बेगूसराय से पटना तक की हवाई दूरी 99 किलोमीटर है जबकि बेगूसराय से पटना के बीच सड़क मार्ग की दूरी 124 किलोमीटर है एवं रेलगाड़ी से 125 किलोमीटर है। यहां आप पटना से बेगूसराय तक आसानी से पहुंच सकते हैं। इधर से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। तेघड़ा थाना क्षेत्र में जंगल में पड़े शव को पुलिस ने जानवरों की तरह खींच कर लाया....
पटना,06 मई। बिहार के बेगूसराय जिले की घटना है। जिले के तेघड़ा थाना क्षेत्र की बताई जा रही है। तेघड़ा थाना को सूचना मिली कि बांध के निकट शव पड़ा हुआ है। पुलिस सूचना के कई घंटे बाद दल बल के साथ मौके पर पहुंची। जंगल में पड़ा शव के पैर में रस्सी बांधकर घसीटते हुए जंगल से बाहर निकाला। इस तरह शव को अपने कब्जे में लिया। पुलिस के सामने समस्या उत्पन्न हो गयी। कैसे शव को थाना में ले जाया जाए! एक तरकीब निकाले कि तो बांस में शव को लटका कर लिया जाए। जानवरों की तरह बांस में लटका लिया। यहीं पर बेगूसराय पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आ गया। उन्होंने शव को जानवरों की तरह बांस में बांधकर लटका ले जाने लगे। इस तरह शव के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। बताया जाता है कि तेघड़ा थाना की पुलिस सुस्त और अपराधी चुस्त हैं। कुछ दिन पहले 6 साल की बच्ची के साथ मुंह काला किया गया था। संपूर्ण लाॅकडाउन लागू होने से पुलिस सड़क पर हैं। अभी लॉकडाउन का 3.0 चरण चल रहा है लेकिन इसका अपराधियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। अपराधी हत्या जैसी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। अपराध की खबर तब मिलती है जब शव बरामद होता है। यह एक बेगूसराय का मामला नहीं है। जहां बांध किनारे जंगल में एक अज्ञात युवक का शव पुलिस ने बरामद किया है। युवक की बेरहमी से हत्या के बाद शव को जंगल में फेंक दिया गया था। मौके पर पुलिस ने कहा कि शव की पहचान नहीं हुई है कि युवक कौन है, उसकी हत्या किसने और क्यों की है। फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि शव देखने से ऐसा लगता है कि युवक की हत्या पीट-पीटकर करने के बाद यहां जंगल में फेंक दिया है।चार घंटे के बाद पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, घटना तेघड़ा थाना क्षेत्र के बरौनी 1 के कसवा गांव की बताई जा रही है। दरअसल कल शाम में ही चारा काटने गए कुछ लोगों ने शव को देखा था। जिसके बाद आज सुबह पुलिस को शव पड़े होने की सूचना दी गई। पुलिस सूचना के कई घंटे बाद दल बल के साथ मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया।
आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका का मानवीय चेहरा
बिहार की राजधानी पटना रेड जोन में है जिससे सूबे में खतरा बढ़ा हुआ है। इसपर नियंत्रण स्थापित किए जाने के लिए प्रशासन लगातार कड़ी कदम उठा रही है। इसके तहत केंद्र सरकार के द्वारा गैर जरूरी दुकानें खोले जाने को लेकर आदेश जारी किया गया था लेकिन जिले कि स्थिति देखते हुए इसका निर्णय किए जाने का अधिकार जिलाधिकारी को दे दिया गया। पटना के डी एम कुमार रवि ने बड़ा आदेश जारी किया है जिसके तहत उन्होंने कहा है कि पटना रेड जोन में है इस वजह से यहां काफी कड़ाई रहेगी और छूटें नहीं दी जाएगी। राजधानी में सरकारी कार्यालय में कार्य किए जाएंगे लेकिन निजी कार्यालय को बन्द रखा जाने का आदेश दिया गया है। जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा है कि को निजी संस्थान आदेश का पालन नहीं करेंगे उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी कर्मी जिनके पास अपने वाहन नहीं है उन्हें लाए जाने के लिए वाहन का प्रबंध विभाग करेगी। रेड जोन होने के वजह से पटना में किसी तरह की कोई छूट नहीं दी जा रही है और प्रशासन पूरी तरह लॉक डाउन का पालन करवाया जा रहा है। पटना जिला रेड जोन में है। इसलिए सोमवार से शुरू लॉकडाउन 3-0 के दौरान कोई नई छूट नहीं मिलेगी। डीएम कुमार रवि ने कहा कि जिले में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले की तरह केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। अन्य दुकानें, मॉल आदि पहले की तरह बंद रहेंगे। पास लेने के बाद मोटरसाइकिल पर केवल एक व्यक्ति और चारपहिया वाहन पर ड्राइवर के अलावा दो लोगों को बैठने की अनुमति होगी। इस बीच डीएम कुमार रवि ने कहा कि इस समय एक आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका के बाते में विशेष रूप से उल्लेख करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि आज भी आईसीडीएस टीम में मानव सेवा करने वाले लोग हैं। उसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विमला कुमारी हैं। जो पटना शहर में काम कर रही हैं और सर्वेक्षण कार्य में जुटी हुई हैं। उनको विभाग की ओर से छुट्टी दी गयी थी। परन्तु विमला कुमारी ने छुट्टी को लेना स्वीकार नहीं की है। उनका कहना है कि यह मेरा पोषण क्षेत्र है। एक-एक घर और उनके परिवार के लोगों को जानती और पहचानती हूं। मैं कोरोना काल में परिवार को कैसे छोड़ सकती हूं। डीएम ने कहा कि उनका महान स्तर का समर्पण और प्रतिबद्धता की दिशा में काम है। कोरोना वाॅरियस को ताली बजाकर हौसल्ला बढ़ाया गया।
सर्वे करने गई टीम को कुछ लोगों ने सर्वे करने से रोका
खाजपुरा इलाके में कोरोना पॉजिटिव केस के बाद हॉट स्पॉट बना इलाके में लगातार घरों का स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे कर रही है। कोरोना के संक्रमित लोगों की पहचान के लिए पटना जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के चिन्हित इलाके में घरों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। सर्वेक्षण के लिए जिलाधिकारी ने आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिया है। वहीं मंगलवार को राजा बाजार के मछली गली और उससे सटे समनपुरा की गलियों में सर्वे करने गयी टीम को परेशानी उठानी पड़ी। मछली गली में सर्वेक्षण कर रहे स्वास्थ्य विभाग की टीम के डॉ. दीपांकर से बात हुई तो उन्होंने बताया कि राजाबाजार के 2 किलोमीटर के अंदर सभी गली और घर में सर्वे हो रहा है लेकिन वार्ड 5 के मदरसा गली और माप तौल गली में सर्वे करने गई टीम को कुछ लोगों ने सर्वे करने से रोक दिया। बता दें लगभग 20 दिन पूर्व मरकज से आये हुए 17 विदेशियों को राजाबाजार के समनपुरा में ही फैज अपार्टमेंट में 14 दिनों के लिये क्वारंटाइन किया गया था, उसी समय से यह इलाका संवेदनशील बना हुआ था। राजधानी पटना में अब तक 15 कंटेनमेंट जोन चिह्नित हो चुके हैं। खास बात यह है कि बेली रोड पर शेखपुरा से लेकर जगदेव पथ तक सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन हैं, कंटेनमेंट जोन होने के कारण फिलहाल उस इलाके के रहने वाले हजारों लोगों को बाहर तक निकलने की मनाही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें