महिलाओ के जनधन खातों में 500 ध्. रूपए की सहायता राशि का भुगतान
प्रधानमंत्री द्वारा महिलाओं के जनधन खातों में रू.500/- की सहायता राशि जमा की गई। जिसका भुगतान बैंको के माध्यम से किया जा रहा है। अग्रणी जिला प्रबंधक श्री प्रकाश पेंढारकर ने बताया कि जिले के समस्त बैंक शाखाओं द्वारा साशल डिस्टेन्सी का पालन कर भुगतान किया जा रहा है। ग्राहकों को शाखा परिसर में प्रवेश करने से पूर्व सेनीटाइजर दिया जा रहा है। उसके बाद उन्हें शाखा में प्रवेश दिया जा रहा है। शाखा परिसर की भीड को नियंत्रित करने हेतु जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का सहयोग सराहनीय है। बैंक आॅफ इंडिया सीहोर शाखा के मुख्य प्रबंधक श्री प्रमोद पाण्डेय ने बताया कि उनकी शाखा के लगभग 4121 महिला जनधन खातों में राशि आई है। समस्त खाता धारक को शाखा एव ंबी.सी. के माध्यम से राशि दी जा रही है।
कोविड-19 के सुरक्षा दायरे में होगा वनोपज संग्रहण, परिवहन और भण्डारण
प्रदेश में 25 अप्रैल से वनोपज संग्रहण का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। राज्य शासन ने कोरोना संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान लघुवनोपज संग्रहण, प्र-संस्करण, उपचारण, परिवहन, भण्डारण और विपणन कार्यों में संलग्न श्रमिकों और ग्रामीणों को संक्रमण से बचाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन कार्यों के दौरान यदि किसी संग्राहक अथवा वनकर्मी में कोरोना वायरस के लक्षण दिखेंगे, तो उसे तुरंत निकटतम अस्पताल पहुँचाया जायेगा।
मास्क और गमछा के साथ होगा स्वास्थ्य संबंधी निर्देशों का पालन
प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल ने प्रबंध संचालक राज्य लघुवनोपज संघ सहित प्रदेश के सभी संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत से कहा है कि लघु वनोपज के संग्रहण आदि कार्यों में संलग्न कर्मचारी, क्रेता और प्रतिनिधि, श्रमिक और ग्रामीण अनिवार्य रूप से चेहरे को मास्क, फेसकवर, गमछा, रूमाल, दुपट्टे आदि से ढंग कर रखेंगे।
जारी होंगे फोटो परिचय पत्र
तेन्दूपत्ता क्रेताओं और उनके प्रतिनिधियों के लिए वन मंडल अधिकारी अथवा प्रबंध संचालक जिला यूनियन द्वारा पूर्व से निर्धारित परिचय-पत्र जारी किए जायेंगे। इस परिचय-पत्र को ही लघु वनोपज संग्रहण, परिवहन, भण्डारण के लिए मान्य किया जाएगा। राजस्व और पुलिस प्रशासन को इन परिचय-पत्रों के संबंध में कलेक्टर द्वारा अवगत कराया जाएगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों के क्रय के लिए लघु वनोपज संघ द्वारा वन विभाग के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएंगी।
प्रत्येक केन्द्र, गोदाम पर होगा सेनिटाइजर और साबुन
प्रत्येक संग्रहण एवं भण्डारण केन्द्र और गोदाम पर आवश्यक रूप से सेनिटाइजर और साबुन रखा जाएगा। यहां सभी संबंधित के लिये आने और जाने, दोनों समय 20 सेकण्ड तक हाथ धोकर हाथ सेनिटाइज करना जरूरी होगा।
2-2 मीटर की दूर पर होंगे चूने के घेरे
वनोपज संग्रहण आदि कार्यों में संलग्न सभी व्यक्ति आपस में कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाये रखते हुए काम करेंगे। प्रत्येक संग्रहण केन्द पर 2-2 मीटर की दूरी पर चूने का घेरा बनेगा। इन केन्द्रों पर रात में कार्य के लिए उचित प्रकाश व्यवस्था होगी।
राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा, आश्रय और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा
भारत सरकार देश में कोविड-19 को नियंत्रण में रखने के लिए किए गए लॉकडाउन उपायों पर अमल के दौरान प्रवासी मजदूरों और फंसे हुए व्यक्तियों के कल्याण या देख-रेख को काफी हद तक विशेष महत्व देती रही है। कैबिनेट सचिव ने प्रवासी श्रमिकों या मजदूरों की सुरक्षा, आश्रय और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा जारी किए गए विस्तृत दिशा-निर्देशों का प्रभावकारी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। पत्र में राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे सभी जिला कलेक्टरों को मौजूदा स्थिति की तुरंत समीक्षा करने का निर्देश दें। वे प्रवासी मजदूरों से संबंधित मुद्दों में समन्वय और निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं, यदि पहले से ही इनकी नियुक्त नहीं हुई हो। उधर, महानगरीय क्षेत्रों में नगर निगम आयुक्तों को कल्याणकारी उपायों पर अमल करने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पत्र में यह भी कहा गया है, कि सभी जिले प्रवासी मजदूरों एवं फंसे हुए व्यक्तियों की व्यापक गणना कर सकते हैं और वे उन्हें भोजन एवं आश्रय प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करेंगे। पत्र में निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक राहत शिविर का प्रभारी एक वरिष्ठ अधिकारी होना चाहिए। यही नहीं, वे लॉकडाउन की अवधि के दौरान सभी फंसे हुए व्यक्तियों और प्रवासी मजदूरों को भोजन मुहैया कराने के लिए सिविल सोसायटी संगठनों और मध्यान्ह भोजन सुविधाओं के नेटवर्क का भी सहयोग ले सकते हैं। पत्र में यह भी कहा गया है, कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुसार इस तरह के व्यक्तियों को मानसिक-सामाजिक परामर्श भी प्रदान किया जा सकता है।
22 अप्रैल से मंडल परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का होगा मूल्यांकन
लॉकडाउन के कारण इस वर्ष प्रदेश में संचालित हाई-स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य 22 अप्रैल से प्रारंभ किया जायेगा। मूल्यांकन का यह कार्य गृह मूल्यांकन (HOME VALUATION) प्रक्रिया से कराया जायेगा। सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस संबंध में शीघ्र ही विस्तृत निर्देश जारी किये जाएंगे।
कोरोना वायरस की जांच हेतु जिले से पिछले 24 घंटों में भेजे गए 4 सेंपल अभी तक कुल 85 सेंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई
स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा मैदानी स्तर पर ग्राम एवं शहरी वार्डो में निरंतर घर-घर सर्वे कर विदेश से सीहोर जिले में लौटे तथा अन्य जिलों व राज्यों से व्यक्तियों की खोजबीन की जा रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में अन्य राज्यों व अन्य जिलों से आए हुए करीब 1489 व्यक्तियों की पहचान व पता लगाकर उनकी तत्काल स्क्रीनिंग की गई तथा उन्हें होम क्वारेंटाईन किया गया है। सीहोर जिले में अन्य जिलों अथवा राज्यों से लौटे हुए यात्रियों की संख्या अब तक कुल 26517 है। उन्हें होम कोरेंटाईन से संबंधित गाईड लाईन की जानकारी प्रदान कर सख्त हिदायत दी गई है कि होम कोरेंटाइन गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर डेहरिया ने जानकारी दी कि जिले में अन्य देशों से सीहोर पहुंचे कुल व्यक्तियों की संख्या 232 है जिनमें से 184 लोगों की अब तक स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 1489 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गई जो अन्य राज्यों और अन्य जिलों से लौटे थे इन सभी व्यक्तियों की तत्काल स्क्रीनिंग कर इन्हें 18 अप्रैल को ही होम कोरेंटाईन कर दिया गया है जिले में अब तक होम कोरेंटाईन किए गए व्यक्तियों की संख्या 26517 है। डॉ.डेहरिया ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान ऐसे व्यक्ति जो विदेश से सीहोर जिले में नहीं लौटे थे परंतु अन्य जिलों एवं राज्यों से लौटे थे और विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा घर-घर सर्वे के दौरान चिन्हित किए गए। अब तक 20653 व्यक्तियों का होम कोरेंटाइन पूर्ण किया जा चुका है। जिले से अब तक 105 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 85 की रिपोर्ट अब तक निगेटिव प्राप्त हुई है। शनिवार को ही 4 सेम्पल जांच के लिए भोपाल भेजे गए है। 4 सेंपलों सहित कुल 16 सेंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। आज की स्थिति में हास्पिटल आईसोलेशन, कोरोना संक्रमण पाजीटिव मरीजों की संख्या शून्य है। विभाग की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर 7247704181 है इस नंबर पर बाहर से बाहर से आए हुए व्यक्तियों की जानकारी 24 घंटे दी जा सकती है। वहीं कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी 24 घंटे के लिए काल सेंटर बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर 9893635076 है इस नंबर पर संपर्क कर कोविड-19 के संबंध में किसी प्रकार की सलाह ली जा सकती है 24 घंटे संचालित उक्त काल सेंटर में चिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिनके द्वारा विदेश, अन्य राज्यों व जिलों से आकर होम कोरेंटाइन किए गए व्यक्तियों को फोनकर प्रतिदिन फीडबैक लिया जाता है तथा इसकी जानकारी जिला स्तरीय नोडल अधिकारी, संबंधित ब्लाक मेडिकल आफिसर को तत्काल दी जाती है। वहीं जिला चिकित्सालय सीहोर में टेलीमेडिसिन सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-401259 है यहां पर टेलीमेडिसिन के संबध में उचित सलाह ली जा सकती है।
खेतों में नरवाई नहीं जलाने की अपील
किसान कल्याण किसानों से अपील की है कि फसल कटने के बाद बचे हुए के अवशेषों (नरवाई) को खेतों में न जलायें क्योंकि-यह खेती के लिये आत्मघाती कदम है। जिससे जन-धन को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है व मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं, नरवाई में आग लगाने से भूमि में उपलब्ध जैव विविधता समाप्त होती है, भूमि में उपस्थित सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है, सूक्ष्म जीवों के नष्ट होने के फलस्वरूप जैविक खाद का निर्माण बंद हो जाता है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्णय अनुसार नरवाई जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, वातावरण के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे धरती गर्म हो जाती है, कार्बन, नाईट्रोजन तथा फॉस्फोरस का अनुपात कम हो जाता है और केंचुए नष्ट हो जाते हैं, जिस कारण भूमि की उर्वरक क्षमता खत्म हो जाती है।
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