सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुरू हुआ कार्य
- - औद्योगिक और भवन निर्माण गतिविधियों के परिचालन के संदर्भ में जारी निर्देशों के अनुसार ही कार्य करना होगा
- - निर्माण कंपनियों को 50 फीसदी स्टाफ को काम पर लगाना होगा
कुमार गौरव । पूर्णिया : केंद्र सरकार की ओर से देश में लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक बढ़ा दी गई है। साथ ही जिलों को अलग अलग जोन में बांटकर कुछ राहत दी गई है। वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से संशोधित निर्देश आने के बाद जिले में औद्योगिक एवं भवन निर्माण गतिविधियों में तेजी आने लगी है। इस प्रक्रिया में जिले में स्थित किसी भी अधिकारी से स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं है। डीएम राहुल कुमार ने नए आदेशों के आने तक इसी तरह से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की है। रेस्टोरेंट व ढ़ाबे पहले की तरह बंद रहेंगे। बता दें कि औद्योगिक और भवन निर्माण गतिविधियों के परिचालन के संदर्भ में जारी निर्देशों के अनुसार ही कार्य करना होगा। जिसके तहत निर्माण कंपनियों को 50 फीसदी स्टाफ को काम पर लगाना होगा। गौरतलब है कि नए नियमानुसार जिन जिलों में कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों की संख्या यदि 15 से ज्यादा हो जाती है तो वहां सभी गतिविधियां बंद हो जाएगी और लेबर आदि की व्यवस्था भी निरस्त हो जाएगी। वहीं कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 तक पहुंचने पर मीडिया के माध्यम से सूचित किया जाएगा जबकि संख्या 15 तक पहुंचने की स्थिति में औद्योगिक और भवन निर्माण गतिविधियां दोबारा बंद करनी पड़ेंगी।
...किया जा रहा है सरकारी निर्देशों का पालन :
सरकारी निर्देशानुसार कंस्ट्रक्शन के काम को शुरु करने का आदेश मिलने के बाद पूर्णिया जिला स्कूल रोड स्थित पनोरमा ग्रुप के कार्यालय में थोड़ी चहल पहल दिखी। बातचीत के दौरान पनोरमा ग्रुप के एमडी सह युवा राजद के राष्ट्रीय महासचिव संजीव मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन में मिली राहत में पूर्णिया में कार्यरत लगभग एक हजार कर्मचारियों में से 33 फीसदी को ही तत्काल काम पर बुलाया गया बाकी के कर्मचारी पूर्व की तरह ही घर से ही अपने कार्य को करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न गंभीर समस्या को देखते हुए अभी सतर्कता बरतने की जरूरत है। जो भी कर्मचारी वापस अपने काम पर लौट हैं उन्हें मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और लगातार अंतराल पर हाथों की सफाई करने का सख्त निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि पनोरमा ग्रुप अपने सभी कर्मचारियों का ख्याल रखता है। संकट के इस काल में कर्मचारी को वेतन या नौकरी संबंधित किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी। हालांकि इस लाॅकडाउन से आम जनमानस को काफी परेशानी हुई है। अभी भी लाखों लोग मजबूर हैं और उन्हें दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं सरिता विहार निर्माण कंपनी के एमडी राजाराम सिंह ने कहा कि बेशक निर्माण कंपनियों को सरकार ने राहत दी है लेकिन फिलहाल न तो मजदूर मिल रहे हैं और न ही निर्माण सामग्री। ऐसे में यह राहत बहुत फायदेमंद साबित नहीं होने वाली है।
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