पटना,6 मई। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चले जन आंदोलन में अहम भूमिका अदा करने वाली वीरांगना सफूरा जरगर के पक्ष में महिला संगठन उठ खड़ी हो गयी है। अपनेे-अपने घरों से अभद्र टिप्पणी और दुष्प्रचार करने वालों पर कार्रवाई और सफूरा समेत सीएए विरोधी आंदोलन में सक्रिय रही छात्र नेताओं की रिहाई की मांग करेंगी। संपूर्ण लाॅकडाउन की अवधि में पहली बार महिला संगठनों के द्वारा वृहस्पतिवार 7 मई को एकजुटता दिखाएंगी। बताते चले कि विभिन्न संगठन की महिलाओं ने तय किया है कि अपने -अपने घरों में बैठकर 11 बजे से 2 बजे तक धरना देंगी तथा तख्तियों, नारों, या वीडियो के जरिए इन सवालों को वे उठायेंगी। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ( ऐपवा ) की मीना तिवारी ने कहा है कि सफूरा के खिलाफ अभद्र महिला विरोधी दुष्प्रचार, हम सब महिलाओं पर हमला है। इसलिए लॉकडाउन के अंदर से ही हम सफूरा को प्यार और साझेदारी भेजेंगे, ब्।। विरोधी कार्यकर्ताओं की रिहाई मांगेंगे, और कपिल मिश्रा पर तुरंत कार्यवाही मांगेंगे। बिहार महिला समाज की निवेदिता ने कहा कि सफूरा जरगर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चले आंदोलन में सक्रिय रही है। लॉकडाउन के दौर में सफूरा को दिल्ली में दंगा भड़काने का झूठा आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के समय सफूरा 3 महीने की गर्भवती थी। इसी आधार पर लोगों ने जब सफूरा को रिहा करने की मांग उठाई तो भाजपा नेता कपिल मिश्रा और भाजपा आईटी सेल ने सोशल मीडिया पर सफूरा का चरित्र हनन शुरू कर दिया है। देश के प्रधानमंत्री और महिला आयोग इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। इसलिए महिला संगठनों ने प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष से सवाल करते हुए कहा है कि-भाजपा नेता कपिल मिश्रा द्वारा सफूरा के गर्भावस्था पर भद्दे ट्वीट पर आप चुप क्यों? उनपर कार्यवाही क्यों नहीं? जहां हरे और नारंगी जोन में भी गर्भवती महिलाओं से कहा जा रहा है कि वे घर में रहें, तो गर्भवती सफूरा को कोरोना के खतरे के समय तिहाड़ जेल में क्यों रखा गया? दिल्ली दंगों को भड़काने वाले कपिल मिश्रा गिरफ्तार क्यों नहीं? ब्।। विरोधी महिला आंदोलन में सक्रिय सफूरा, इशरत, गुलफिशा जेल में क्यों? इस आंदोलन में साथ निभाने वालों में रामपरी- अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, कंचनबाला - लोकतांत्रिक जनपहल, कीर्ति - महिला हिंसा के विरुद्ध नागरिक पहल, अख्तरी बेगम - मुस्लिम महिला मंच, कल्याणी - जन जागरण शक्ति संगठन, कामायनी - जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, लीमा रोस - बिहार घरेलू कामगार यूनियन,पूजा - डब्ल्यू एस एस,अनामिका कुमारी - अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन,सिस्टर लीना, आसमां खान- ए एस डब्ल्यू एफ,विमुक्ता-स्त्री मुक्ति संगठन आदि हैं।
बुधवार, 6 मई 2020
बिहार : अपने - अपने घरों में बैठकर 11 बजे से 2 बजे तक धरना
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