बिहार : कोरोना वायरस को लेकर सभी जगह सतर्क सरकार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

बिहार : कोरोना वायरस को लेकर सभी जगह सतर्क सरकार

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पटना, 01 अप्रैल। पटना जिले के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मेंमैराथन दौरा किया गया।ग्राउण्ड रिपोर्ट यह है कि अब भीकोरोना से लड़ाई,पटना जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मेंकरने की पूरी तैयारी है। कोरोना वायरस को लेकर सभी जगहसतर्कता बरती जा रही है। पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसेबड़े अस्पतालों में तो पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। वहींडॉक्टरों, कर्मियों के लिए भी और मरीजों के लिए भी लेकिनजिले के पीएचसी और सीएचसी में बचाव के इंतजामनाकाफी हैं। यहां कई तरह की असुविधाएं लोगों को झेलनीपड़ रही है। करोना वायरस से लड़ने के लिए खुसरूपुर में कोई समुचितव्यवस्था नहीं है। ना ही चिकित्सकों को अपनी सुरक्षा के लिएकोई मास्क, सैनेटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं अगरकोई मरीज जो कोरोना वायस से पीड़ित आ जाए तो उसकेलिए आइसोलेशन वार्ड तक नहीं है। इस संबंध में पीएचसी मेंउपस्थित चिकित्सक डॉ. सुमित्रा कुमारी ने बताया कि हमलोग आने वाले सामान्य मरीजों को इस वायरस से बचने कीसलाह दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकोंकी सुरक्षा नहीं है वे लोग खुद मास्क खरीद कर पहन रहे हैं।वहीं, काम करने वाली एएनएम ने बताया कि अस्पताल मेंसिर्फ एक बार ही फिनाइल से सफाई की जाती है, जबकि इसवक्त हर तीन घंटे पर सफाई होनी चाहिए। मरीजों कोपीएमसीएच भेजने के लिए एक एंबुलेंस है। बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र में कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्यविभाग की तैयारी नाकाफी है। हालांकि अनुमंडल अस्पतालमें पीड़ित मरीजों को रखने के लिए अलग से चार बेड काआइसोलेटेड वार्ड बनाया गया है। वहीं दूसरी तरफचिकित्सक एवं कर्मियों के लिए मास्क की सप्लाई की जा रहीहै। इसके बावजूद आने वाले मरीजों से स्वास्थ्य कर्मी भयभीतहैं। मंगलवार की शाम को डभामा गांव निवासी मरीज केकोरोना पीड़ित होने की आशंका में बिना इलाज के ही रेफरकर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन द्वारा संदिग्ध मरीजों परनजर रखी जा रही है। बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में जांच कीकोई व्यवस्था नहीं है और ना ही विशेषज्ञों की। अस्पताल मेंसिर्फ रेफर सिस्टम चल रहा है। वहीं, पंडारक, बाढ़ तथाबेलछी प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सा सेवालड़खड़ा गई है। इसमें व्याप्त कुव्यवस्था में भी साधारणमरीज की भी चिकित्सा में आम लोगों को परेशानी होती है।कुल मिलाकर बाढ़ में कोरोना मरीज की चिकित्सा इंतजामराम भरोसे है। कोरोना वायरस को लेकर फतुहा पीएचसी पूरी तरह मुस्तैदहै। सैनेटाइजर और मास्क की सुविधा है। सभी डॉक्टर औरकर्मचारी पूरी तरह सचेत हैं। इस संदर्भ में चिकित्सा प्रभारीडॉ. प्रेमचंद साहू ने बताया कि सभी डॉक्टर और कर्मचारी पूरीतरह मुस्तैद हैं। अस्पताल को मात्र बीस मास्क मिले हैं, जिसका उपयोग डॉक्टर और कर्मचारी कर रहे हैं। बाकी लोगअपने स्तर से मास्क खरीदकर अपना काम चला रहे हैं।सैनेटाइज रूम की व्यवस्था की बात चली थी लेकिन उसकेलिए वेंटिलेटर की जरूरत होती है, जिसकी व्यवस्था किसीभी पीएचसी में नहीं है। सभी अपने-अपने स्तर से इस बीमारीकी भयावहता में कमी लाने की कोशिश में जुटे हैं। इलाज कीतैयारियों के साथ ही बचाव के उपायों पर भी खुलकर बातकी जा रही है। आसपास के लोगों को कोरोना के बारे मेंजागरूक किया जा रहा है। पीएचसी पहुंचने वाले लोगों कोहाथ धोने की सलाह दी जा रही है साथ ही ठीक से हाथ धुलनेका तरीका भी बताया जा रहा है। मास्क के बारे में भी सही-सही जानकारी दी जा रही है। पुनपुन स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग से कोरोना वायरस केमरीजों के इलाज के लिए विभाग से आदेश आते ही स्वास्थ्यकेंद्र में तैयारी शुरू हो गई है। मरीजों के लिए हाथ धोने केलिए साबुन और मास्क का इंतजाम किया गया है। स्वास्थ्यकेंद्र के डॉक्टर और कर्मी भी मास्क लगाकर काम कर रहे हैं।वहीं आइसोलेशन वार्ड भी बनाया जा रहा है। हालांकि अभीतक कोरोना वायरस का कोई भी मरीज पुनपुन स्वास्थ्य केंद्रनहीं पहुंचा है, मगर तैयारी जोर-शोर से हो रही है। इस संबंधमें पुनपुन स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी अमीर चंद्र प्रसाद ने बताया किकोरोना के मरीजों के लिए गुरुवार तक सारी तैयारी पूरी करली जाएगी। अस्पताल में छिड़काव के लिए सैनेटाइजर नहींमिल रहा है। मरीजों को हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्थाकी गई है। सभी कर्मी को मास्क लगा कर काम करने कानिर्देश दिया गया है ताकि इस महमारी का मुकाबला आसानीसे किया जा सकता है। सभी लोग पूरी कोशिश कर रहे किलोगों को जागरूक करके इस पर काबू पाने की कोशिश कीजा सके। धनरुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य द्वार पर कोरोना सेबचाव संबंधित टेम्पों से प्रचार करवाया जा रहा है। यहां परमरीजों के लिए न ही हाथ धोने के लिए साबुन और न हीअस्पताल परिसर में साफ-सफाई दिखी। चिकित्सकों औरकर्मियों के लिए साबुन उपलब्ध है।वहीं गंदगी से बचाव केलिए सैनेटाइजर का अस्पताल परिसर में छिड़काव जारी है।अस्पताल के डॉक्टर और कर्मी भी मास्क लगाकर काम कररहे हैं। कोरोना के मरीजों के लिए अस्पताल में आइसोलेशनवार्ड बनाया गया है। इसका उपयोग नहीं हो रहा है। यहां परआने वाले मरीजों को चिकित्सक देखकर घर भेज देते हैं।कल एक दर्जन पलायन करके आए थे। आज दो मरीज आयाथा। उनको भी घर भेज दिया गया है। क्वारंटाइन के लिए साईगांव में स्थित एक स्कूल को चुना गया है। लेकिन आजतककिसी को नहीं रखा गया है। लोगों में कोरोना को लेकर काफीजागरूकता आ गयी है। अगर कोई बाहर से आता है तो उसेजांच करवाने के लिए कहा जाता है। आज दुमारा गांव केलोगों ने डीएम कुमार रवि को फोन कर दिये। धनरूआसामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के एक चिकित्सक के नेतृव में नीलम कुमारी, मेरीकुट्टी जौर्ज और नीतीश कुमार ने चार लोगों की जांच की। सभी दिल्ली से आए। उसे यह समझाया गया कि 14 दिन अलग से रहे। किसी तरह की तकलीफ व लक्षण दिखने पर तत्काल केन्द्र को खबर दें। उनको फोन नम्बर दी गयी है। सभी 28 साल के कम के ही थे। इसी संबंध मेंधनरुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी विभा रानी ने बतायाकी साफ-सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है। अभी तक कोरोनावायरस का एक भी मरीज नहीं आया है। अस्पताल मेंछिड़काव के लिए सैनेटाइजर नहीं मिल रहा है। इसके चलतेछिड़काव नहीं हो पाया है। मरीजों को हाथ धोने के लिएसाबुन की व्यवस्था की गई है और सभी कर्मी को मास्कलगाकर काम करने का निर्देश दिया गया है। अनुमंडल अस्पताल मसौढ़ी में चिकित्सक घर पर रहते हैं औरस्वास्थ्यकर्मियों को मोर्चा में लगा रखे हैं। मास्क का अभाव है।दुनिया के लिए आफत बन चुके कोरोना वायरस के संक्रमणसे बचाव के लिए अनुमंडल अस्पताल पालीगंज में फर्स्टप्रिकॉशन टूल्स के रूप में न तो सैनेटाइजर है और न ही मास्ककी व्यवस्था है। सवा दस लाख की आबादी के स्वास्थ्य कीदेखभाल की जिम्मेदारी लिए इस इकलौते अनुमंडलअस्पताल के डॉक्टर, एएनएम व अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी बिनामास्क के ही अस्पताल में काम कर रहे हैं। यहां हर दिन ढाईसे तीन सौ मरीज इलाज के लिए आते हैं। डॉक्टरों केमुताबिक अभी तक एक भी संदिग्ध नहीं मिला है। अस्पतालउपाधीक्षक डॉ. आभा कुमारी ने बताया कि बदले हुए माहौलमें अस्पताल के एक कमरे को आइसोलेशन वार्ड का रूपदिया गया है। मास्क व जरूरी उपकरणों के लिए सीएस पटनाको लिखा गया है।

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