नयी दिल्ली, 04 मई, भारत के चार पहलवान टोक्यो ओलम्पिक के लिए देश को कोटा दिला चुके हैं और शेष पहलवानों को अपनी ओलम्पिक उम्मीदों के लिए मार्च 2021 तक इन्तजार करना होगा। कुश्ती की विश्व संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने टोक्यो ओलम्पिक खेलों के लिए कॉन्टिनेंटल क्वालीफायर्स के मेजबान देशों की घोषणा की है कि चीन, मोरक्को और हंगरी क्वालीफायर्स की मेजबानी करेंगे। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण टोक्यो ओलम्पिक को जुलाई 2021 तक स्थगित कर दिया गया है। अगले वर्ष सबसे पहला क्वालीफायर चीन के जियान शहर में होगा जिसमें भारतीय पहलवानों को अपनी चुनौती पेश करने का मौका मिलेगा। भारत के अब तक चार पहलवानों दीपक पुनिया (86 किग्रा), बजरंग पुनिया (65 किग्रा), रवि दहिया (57 किग्रा) और विनेश फोगाट (53 किग्रा) ने पिछले वर्ष की विश्व चैंपियनशिप में पदक हासिल करने के अपने प्रदर्शन के जरिये ओलम्पिक कोटा हासिल किया था और उनका यह कोटा अगले वर्ष भी बना रहेगा। मोरक्को का अल जदीदा अफ्रीका और ओसनिया के संयुक्त क्वालीफायर की मेजबानी करेगा जबकि हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में यूरोपियन क्वालीफायर होगा। सभी तीनों कॉन्टिनेंटल क्वालीफायर अगले वर्ष मार्च में होंगे और हर श्रेणी में दो स्थान उपलब्ध होंगे। बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में विश्व क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट होगा जिससे ओलम्पिक के लिए आखिरी स्थान निर्धारित होंगे। भारत ने पिछले तीन ओलम्पिक में कुश्ती में लगातार पदक जीते हैं। सुशील कुमार ने 2008 के बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक, सुशील ने 2012 के लंदन ओलम्पिक में रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक तथा साक्षी मालिक ने 2016 के रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता था। भारत ने टोक्यो ओलम्पिक के लिए पुरुष फ्री स्टाइल में तीन और महिला वर्ग में एक कोटा हासिल किया है। ग्रीको रोमन वर्ग में भारत को अभी तक कोई कोटा नहीं मिला है। अगले साल चीन में होने वाले क्वालीफायर में भारतीय पहलवानों को कोटा हासिल करने का पहला मौका मिलेगा। ओलम्पिक क्वालीफायर में सबसे दिलचस्प स्थिति 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में रहेगी जिसमें ओलम्पिक टिकट पाने के लिए घमासान छिड़ेगा। इस वर्ग में सुशील ने पिछले साल जितेंद्र को हराकर विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था लेकिन विश्व चैंपियनशिप में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और वह कोटा नहीं हासिल कर सके थे। सुशील हाथ की चोट के कारण इस साल इटली में रैंकिंग टूर्नामेंटों और एशियाई चैंपियनशिप में नहीं उतरे थे जबकि जितेंद्र ने ट्रायल जीतकर एशियाई चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था और रजत पदक जीता था जिससे ओलम्पिक क्वालीफाई टूर्नामेंट में उतरने का उनका दावा मजबूत हो गया है। सुशील ने कुश्ती महासंघ से ट्रायल टालने का अनुरोध किया था लेकिन महासंघ ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया था। इस बीच डोपिंग के कारण चार वर्ष का प्रतिबंध झेल रहे पहलवान नरसिंह यादव भी अब टोक्यो ओलम्पिक की होड़ में शामिल हो सकते हैं।नरसिंह पर लगा प्रतिबंध जुलाई में समाप्त हो जाएगा और इसके बाद उनके अखाड़े में उतरने का रास्ता साफ़ हो जाएगा। यदि टोक्यो ओलम्पिक अपने निर्धारित समय 24 जुलाई से आयोजित होते तो नरसिंह ओलम्पिक में हिस्सा नहीं ले पाते लेकिन ओलम्पिक 2021 तक स्थगित किये जाने से नरसिंह को एक मौका मिल सकता है। 74 किग्रा वर्ग में अब तीन दावेदार जितेंद्र, सुशील और नरसिंह रहेंगे।
मंगलवार, 5 मई 2020
भारतीय पहलवानों को मार्च तक करना होगा इन्तजार
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