दलमा वन क्षेत्र में इस बार आदिवासी समुदाय के लोग लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं करेंगे और अपने परंपरागत शिकार पर्व सेंदरा को सांकेतिक रूप से ही मनाएंगे. वन विभाग के अधिकारी वन क्षेत्र में लॉकडाउन अनुपालन को लेकर तैयारियों में जुट गए हैं.
सरायकेला: कोरोना वायरस रोकथाम को लेकर केंद्र समेत राज्य सरकार ने लॉकडाउन 3 की घोषणा 17 मई तक कर दी है. इस बीच सामाजिक दूरी बनाए रखना अति आवश्यक है. इधर सरायकेला जिले के दलमा वन क्षेत्र में आदिवासियों के प्रमुख शिकार पर्व 'सेंदरा' को इस बार सांकेतिक रूप से बनाया जाएगा, ताकि लॉकडाउन का अनुपालन हो. झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में आदिवासी समुदाय हर साल वैशाख महीने में परंपरागत शिकार पर्व विशु सेंदरा मनाते हैं. इस मौके पर दलमा के वन क्षेत्र में सेंदरा पर्व मनाने बड़ी संख्या में ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आदिवासी समुदाय के लोगों का जुटान होता है. जहां आदिवासी समुदाय के लोग परंपरागत तरीके से पूजा-पाठ कर पहाड़ियों में विशु शिकार पर्व सेंदरा मनाते हैं और जंगली जानवरों का शिकार करते हैं. लेकिन लॉकडाउन 3 के अनुपालन को लेकर इस बार वन विभाग के आग्रह पर आदिवासी समुदाय के लोगों ने सांकेतिक रूप से शिकार पर्व मनाने का निर्णय लिया है. दलमा वन क्षेत्र में इस बार समुदाय के लोग लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं करेंगे और अपने परंपरागत शिकार पर्व सेंदरा को भी सांकेतिक रूप से ही मनाएंगे. इससे पहले आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा एक ज्ञापन वन विभाग को सौंपा गया है. जिसमें इस बात की पुष्टि की गई है कि आदिवासी समुदाय के लोग इस बार शिकार पर्व में हिस्सा नहीं लेंगे. इधर दलमा वन क्षेत्र में वन विभाग के अधिकारी वन क्षेत्र में लॉकडाउन अनुपालन को लेकर तैयारियों में जुट गए हैं.
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