नयी दिल्ली, 07 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ महामारी के मद्देनजर ब्रिटेन में फंसे भारतीय छात्रों की तत्काल सुरक्षित वापसी की अर्जी पर केंद्र सरकार से मंगलवार को जवाब तलब किया। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने मधुरिमा मृदुल की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया तथा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को इस बारे में तत्काल निर्देश लेने को कहा तथा मामले की सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की। याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुनील फर्नांडिस ने अपना पक्ष रखा था। याचिका में कहा गया है कि ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के पास भारत में अपने परिवारों से दूर रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है, जबकि ब्रिटेन सरकार अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मदद कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि उन्हें विश्वविद्यालय में रहने से बेदखल न किया जाए। निजी अपार्टमेंट में रहने वाले किराये का भुगतान करने में सक्षम नहीं हो रहे हैं या बुनियादी जीविका का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं। याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार ने 22 मार्च के बाद से भारत के किसी भी हवाई अड्डे से 14 अप्रैल तक सभी अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री विमानों पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके कारण टिकट बुक करने वाले कई भारतीय छात्र फंस गए हैं और भारत लौटने में असमर्थ हैं। भारत शायद एकमात्र देश है, जिसने अपने नागरिकों की वापसी पर एक प्रतिबंध लगाया है, और जहां अन्य देश विभिन्न देशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए सभी संभव प्रयास कर रहे हैं, भारत ने प्रतिबंध लगाकर अपने नागरिकों के लिए घर के दरवाजे बंद कर दिये हैं।
बुधवार, 8 अप्रैल 2020
ब्रिटेन में फंसे भारतीय छात्रों की वापसी की अर्जी पर केंद्र से जवाब तलब
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