- अमरेन्द्र पांडेय की सदस्यता खारिज होने तक आंदोलन रहेगा जारी.
- हत्यारों के पक्ष में सड़क पर उतरने वालों पर एफआईआर नहीं, आंसू पोंछने गए माले नेताओं पर मुकदमा.
- भाजपा-जदयू जैसी पार्टियां सामंती-अपराधियों को दे रही संरक्षण.
पटना 31 मई, गोपालगंज में घटित रूपनचक जनसंहार के मुख्य साजिशकर्ता जदयू के बाहुबली विधायक अमरेन्द्र पांडेय की विधानसभा सदस्यता अविलंब खारिज करने, उनको अविलंब गिरफ्तार करने, जनसंहार पीड़ितों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने व गांव में पुलिस कैंप की व्यवस्था करने की मांग पर आज भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में विरोध दिवस का आयोजन किया. राज्य कार्यालय में माले राज्य सचिव कुणाल, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, प्रदीप झा आदि नेताओं ने धरना दिया और अपने गुस्से का इजहार किया. विधायक सत्यदेव राम ने सिवान, सुदामा प्रसाद ने आरा व महबूब आलम ने कटिहार में धरना दिया. चितकोहरा में पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव; अपने आवास पर केडी यादव; पटना जिला कार्यालय में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य अमर, खेग्रामस नेता दिलीप सिंह आदि नेताओं ने धरना दिया.
माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि विगत 28 मई को हमारी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल रुपनचक गया था और जनसंहार पीड़ितों से मुलाकात की थी. आज हमें पता चला है कि हमारी पार्टी के विधायक सत्यदेव राम, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव सहित अन्य तमाम लोगांे पर प्रशासन ने मुकदमा थोप दिया है. इसके पहले तेजस्वी यादव व अन्य राजद नेताओं पर भी मुकदमा थोपा गया था. यह लाॅकडाउन की ओट में लोकतंत्र का दमन है. हमें पता चला है कि हत्यारों के पक्ष में सामंती-अपराधियों ने सड़क जाम किया था. उन पर कोई मुकदमा नहीं हुआ, लेकिन जनसंहार पीड़ितों के आंसू पोंछने गए माले नेताओं पर मुकदमा थोप दिया गया है. सामंती-अपराधी जनसंहार रचाने से बाज नहीं आ रहे, लेकिन जो लोग उस घटना का विरोध कर रहे हैं, सरकार व प्रशासन उनलोगों पर मुकदमा थोप दे रही है. सरकार की यह कार्रवाई बेहद निंदनीय है. चितकोहरा में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य व खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा ने बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर घोर चिंता व्यक्त की और इस पर रोक लगाने की मांग की. कहा कि लाॅकडाउन के नाम पर दबंग व अपराधियों का मनोबल आज सर चढ़ कर बोल रहा है और वे लगातार हमलावर हैं. कहा कि भाजपा-जदयू द्वारा सामंती-अपराधियों को लगातार संरक्षण दिया जा रहा है, यही वजह है कि इन ताकतों का मनोबल काफी बढ़ गया है. रुपनचक जनसंहार भाजपा-जदयू प्रायोजित जनसंहार है.
आज के राज्यव्यापी प्रतिवाद के तहत गोपालगंज जिला कार्यालय और प्रखंड कार्यालयों व अनेक गांवों में माले नेताओं ने प्रतिरोध किया. जिला कार्यालय पर जिला सचिव इंद्रजीत चैरसिया, अजातशत्रु, विद्या प्रसाद, रीना शर्मा, जोगिंदर शर्मा आदि नेताओं ने धरना दिया. माले जिला सचिव ने कहा कि जदयू के हथुआ विधायक व समाज कल्याण मंत्री आज तक पीड़ितों से मिलने तक नहीं गए हैं, जबकि सामंती-अपराधियों से उनकी गलबहियां है. भोरे प्रखंड मुख्यालय पर सुभाष पटेल, लालबहादुर सिंह, अर्जुन सिंह, राघव प्रसाद सिंह, धर्मन्द्र चैहान; विजयीपुर में प्रखंड सचिव राजेश यादव, जितन्द्र पासवान, श्री रामकुशवाहा; माझाा में धर्म प्रसाद, जितेन्द्र यादव; बरौली में सुभाष सिंह रामइकबाल प्रसाद, फुलवरिया में अखिलेश सिंह, सीमा देवी आदि नेताओं ने धरना दिया. राजधानी पटना में इन्हीं सवालों पर कंकड़बाग में प्रदर्शन हुआ. जिसमें पार्टी की राज्य कमिटी के सदस्य रणविजय कुमार, पन्नालाल, अनुराधा देवी, अशोक कुमार आदि नेता शामिल हुए. दीघा में पार्टी के कार्यकारी पटना नगर सचिव जितेन्द्र कुमार, रामकल्याण सिंह, ओमप्रकाश पासवान, दिलीप कुमार, वशिष्ठ यादव, मीना देवी, अनुराधा देवी आदि नेताओं ने विरोध दिवस का आयोजन किया. लालू नगर में माले नेता जितेन्द्र कुमार, सत्येन्द्र शर्मा, उमा पासवान, उमेश प्रसाद, राज कुमार पासवान, पूनम देवी समेत अन्य लोगों ने हिस्सा लिया. मंदिरी में इनौस नेता विनय कुमार, माले नेता पुनीत कुमार, विजय यादव आदि ने विरोध दर्ज किया. दीघा में अनिता सिन्हा व प्रो. अरविंद कुमार भी कार्यक्रम में शामिल हुए. पटना ग्रामीण के फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी, धनरूआ, बेलछी, फतुहा, नौबतपुर, पुनपुन, दुल्हिनबाजार, पालीगंज आदि प्रखंडों के सैंकड़ों गांवों में प्रतिवाद किया गया. भोजपुर में इन्हीें सवालों पर पार्टी की केंद्रीय कमिटी के सदस्य राजू यादव, राज्य कमिटी सदस्य व तरारी विधायक सुदामा प्रसाद, नगर सचिव दिलराज प्रीतम, जितेन्द्र सिंह, राजनाथ राम, गोपाल प्रसाद, सुरेश पासवान आदि नेताओं ने धरना दिया. कोईलवर के गांधी टोला, भोपतपुर, दुर्जनचक, मानिकपुर, जमलापुर आदि गांवों में प्रतिरोध दिवस मनाया गया. जहानाबाद में माले नेता रामबलि सिंह यादव ने आज के कार्यक्रम का नेतृत्व किया. अरवल, दरभंगा, गया, नालंदा, नवादा, रोहतास,भ् भागलपुर, सिवान, चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, गया आदि जिलों में भी कार्यक्रम लागू हुए.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें