रांची (आर्यावर्त संवाददाता) लॉकडाउन के कारण राजधानी के कई निजी अस्पताल की इमरजेंसी सेवा चालू होने का दावा सिर्फ कागजों में ही है. रविवार को इसका जीता जागता प्रमाण देखने को मिला, जब अखबार के एक फोटो जर्नलिस्ट विनय मुर्मू अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर घुमता रहा. वह पत्नी को लेकर हरमू स्थिति एक निजी अस्पताल गया, लेकिन वहां बताया गया कि अभी कोई डॉक्टर नहीं है. आप उसे रिम्स या सदर अस्पताल ले जाइये. वह पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचा, लेकिन वहां इमरजेंसी बंद मिला. सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद ने डोरंडा अौषधालय ले जाने के लिए कहा, लेकिन वहां पहुंचने पर पता चला कि कोई महिला डॉक्टर नहीं है. गर्भवती महिला को रिम्स ले जाने के लिए रेफर कर दिया गया. इसी बीच गर्भवती महिला की स्थिति बिगड़ने लगी तो प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष पिंटू दुबे से फोटो जर्नलिस्ट ने संपर्क किया. इसके बाद दोनों पत्रकार मिल कर गर्भवती महिला को गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराये. यहां डॉक्टरों ने बताया कि पेट में ही बच्चे की मौत हो गयी है. ऑपरेशन कर मृत बच्चे की डिलिवरी का प्रयास देर रात का जारी था
सोमवार, 4 मई 2020
गर्भवती पत्नी को लेकर घुमता रहा छायाकार, नहीं हुआ समय पर इलाज, बच्चे की मौत
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