दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) माध्यमिक, प्राथमिक, नियोजित शिक्षकों की हड़ताल स्थगन को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ बुद्धिजीवियों के द्वारा प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं तथा उनका मानना है कि इस 72 दिनों की हड़ताल में शिक्षकों को कुछ भी हाथ नहीं लगा। ऐसे लोगों का विचार सर्वथा अनुचित लगता है तथा ऐसा जान पड़ता है कि उन्हें आंदोलन का कोई अनुभव नहीं है।पूर्व विधान पार्षद डॉ बिनोद चौधरी ने कहा कि शिक्षक संघ के जिन नेताओं ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया वे काफी अनुभवी है तथा उनके नेतृत्व में कई बड़े बड़े आंदोलनों में शिक्षक संघ की जीत हो चुकी है। सर्व श्री शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, श्री केदार पांडे, श्री बृजनंदन शर्मा जैसे व्यक्ति जिस आंदोलन का नेतृत्व करें उसके स्थगन संबंधी निर्णय पर सवाल उठाने की आवश्यकता नहीं है। यह सारे नेता जिन्होंने इस आंदोलन का 72 दिनों तक नेतृत्व किया वे सभी वंदनीय है तथा जिन कर्म वीरों ने इस आंदोलन में भाग लिया वह सभी पूजनीय हैं। उन्होंने कहा इस आंदोलन के क्रम में जिन्होंने अपना बलिदान दिया वह सभी श्रद्धांजलि एवं नमन के पात्र हैं। संघ उन्हें सदा याद रखेगा। कोरोना संक्रमण के समय में संघ एवं सरकार का निर्णय परिस्थिति जन है आंदोलन का एक सिद्धांत यह भी है की पूरी सफलता के लिए एक कदम आगे तो कभी एक कदम पीछे भी हटाना पड़ता है। कोरोना संक्रमण के बाद वार्ता का निमंत्रण तो अपर मुख्य सचिव श्री आरके महाजन ने दिया ही है इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। बीच का जो समय है कोरोना वायरस से अपने आप को सुरक्षित रखते हुए सभी अपनी अपनी उर्जा का संचय करें।
बुधवार, 6 मई 2020
दरभंगा : शिक्षकों की हड़ताल स्थगन को लेकर प्रश्न अनुचित : बिनोद
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