जमशेदपुर में निजी स्कूलों का लाॅकडाउन के समय में फीस लेने का मामला अभिभावकों को लगातार परेशान कर रहा है. वहीं, निजी स्कूलों का कहना है कि बिना फीस लिए वो अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे सकते. स्कूल प्रबंधन अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बना रहा है जो चिंताजनक है.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) निजी स्कूलों का लाॅकडाउन की अवधि में फीस लेने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वहीं, इस मामले को लेकर जमशेदपुर अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों की शिकायत प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर की है. इस संबंध में जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष उमेश कुमार ने बताया कि 2 महीने से स्कूल में पढ़ाई नहीं हुई है. नैतिकता के आधार पर उन्हें फीस नहीं लेनी चाहिए. उनका कहना है कि जिले के सभी निजी स्कूलों के पास इतना फंड होता है कि वे अपने फंड से स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारी को वेतन दे सकते हैं लेकिन शहर के फिर भी कई निजी स्कूल अभिभावकों के फोन पर सूचना देकर फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहा है जो चिंताजनक बात है. वहीं जिले के निजी स्कूलों की संस्था ने साफ तौर पर कह दिया है कि स्कूलों की फीस माफ नहीं की जाएगी. इस सबंध में संस्था के अध्यक्ष बेली बोधनवाला का कहना है कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकते. उनका कहना है कि वह फीस नहीं लेंगे तो अपने शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन कैसे देंगे. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि अभिभावकों को वे राहत जरूर दे सकते हैं वह अपने बच्चों की फीस को बिना किसी फाइन के अगस्त तक जमा कर सकते हैं. आपको बता दें कि निजी स्कूलों के फीस के मामले में राज्य के शिक्षा मंत्री ने एक कमेटी का गठन किया है और उस कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार अगला कुछ कदम उठाएगी. लेकिन इधर स्कूल प्रबंधन बार-बार अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए मैसेज भेज रहा है जिस कारण अभिभावकों को समझ नहीं आ रहा है अभी क्या करें फीस जमा करें या नहीं.
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