जेपीएससी घोटाले के विरोध में युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने सरकार का विरोध करते हुए निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि छठे जेपीएससी परिणाम की अधियाचना रद्द करने और मेधा घोटाले की सीबीआई जांच है.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : झारखंड लोक सेवा आयोग के छठे जेपीएससी परिणाम में व्याप्त विसंगतियों और फर्जीवाड़ों के खिलाफ आंदोलित छात्रों के समर्थन में पूर्व विधायक और युवा भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी आगे आये हैं. बता दें कि मंगलवार शाम को उन्होंने जेपीएससी घोटाला के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों के अनुरोध पर 'हल्ला बोल' अभियान का समर्थन कर घर से ही विरोध जताया. जेपीएससी के जरिए ठगे गये अभ्यर्थियों ने सरकार का ध्यानाकृष्ट करने के उद्देश्य से घरों से घंटी बजाकर विरोध जताया. भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने भी छात्रों की मांगों का समर्थन करते हुए छठे जेपीएससी परिणाम की अधियाचना रद्द करने और मेधा घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग उठाई है. उन्होंने इस प्रकरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी तीखा हमला करते हुए झारखंड सरकार की मंशा पर सवाल उठाये. भाजपा नेता षाड़ंगी ने मेधा घोटाला मामले में सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए पूछा कि पिछली सरकार में सदन बाधित करने वाले लोग आज अपनी सत्ता में मौन क्यों हैं ? जबकि जेपीएससी में विसंगतियां और भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी यथावत हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दरम्यान देर रात 9:30 बजे परीक्षा परिणाम के घोषणा की ऐसी कौन सी हड़बड़ी थी जिसे टाला न जा सका ? पूर्व विधायक ने झारखंड लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक ज्ञानेंद्र कुमार को बर्खास्त करने और छठी जेपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग उठाई. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई तो निश्चित जीत लेगा, लेकिन जेपीएससी में भ्रष्टाचार के वायरस का अब उपचार न हुआ तो मेधावी छात्रों को अवसर से वंचित होना पड़ेगा
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