सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 02 अप्रैल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 02 अप्रैल

नदारद है दरोगा,कई महिनों से नहीं हुई  लुनिया मोहल्ले की नालियों की सफाई 
क्षेत्र में बना हुआ है संक्रमण का खतरा  नागरिकों को हो रहीं है परेशानियां  मोहल्ले को सैनिटाइजर कराने की मांग 
sehore news
सीहोर। लुनिया मोहल्ले में कार्यरत सफाई इंचार्ज दरोगा बीते कई महिनों से लापता है। खामियाजा क्षेत्र के सैकड़ों नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। दरोगा की मनमर्जी के चलते लुनिया मोहल्ले में नियमिति साफ सफाई नहीं की जा रहीं है नालियां चौक बनी हुई है। घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों पर फेल रहा है। गंदगी से क्षेत्र में मलेरिया सर्दी खार्सी जुकाम सहित अन्य संक्रमित बीमारियों के फेलने का खतरा बना हुआ है। नागरिकों ने क्षेत्र के प्रति लापरवाह दरोगा के खिलाफ कई शिकायतें भी की है लेकिन नगर पालिका कोई कार्रवाहीं दरोगा पर करने को तैयार नहीं है।  पूर्व पार्षद एवं जिला कांग्रेस के महामंत्री दर्शनसिंह वर्मा ने बताया की कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी के  दौरान नगर पालिका परिषद के द्वारा साफ सफाई को लेकर लापरवाहीं बरती जा रहीं है क्षेत्र के जिम्मेदार दरोगा भी लम्बे समय से गायब है। महिनों से नालियों में कुड़ा कचरा भरा हुआ है। क्षेत्र में अनेक स्थानों पर कूढे कचरे के ढ़ेर लगे हुए है। नागरिक हैरान परेशान बने हुए है। क्षेत्र के  दर्शनसिंह वर्मा, मनोहर कौशल, श्यामलाल कौशल, ओम प्रकाश कौशल, रामसिंह कौशल, प्रताप कौशल, अमरसिंह कौशल,लाल कौशल आदि नागरिकों ने नगर पालिका परिषद अध्यक्ष और सीएमओ से शीघ्र सफाई और कोरोना वायरस से सैनिटाईज कराने और लापरवाह दरोगा पर कार्रवाहीं कराने की मांग की है। 

अल्पकालिक फसली ऋण की पुनर्भुगतान अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाई

केंद्र सरकार ने किसानों द्वारा बैंकों से लिए गए सभी देय अल्पकालिक फसली ऋण जो 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, के लिए पुनर्भुगतान की अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब किसान 31 मई 2020 तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं। भारत सरकार बैंकों के माध्यम से किसानों को रियायती फसल ऋण पर बैंकों को 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज माफी और किसानों को समय पर पुनर्भुगतान पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ प्रदान कर रही है, इस प्रकार समय पर पुनर्भुगतान पर 3 लाख रूपए तक का ऋण 4  प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज पर सरकार किसानों को उपलब्ध करा रही है। कोविद-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में कई किसान अपने अल्पकालिक फसली ऋण के बकाया भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक जाने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, आवाजाही पर प्रतिबंध के चलते कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री और उनके भुगतान की प्राप्ति में कठिनाई के कारण किसानों को इस अवधि के दौरान अल्पकालिक फसली ऋणों के पुनर्भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। किसानों को हो रही इस समस्या का समाधान करने के लिए भारत सरकार ने बैंकों को 2 प्रतिशत ब्याज माफी और सभी किसानों को 3 प्रतिशत तत्काल भुगतान प्रोत्साहन का लाभ 31 मई 2020 तक देने का फैसला किया है, जो बैंकों द्वारा दिए गए 3 लाख रूपए तक के सभी फसली ऋणों जो कि 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, पर लागू होगा। लघु अवधि के 3 लाख रूपए तक के फसली ऋणों पर ब्याज माफी और तत्काल भुगतान प्रोत्साहन का 31 मई 2020 तक विस्तार किसानों को ऐसे ऋणों को चुकाने में मदद करेगा, जो 31 मई 2020 की विस्तारित अवधि तक देय हैं। अब किसान बिना किसी अर्थदंड के मात्र 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर से उनके ऋण को 31 मई 2020 तक चुका सकते हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और इससे संबंधित सेवाओं में जुटे लोगों को परेशानी नहीं हो, इस संबंध में इन्हें छूट प्रदान की है, जिससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी। कृषि उत्पादों की खरीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (सीएचसी) और उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट मिली है।

अप्रैल माह में जारी होने वाले विद्युत देयक के लिए नई व्यवस्था

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के कारण प्रदेश मे  सभी जिलों में लॉक डाउन किया गया है, जिसके कारण विद्युत वितरण कंपनी की मीटर रीडिंग, बिल वितरण एवं बिल भुगतान सेवाएँ प्रभावित हुई है। इस कारण से उपभोक्ताओं की सुविधा के दृष्टिगत निर्णय लिये गये है। लॉक डाउन के दौरान जिन निम्न दाब उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग निर्धारित दिनांक तक नहीं हो पायेगी, उनके देयक प्रावधिक आधार पर पूर्व माह की रीडिंग के आधार पर बनाये जायेंगे। अगले माह की रीडिंग प्राप्त होने पर प्रावधिक रूप से भुगतान की गई राशि का स्वतः समायोजन हो जायेगा। लॉक डाउन की स्थिति में विद्युत देयकों का वितरण नही हो सकेगा अत: उपभोक्ता अपने देयक कंपनी की वेब साइट (portal.mpcz.in) से डाउनलोड कर सकते है। उपभोक्ता जिन्होनें अपने मोबाइल नंबर दर्ज किये हुए है, उन्हे देयक की जानकारी मोबाइल नम्बर पर भी प्रेषित की जायेगी। उपभोक्ता, अपने देयकों का भुगतान, कंपनी की वेबसाइट से या उपाय ( UPAY) मोबाइल एप से online, या mponline के कियोस्क अथवा वेबसाइट से कर सकते हैं। उपभोक्ताओं को लॉक डाउन की स्थिति मे भी विद्युत का सतत प्रदाय जारी रखने के समस्त प्रयास किये जा रहे है। विषम परिस्थितियों मे समस्त उपभोक्ताओं से आनलाइन भुगतान करने के साथ ही सहयोग अपेक्षित है।

वेयर हाउस की सेवाएं अति आवश्यक सेवाओं में शामिल

रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर उपार्जन, उपार्जित स्कंध की भण्डारण व्यवस्था एवं सार्वजनिक वितरण  प्रणाली के सुचारू संचालन हेतु वेयर सेवाओं को अति आवश्यक सेवा में रखा गया है। समस्त वेयर हाउस में किसानो से जिंस खरीदने एवं उसके लोडिंग अनलोडिंग की अनुमति के परिप्रेक्ष्य में जारी पत्र के अनुसार लॉकडाउन अवधि के दौरान शर्तो के अधीन अनुमति प्रदान की जाएगी। तदानुसार वेयर हाउस का संचालन प्रातः दस से दोपहर तीन बजे तक किया जाएगा। वेयर हाउस में नियुक्त कर्मचारियों, आने वाले कृषक, लोडिंग, अनलोडिंग कार्य में नियुक्त कर्मचारियों को सोशल डिस्टेन्स बनाए रखना अनिवार्य होगा। साथ ही सभी को मास्क पहनना अति आवश्यक होगा। इसके अलावा समय-समय पर निरंतर अवधि में अपने हाथो को सेनेटाइज करते रहना होगा। वेयर हाउस का निरीक्षण समय-समय पर किया जाएगा। उक्त अवधि में शर्तो की उल्लंघन पाए जाने की स्थिति में यह अनुमति स्वयमेव निरस्त मानी जाकर कार्य बंद कर दिया जाएगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: