- उम्दा व्याख्यानों का बनेगा बैंक :- कुलपति
- स्क्रीनिंग कमेटी करेगी निगरानी, डीन होंगे अध्यक्ष
- नया शैक्षणिक कलेंडर होगा जारी, लॉक डाउन के पालन में रहेगी सख्ती।
दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) लॉक डाउन के कारण ई-लर्निंग एवं सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्मों पर अब जैसा-तैसा लेक्चर लोड कर औपचारिकता निभाना दूर की बात होगी। शनिवार को संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति का कार्यभार संभालने के तुरंत बाद प्रो० राजेश सिंह ने इसको लेकर पूरा पिक्चर साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि राजभवन के दिशा निर्देश पर वाट्सएप्प, ईमेल, वेबसाईट समेत अन्य माध्यमों के जरिये पाठ्यक्रमों की वीडियो, ऑडियो, या फिर हस्त लिखित मैटर आदि छात्रों तक पहुंचाए जा रहे हैं लेकिन अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि ये सभी पाठ्य सामग्री उच्च स्तर के नहीं होते हैं जबकि उनकी इच्छा है कि विषय वार उम्दा किस्म के सभी लेक्चरों को संकलित कर उसका बैंक बनाया जाए। इसके लिए वीसी प्रो० सिंह ने उपकुलसचिव डॉ० सुनील कुमार झा को छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो० शिवकांत झा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय लेक्चर स्क्रीनिंग कमेटी गठित करने को कहा। विभागों एवं कालेजों से आने वाले सभी व्याख्यानों के गुणवत्ता स्तर को यही कमेटी परखेगी और उसके बाद ही उसे विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकेगा। इस आशय की सूचना सभी प्रधानाचार्यों एवम विभागाध्यक्षों को प्रेषित करने के लिए उपकुलसचिव को उन्होंने निदेशित किया। वीसी ने प्रस्तावित इस एकेडमिक बैंक की उपयोगिता को विस्तार से परिभाषित किया और कहा कि यह छात्रों के लिए बहुत ही लाभदायक रहेगा। इसी क्रम में वीसी ने कहा कि चार पांच दिनों के भीतर यूजीसी के हालिया गाइड लाइन के मुताबिक नया शैक्षणिक कलेंडर जारी होगा। परीक्षा आदि के कार्यक्रमों को भी संशोधित किया जाएगा। इसके पूर्व नवनियुक्त वीसी ने विश्वविद्यालय से संबंधित कई जानकारी ली और कहा कि इस विश्वविद्यालय की गरिमा व प्रतिष्ठा काफी ऊंची रही है। उनका भरसक प्रयास होगा कि यहां कम समय में यादगार काम हो सके। इसके लिए मिलकर और आगे प्लानिंग की जाएगी। वीसी ने कार्यरत सभी कर्मियों के लिए मास्क एवं सेनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य बताया। उक्त जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के पीआरओ निशिकांत ने बताया कि बहुत ही सादगी से फिजिकल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करते हुए प्रो० सिंह ने कुलपति कार्यालय में कार्यभार संभाला। निवर्तमान प्रोवीसी प्रो० चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने पाग व चादर से उनका स्वागत किया। इनका भी कार्यकाल आज ही समाप्त हो रहा था। इसीलिए प्रभारी कुलपति प्रो० सिंह ने भी प्रोवीसी प्रो० सिंह को संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से पाग चादर से सम्मानित किया। निवर्तमान कुलपति प्रो० सर्व नारायण झा 1 मई को ही मुख्यालय छोड़ चुके हैं। मौके पर चुनिंदा पदाधिकारी प्रो० शिवकांत झा, प्रो० श्रीपति त्रिपाठी, प्रो० दिलीप कुमार झा, वित्त पदाधिकारी श्री रतन कुमार समेत सिंडिकेट सदस्य प्रो० अजित कुमार चौधरी मुख्य रूप से मौजूद थे।
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