जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि कोरोना के इस लॉकडाउन में बड़ी-बड़ी संस्थाओं को प्रभावित किया है. लॉकडाउन में शराब की दुकानें खुलने पर कहा कि सरकार को ऑनलाइन शराब आपूर्ति करनी चाहिए.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) कोविड-19 को लेकर देश में किए गये लॉकडाउन में आम जिंदगी में लाइफ स्टाइल बदलता नजर आ रहा है. लॉकडाउन में बदले परिवेश को देखते हुए झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि लॉकडाउन में बड़ी बड़ी संस्थाएं प्रभावित हुई हैं. वहीं लॉकडाउन में शराब की दुकानें खुले या नहीं इस पर कहा है कि सरकार को ऑनलाइन शराब आपूर्ति करनी चाहिए. विधायक सरयू राय ने कहा है इस बीमारी का वर्तमान में कोई इलाज नहीं है, लेकिन जल्द ही इलाज निकल जायेगा. यह बीमारी किसी न किसी रूप में हमारे बीच रहेगी. अब तक पूर्व में जितने वायरस आये है जिन्हें चिकनगुनिया, जापानी बुखार, डेंगू के नाम से जानते है वो आज भी हैं जिसका हम दवा खाते है. उनके साथ हम जी रहे है. इसलिए हमें कोरोना वायरस के साथ जीने की संस्कृति विकसित करनी चाहिए. हमे कोरोना से सावधानियां बरतते हुए अपनी क्षमता विकसित कर अपना काम भी शुरू करना चाहिए नहीं तो कोरोना हमें हरा देगा, हम कोरोना को नहीं हरा सकते. हमें सिर्फ सरकार के सहारे नहीं रहना चाहिए. एड्स, कैंसर, चिकनगुनिया जैसी बीमारी के साथ रहने की आदत के साथ सावधानी बरतते हुए कोरोना के साथ रहने की आदत बन जाएगी. वहीं लॉकडाउन में शराब की दुकाने खुलनी चाहिए या नहीं इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार द्वारा शराब बेचने का मकसद राजस्व की प्राप्ति होना. सरकार को शराब की दुकान बंद कर ऑनलाइन शराब की आपूर्ती की जानी चाहिए, जिससे शराब की दुकानों पर भीड़ न लग सके और इसके लिए ऑनलाइन सेवा देने वाली कंपनियों की तरह ऑनलाइन के लिए एजेंसियों को खोलना चाहिए, जिससे रोजगार भी मिल सके. विधायक सरयू राय ने स्पष्ट कहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी शराब की दुकानों को बन्द रखना चाहिए.
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