सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 09 अप्रैल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 09 अप्रैल

चौराहों पर पहुंचकर पुलिस कर्मियों को राय मित्र मंडली ने बांटे सेनिटाईटर और मास्क 

sehore news
सीहोर। प्रमुख चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मियों को राय मित्र मंडली के द्वारा कोरोना वायरस से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियमित हाथ धोने के लिए सेनिटाइजरों की स्प्रे बॉटल और मास्कों का वितरण किया गया। वरिष्ठ समाजसेवी अखिलेश राय के जन्मदिन के उपलक्ष में राय मित्र मंडली के अतुल राय, नैतिक राय के नेतृत्व में मंडली के सदस्यों के द्वारा शहर के कोतवाली चौराहा, अटल चौराहा, तहसील चौराहा, नदी चौराहा, कालका माता मङ्क्षदर चौराहा, शकर फेक्ट्री चौराहा, नमक चौरहा, लाल मस्जिद चौराहा, गल्लामंडी चौराहा भोपाल नाका, इंदौर नाका चौराहा पोस्ट आफिस चौराहा पहुंचकर लॉक डाउन के दौरान नागरिकों की कारोना वायरस से सुरक्षा में लगे सैकड़ों पुलिस कर्मियों को स्वयं की सुरक्षा के लिए सेनेटाइजर और मास्कों का वितरण किया। इस पूनित कार्य में संभव पाराशर सहित अन्य युवा कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जिले में अब तक कुल 21958 व्याक्तियों को क्वांरेटाईन किया गया 5101 व्यक्तियों की क्वांरेंटाईन अवधि हुई पूर्ण

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नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण बीमारी के रोकथाम एवं बचाव के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं एवं राज्य स्तर पर जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन पूर्ण गंभीरता से किया जा रहा है। जिले में 08 अप्रैल को 38 कार्यरत दलों द्वारा 195 गांव एवं शहरी वार्डों में कुल 2524 नागरिकों की जांच की गई। जिले में नोवल कोरोना वायरस की स्थिति के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 08 अप्रैल 2020 की स्थिति में विदेश भ्रमण कर जिले में आए हुए यात्रियों की संख्या 202 है जिसमें से सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। इसी प्रकार 08 अप्रैल को अन्य राज्यों से आए हुए यात्रियों की संख्या 28 तथा कुल 3000 है जिनमें सभी का परीक्षण किया जा चुका है। सीएमएचओ ने बताया कि 08 अप्रैल को अन्य जिलों से आए हुए यात्रियों की संख्या  कुल 18756 है जिनमें सभी का स्वास्थ्य परीक्षण हो चुका है। अब तक होम क्वारेंटाईन किए गए व्यक्तियों की कुल संख्या 21958 हैं। समय अवधि पूर्ण होम क्वारेंटाईन व्यक्तियों में 5101 शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जांच के लिए कुल 43 सेंपल भेजे गए हैं। जिले में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या संख्या शून्य है तथा कोरोना निगेटिव की संख्या 41 है। जबकि 2 सेंपलों की रिपोर्ट आना शेष है।   सीएमएचओ ने बताया कि विभाग द्वारा टेलीमेडिसिन मो.नंबर 07562-401259 जारी किया गया है जिसमें होम क्वारेंटाअर्न किए गए व्यक्ति व्हाटसएप, ऑडियो काल, वीडियो काल एवं zoom/skype के माध्यम से संपर्क कर चिकित्सीय सलाह ले सकते हैं। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम नं. 9893635076 पर संपर्क कर नोवल कोरोना वायरस के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।     

उपभोक्ताओं को बिजली बिल वाट्स-एप पर

मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं को बिजली बिल वाट्स-एप पर प्रदाय कराने की सुविधा शुरू की है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के डिवीजनल इंजीनियर श्री अवधेश त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के मद्देनजर उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा ऑन लाइन तकनीकी द्वारा बिल प्रदाय किए जाने का निर्णय लिया गया है। जिले के उपभोक्ता नई प्रक्रिया से लाभांवित होने हेतु अपने रजिस्टर्ड वाट्स-एप नम्बर पर हर माह बिजली का बिल प्राप्त कर सकेंगे। जिससे उपभोक्ताओं को बिल मिलने की बिलम्बता एवं समस्या दूर हो सकेंगी। इसके अतिरिक्त बिजली कंपनी द्वारा शिकायत पंजीकरण, शिकायत की स्थिति जानने, बिल देखने, बिल भुगतान पावती एवं अन्य आवेदनों की स्थिति जानने हेतु मानव रहित चेटवाट प्रणाली लागू की गई है। चेटवाट प्रणाली को बिजली उपभोक्ता अपने वाट्स-एप पर उपयोग कर सकते है। चेटवाट प्रक्रिया को उपयोग करने हेतु उपभोक्तागणों को कंपनी का अधिकृत नम्बर 0755-2551222 को अपने मोबाइल में सेब करना होगा। उपभोक्ता अपने वाट्स-एप नम्बर पर चेट द्वारा उपभोक्ता सुविधाओं का उपयोग करना शुरू कर सकते है। चेट प्रारंभ करने हेतु उपभोक्ता को कोई भी मैसेस टाइप करना होगा जिसके उपरांत चेटवाट प्रारंभ हो जाए।

लॉकडाउन के दौरान सामग्री के परिवहन में लगे ट्रकों तथा उनके चालकों को नहीं रोके जाने के निर्देश

नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के लिए घोषित लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सामग्री के परिवहन तथा सेवाओं के संबंध में मप्र शासन के गृह विभाग द्वारा निर्देश दिए गए हैं। वस्तुओं के परिवहन में लगे खाली ट्रकों को नहीं रोके जाने  तथा इन ट्रकों के ड्रायवरों को भी कम्पनी द्वारा जारी परिचय पत्र दिखाने पर आगे जाने देने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्देश कारखानों, गोदामों से सामान भरने जाने वाले खाली ट्रकों को रोके जाने तथा ट्रक ड्रायवरों को भी घर से ट्रक पार्किंग स्थल तक जाने से रोके जाने की जानकारी संज्ञान में आने पर दिए गए हैं। इसी प्रकार ई-कामर्स एवं लाजिस्टिक कम्पनियों अमेजन, फ्लिपकार्ट, ग्रोफर्स सहित अन्य कम्पनियों को अपने माल के परिवहन के लिए अलग-अलग जिलों से पृथक-पृथक पास लेना पड़ रहा है। जिससे उनको वस्तुओं की आपूर्ति निर्बाध रखने में कठिनाई हो रही है। ई-कामर्स तथा लॉजिस्टिक कम्पनियों को पूरे राज्य के लिए मान्य पास जारी करने के लिए प्रबंध निदेशक, मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड को अधिकृत किया गया है।

खुद को सुरक्षित रखने हेतु घर पर बना सकते हैं मास्क

वैज्ञानिकों द्वारा किये गये परीक्षणों के अनुसार 100 प्रतिशत कॉटन से निर्मित दोहरी पर्त वाले डबल लेयरद्ध मास्क कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु अत्यन्त प्रभावी हैं। मास्क वयस्क व्यक्ति के लिये 9x7 इंच का तथा बच्चों के लिये 7x5 इंच लम्बाई चौड़ाई आकार का आवश्यक है। मास्क को उपयोग करने के पूर्व अच्छी तरह से धोना साफ करना मास्क पहनने से पहले हाथ धोना मास्क ढीला होने पर बदलकर दूसरा लगाना आवश्यक है। बगैर सफाई के मास्क का पुनर्प्रयोग नहीं किया जाना चाहिये। कॉटन का मास्क बनाने की घरेलु विधि इस प्रकार है. सिंलाई मशीन से मास्क बनाया जा सकता है। मास्क बनाने हेतु किसी भी तरह के कॉटन के कपड़े जैसे पुरानी बनियान या टीशर्ट का उपयोग किया जा सकता है। कपड़े के कलर का इसमें कोई महत्व नहीं है। मास्क बनाने से पूर्व यह ध्यान रखा जाये कि कपड़ा अच्छी तरह से पांच मिनिट तक नमक मिले उबले पानी में धुला हो एवं अच्छी तरह से सुखाया गया हो। मास्क बनाने के लिये कपड़े की चार पट्टी कैंची व सिलाई मशीन की आवश्यकता पड़ती है। कपड़ा काटकर वयस्क के लिये 9x7 इंच व बच्चों के लिये 7x5 इंच कपड़ा आवश्यक है। मास्क सिलने के बाद आसपास गोट लगाकर सिर के पीछे बांधने के लिये लेस लगाकर मास्क तैयार किया जा सकता है।

न डरना है, न रूकना है, हमें तो बस जीतना है - मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को संदेश दिया है कि  "न डरना है, न रूकना है, हमें तो बस जीतना है"। श्री चौहान ने कहा कि निचले पायदान से लेकर शीर्ष तक राजस्व अमले ने कोरोना से निपटने में जबर्दस्त हौसला दिखाया है। मुख्यमंत्री राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से टेलीफोन के जरिए रुबरु हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने  कहा कि राजस्व विभाग का पूरा अमला योद्धा के रूप में कोरोना के विरुद्ध चल रहे युद्ध में भागीदारी निभा रहा है। श्री चौहान ने कोटवार से लेकर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तक से चर्चा की। उन्होंने कहा कि लड़ाई लम्बी है, परन्तु हमें जुटे रहना है। जागरुकता लाने में आप लोगों का योगदान उल्लेखनीय है।

किसानों को फसल कटाई के लिये कम्बाईन हार्वेस्टर उपलब्ध कराने के निर्देश

राज्य शासन ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किये हैं कि किसानों को फसल कटाई के लिये आपसी समन्वय स्थापित कर कम्बाईन हार्वेस्टर्स उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। प्रदेश के कुछ जिलों में कम्बाईन हार्वेस्टर्स की कमी से फसलों की कटाई प्रभावित हुई है। इस कारण प्रशासनिक स्तर पर यह कार्यवाही की गई है। प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया है कि पंजाब राज्य में पंजाबी भाषा में विज्ञापन प्रकाशित कराकर अनुरोध किया गया है कि वहां के मध्यप्रदेश में आकर काम करने के इच्छुक हार्वेस्टर मालिक शीघ्र सम्पर्क करें। मध्यप्रदेश शासन द्वारा उन्हें आसानी से परिवहन पास उपलब्ध्य कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा के लिये मंडी बोर्ड के अधीन कॉल सेन्टर (0755-2550495) स्थापित किया गया है। इस सेन्टर पर किसान अपनी मांग दर्ज करा रहे हैं और उनकी मांग की जानकारी प्रशासन द्वारा संबंधित जिलों के अधिकारियों को तुरंत भेजी जा रही है। इसी के साथ समस्त कलेक्टरों से कहा गया है कि वे लॉक डाउन की अवधि में कम्बाईन हारर्वेस्टर्स के मूव्हमेंट को शिथिल रखें, जिससे हार्वेस्टर एक जिले से दूसरे जिले में तथा अन्य प्रदेशों से प्रदेश में आ-जा सकें। प्रमुख सचिव द्वारा कलेक्टरों से प्रदेश में कार्यरत हार्वेस्टर्स की तुरंत मरम्मत के लिये संबंधित वर्कशाप तथा स्पेयर पार्टस की दुकानों को भी लॉक डाउन से मुक्त रखने के लिये कहा गया है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी तक गेहूँ की 70 प्रतिशत और चने की 96 प्रतिशत कटाई हो चुकी है। आगामी 15 से 20 अप्रैल तक अधिकांश क्षेत्रों में कटाई का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। इस वर्ष असामयिक वर्षा के कारण भोपाल-नर्मदापुरम् से लेकर जबलपुर संभाग तक की फसलें एक साथ पक कर तैयार हुई हैं। प्रदेश में गेहूँ की फसल की कटाई मुख्य रूप से कम्बाईन हार्वेस्टर्स द्वारा ही की जाती है। प्रदेश में लगभग 50 प्रतिशत हार्वेस्टर्स पंजाब प्रांत से आकर काम करते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस वर्ष हार्वेस्टर्स की उपलब्धता में कमी आई है। भोपाल, सागर और नर्मदापुरम् संभाग में फसलों की कटाई अंतिम चरण में है। इस अंचल में लगभग 1000-1200 हार्वेस्टर्स काम कर रहे हैं, जो आगामी 4-5 दिनों में कटाई कार्य से मुक्त हो जाएंगे। जबलपुर संभाग के अन्तर्गत जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी और छिन्दवाड़ा जिलों में हार्वेस्टर्स की कमी को अगले सप्ताह पूरा कर लिया जायेगा। श्योपुर जिले में कुछ हार्वेस्टर्स की कमी है, जिसकी पूर्ति गुना और शिवपुरी जिले में 3-4 दिन में खाली हो रहे हार्वेस्टर्स से पूरी की जाएगी।

कोरोना संबंधी बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की त्रि-स्तरीय व्यवस्था

कोरोना संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा उपयोग किये जा रहे पीपीई किट्स तथा मरीजों के उपचार संबंधी बायोमेडिकल वेस्ट में नागरिकों द्वारा बड़ी संख्या में उपयोग किये जा रहे मास्क तथा अन्य उपकरणों के उपयोग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। नगरीय विकास तथा आवास विभाग ने वेस्ट के निस्तारण के लिये विभिन्न स्थानों में त्रि-स्तरीय व्यवस्था की है। वेस्ट निस्तारण की पहली व्यवस्था के अंतर्गत अस्पतालों और सेम्पल कलेक्शन सेंटर्स में उपयोग किये गये पीपीई किट्स और मेडिकल वेस्ट का निस्तारण इंसीनेरेशन (incinration) के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। दूसरी श्रेणी में होम क्वारंटाइन तथा क्वारंटाइन स्थानों में प्रयुक्त होने वाले सुरक्षा वस्त्र, मास्क, दस्ताने, ट्यूब, सीरीन्ज, दवाईयां और उपयोग में लायी गयी अन्य वस्तुओं को अलग से पीले रंग के बैग में संकलित कर ऐसे आवासों/स्थानों से पृथक वाहन के माध्यम से इंसीनेरेशन फेसेलिटी संचालित करने वाले व्यक्ति को इंसीनेरेशन के लिये सौंपी जायेगी। शेष कचरे को घरेलू कचरे की तरह निस्तारित किया जाएगा। तीसरी श्रेणी में अतिरिक्त सामान्य (कोरोना अप्रभावित) नागरिकों के द्वारा उपयोग किये जा रहे मास्क, दस्ताने तथा अन्य उपकरणों को कचरा इकट्ठा करने वाले वाहन में अलग से इकट्ठा कर उनका निस्तारण पहले की तरह डोमेस्टिक हेजार्डस वेस्ट एसडब्ल्यूएम रूल्स 2016 के अनुसार किया जाएगा। प्रदेश के जिन नगरीय निकायों में इंसीनेरेशन की व्यवस्था नहीं है। वे समीप के उन स्थानों/निकायों/अस्पतालों, जहां यह व्यवस्था है, वहां निर्धारित मूल्य पर अनुबंध कर बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। स्वच्छता एप एवं डोर टू डोर कलेक्शन वाहनों में पब्लिक सिस्टम के माध्यम से आम नागरिकों को इस व्यवस्था की जानकारी देने के निर्देश दिये गये है।

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