- प्रभावित लोगों की जांच कराने का लिया गया निर्णय
पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में रोरो माइंस से प्रभावित क्षेत्र में चलाए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा से संबंधित बैठक का आयोजन किया गया. उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन, सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार, चाईबासा वन प्रमंडल पदाधिकारी सत्यम कुमार, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी मंजू दुबे, जिला खनिज पदाधिकारी संजीव कुमार ने भाग लिया.
चाईबासा (आर्यावर्त संवाददाता) बैठक के उपरांत उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि रोरो माइंस क्षेत्र में प्रदूषण से प्रभावित परिवारों के संबंध में एक पीआईएल झारखंड उच्च न्यायालय में दायर की गई है. वहीं, माननीय न्यायालय के निर्देश पर समिति का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि समिति की देखरेख में क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का लगातार पर्यवेक्षण किया जा रहा है. वहीं, आज समिति के सदस्यों की उपस्थिति में चलाए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा से संबंधित बैठक का आयोजन किया गया है. उपायुक्त ने बताया कि उस क्षेत्र के विकास के लिए जो कार्य किए जाने हैं, उससे संबंधित बैठक में जानकारी देते हुए उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने बताया है कि संपूर्ण तालाबंदी के दौरान संबंधित कार्यकारी एजेंसी के द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया था. लेकिन वर्तमान में कार्य शुरू होने की स्थिति में है और इसी तरह वन विभाग के द्वारा जो कार्य किए जाने हैं उनमें से कुछ कार्य पूर्ण हो चुके हैं. उपायुक्त ने बताया कि बैठक में रोरो क्षेत्र में सिलिकोसिस से प्रभावित लोगों की जांच कराने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि पूर्व में भी प्रभावित लोगों की जांच करवाई गई है. जिसकी अंतिम रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. प्रभावित व्यक्तियों को किस प्रकार की सुविधा और मुआवजा का प्रबंधन, इलाज की समुचित व्यवस्था आदि विषयों पर चर्चा के साथ-साथ उस क्षेत्र में कोविड-19 वायरस संक्रमण की जांच के लिए सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है.
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