राजस्थान के कोटा में पढ़ने वाले कुछ बच्चें 1500 किमी का सफर तय कर जमशेदपुर पहुंचे हैं. वहीं, बच्चों ने बताया कि झारखंड से ज्यादा बिहार के बच्चे वहां फंसे हैं. बता दें कि गृह मंत्रालय ने बच्चों को लाने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी है, जो बच्चों के परिजनों के लिए राहत की खबर है.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : पूरे देशभर में कोटा में रह कर पढ़ने वाले छात्रों को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. झारखंड और बिहार को छोड़कर सभी राज्यों ने अपने-अपने राज्यों के छात्रों को वापस बुला लिया है. हालांकि बुधवार को केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों की वापसी की अनुमति दे दी है, लेकिन इससे पहले ही राजस्थान के कोटा से छात्र -छात्राओं का आना शुरू हो चुका है. बता दें कि कोटा से जमशेदपुर की दूरी करीब पंद्रह सौ किलोमीटर है, वहीं, छात्रों ने कहा कि सफर के दौरान रास्ते में न खाना नसीब हुआ और ना ही पानी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की शुरुआती दिनों में तो कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन धीरे-धीरे परेशानी बढ़ती गई, जहां हॉस्टल की साफ-सफाई बंद हो गई, उसके बाद खाने की गुणवत्ता में गिरावट आ गया. क्लास तो बंद हो गया था और मानसिक रूप से परेशान होने के कारण हॉस्टल में भी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. छात्रों ने बताया कि झारखंड से ज्यादा बिहार के बच्चे वहां फंसे है. वहीं बच्चों के घर लौटने पर अभिभावकों ने राहत की सांस ली है. अभिभावकों के जरिए पहले से ही बच्चों के लिए क्वॉरेंटाइन रूम बनाकर तैयार कर लिया गया है, ताकि बच्चों से कोई संर्पक में नहीं आ पाए है. बरहाल, केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने बच्चों को लाने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी है, जो बच्चों के परिजनों के लिए राहत की खबर है.
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