सरायकेला जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र हंसाडूंगरी में ग्रामीणों ने अनोखी पहल की है. ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से चंदा एकत्र कर सहयोग करते हुए रोजाना सैकड़ों लोगों को भरपेट भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सरायकेला जिले में जारी लॉकडाउन के बीच हंसाडूंगरी बस्ती में स्थानीय लोगों ने आपसी एकता की अनोखी मिसाल पेश की है.
सरायकेला (आर्यावर्त संवाददाता) : कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम को लेकर सरायकेला जिले में प्रशासन के साथ-साथ कई सामाजिक संगठन और संस्थाएं काम कर रहे हैं. इस बीच दिहाड़ी मजदूर और लॉकडाउन में फंसे लोगों को रोजाना भोजन उपलब्ध कराने का जिम्मा भी कई संगठनों ने उठाया है. वहीं, सरायकेला जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र हंसाडूंगरी में ग्रामीणों ने अनोखी पहल की है. ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से चंदा एकत्र कर सहयोग करते हुए रोजाना सैकड़ों लोगों को भरपेट भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सरायकेला जिले में जारी लॉकडाउन के बीच हंसाडूंगरी बस्ती में स्थानीय लोगों ने आपसी एकता की अनोखी मिसाल पेश की है. पिछले 5 दिनों से ग्रामीण रोजाना अपने घरों से राशन या पैसे इकट्ठे कर श्रमदान करते हुए लॉकडाउन में फंसे 300 लोगों को रोजाना भरपेट भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. हंसाडूंगरी के इस बस्ती में स्थानीय वार्ड पार्षद श्रवण सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने 5 दिनों पूर्व यह पहल शुरू की. इसके तहत लोगों ने अपने घरों से राशन एकत्र किया. इसके अलावा आपसी सहयोग से चंदा भी जमा किया गया और ग्रामीणों ने सेवा सहायता शिविर की शुरुआत की, जहां रोजाना एक वक्त का भोजन जरूरतमंदों को कराया जा रहा है. खासकर इस शिविर में मजदूर, फैक्ट्रियों में काम करने वाले कामगार अपने परिवार के साथ आकर भरपेट भोजन करते हैं. ग्रामीणों के इस सेवा सहायता शिविर में कभी खिचड़ी तो कभी चावल-दाल, सब्जी बनाया जाता है. खुद ग्रामीण श्रमदान करते हुए रोजाना यहां भोजन तैयार कर रहे हैं, जबकि लॉकडाउन में इन ग्रामीणों का यह प्रयास काबिले तारीफ है.
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