.जमशेदपुर में लोगों ने कहा ऐसा पहली बार सब कुछ देखने को मिल रहा है, वहीं महिलाओं ने कहा बाहर लॉकडाउन है घर में नही किचन में फरमाइस बढ़ गई है. कोरोना को लेकर देश में लॉकडाउन के बाद ट्रेन, बस, दुकानें पूरी तरह बंद है.सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. सिर्फ आवश्यक सेवाएं ही जारी है.जो जहां है वहीं ठहर गया है. लोग अपने घरों में परिवार के साथ है. जमशेदपुर शहर और आस-पास ग्रामीण इलाकों में सन्नाटा है, सड़कें वीरान है. लॉकडाउन का पालन नहीं करने वालों पर पुलिस सख्त हो गई है. वहीं लॉकडाउन में कई चीजें पहली बार होने से इतिहास बन गया है, जबकि लोगों का लाइफ स्टाइल में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन में परिवार के सभी सदस्य एक साथ है. परिवार वालों से बातचीत के दौरान घर के बड़े बुजुर्ग ने बताया कि 80 साल की उम्र में पहली बार ऐसा बंदी देखने को मिल रहा है. वहीं महिलाओं ने बताया कि हम नॉनवेज खाते थे लेकिन अब लॉकडाउन में वेजिटेरियन हो गए है. देश की रक्षा में सीमा पर तैनात रहने वाला बीएसएफ के जवान छुट्टी में घर आये थे, लेकिन लॉकडाउन में घर पर ही है. जवान ने बताया कि केंद्रीय सरकार ने जो जहां है वहीं रहने को कहा है.इस वायरस की लड़ाई में प्रधानमंत्री की बातों को मानते हुए घर में रहना है हमे जंग जितना है. वहीं हाल गगनचुंबी फ्लैट में रहने वालों का है सबकी महंगी कार पार्किंग में खड़ी है. फ्लैट में अपनी बॉलकोनी में खड़े होकर लोग मोबाइल से बाते कर एक दूसरे का हाल जान रहे है. जबकि फ्लैट में रहने वाले सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए फ्लैट के बेसमेंट में बैठकर गप्प मारने में लगे है. एक मौका मिला है एक साथ बैठ कर बाते करने का, जिनमें महिलायएं, बुजुर्ग, बच्चे और पुरुष लॉकडाउन की बाते कर रहे है. महिला प्रीतिमंडल ने बताया कि लॉकडाउन बाहर है अब ज्यादा समय किचन में बीत रहा है.
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