सरकार की बैरूखी के शिकार पैदल जा रहे सैकड़ों मजदूरों को हाईवे पर वितरण भोजन
सीहोर। सैकड़ा खेड़ी इंदौर भोपाल हाईवे से पैदल महाराष्ट्र राजस्थान छत्तीसगढ़ बिहार जा रहे सरकारों की बैरूखी के शिकार मजदूरों को रामद्वारा मंदिर कस्बा के महंत शांताराम महाराज और अंकुश महाराज के सानिध्य में बुधवार की सुबह से शाम तक भोजन खिचड़ी पानी के पाउजों का वितरण कार्यकर्ताओं के द्वारा किया गया। अभा हिन्दू एकता मंच एवं अंकुश फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं के द्वारा कोरोना वायरस आपदा के दौरान लगातार मानवता की सेवा की जा रहीं है। रामद्वारा मंदिर से जरूरतमंदों को आटे के बाद अनाज का वितरण भी किया जा चुका है। महंत शांताराम महाराज ने बताया की सरकार के द्वारा मजदूरों के लिए कोई व्यवस्थाएं नहीं की है विभिन्न प्रदेश के मजदूर बसों ट्रकों में स्वयं किराया अदा कर अपने घरों को जा रहे है। कई मजदूर पैदल जा रहे मजदूरों को भोजन की व्यवस्था के तहत बुधवार को सैकड़ाखेड़ी स्थित हाईवे पर दो क्वंटल चावल की खिचड़ी बांटी गई। महंत ने कहा की सेवाकार्य निरंजर जारी है।ें सेवा यादव, अशोक बाबा, माराचंद्र प्रजापति, गेहलोत सिंह, लाल खंत्री, मंगला सोनी, मूलचंद्र छाया, चंतन यादव, राम सिंह, सोनू यादव, गब्बर यादव आदि कार्यकर्ता समपिज़्त भाव से लगे हुए है।
मेरा नहीं मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करें व्यापारी दोगज दूरी रखे,घरों में सुरक्षित रहें- विधायक राय
सीहोर। लॉक डाउन से मिली राहत को लेकर विधायक सुदेश राय का आभार व्यक्त करने व्यापारी कार्यालय पहुंचे जिले भर से कई व्यापारियों ने भी विधायक का आभार व्यक्त किया लेकिन विधायक श्री राय ने आभार स्वीकार नहीं करते हुए व्यापारियों से कहा की आभार व्यक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का व्यक्त किजीए। उन्होने कहा की भारतीय जनता पार्टी जनहितैशी है सब का विकास सबका साथ हीं भाजपा का संकल्प है। भाजपा कार्यकर्ता हमेशा जनता के साथ खड़े रहेंगे। फिलहाल हमे कोरोना वायरस से जंग लडऩा है जिला ग्रीन जोन में है ग्रीन जोन में हीं बनाए रखना है। विधायक श्री राय ने कहा की जनता दो गज की दूरी का पालन करते हुए बाजार में खरीददारी करें और व्यापारी भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ व्यापार करें। नागरिक घरों में रहे मास्क लगाए और सैनीटाईजर का उपयोग करते रहे। नागरिकों को जिला प्रशासन के सभी निर्देशों का पालन भी करना है बाजार में अधिक भीड़ नहीं लगाए। कोरोना योद्धाओं डॉक्टर नर्स पुलिस कर्मियों सफाई कर्मियों का सम्मान करें।
जिला स्तरीय सकंट प्रबंधन समूह की बैठक संपन्न
बुधवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में कलेक्टर श्री अजय गुप्ता की अध्यक्षता में जनप्रतिनिधियों एवं धर्मगुरुओं की उपस्थिति में जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समूह की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने वर्तमान सुरक्षा एवं प्रबंधन व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए अन्य कोई सुधार करने के लिए सभी सदस्यों के विचार जाने। कलेक्टर श्री गुप्ता ने बताया कि कहा कि पुलिस एवं प्रशासन द्वारा जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। कलेक्टर ने सभी जिले वासियों से अपील की है कि यदि आपके घर या पड़ोस में किसी के यहां भी बाहर से कोई व्यक्ति आता है तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस व प्रशासन को दें। विधायक इछावर श्री करण सिंह वर्मा और विधायक आष्टा श्री रघुनाथ सिंह मालवीय ने खरीदी केंद्रों पर व्यवस्थाएं और सुचारू की जाएं तथा किसानों को भुगतान में हो रही देरी से होने वाली परेशानी दूर करने का उपाय किए जाने की सलाह दी। इस पर कलेक्टर ने कहा कि हमने लॉ एंड ऑर्डर का पालन कराने के लिए जो व्यवस्थाएं बना रखी है वह निरंतर जारी रहेंगी। दुकान खुलने का समय प्रात: 8 से दोपहर 12 बजे तक ही रखा जाएगा। होटल और पान व नाई की दुकाने किसी भी हाल में नहीं खोलने दी जाएगी। कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में की गई व्यवस्थाओं पर सभी ने सहमति जताई। बैठक में एक सदस्य ने कलेक्टर को अवगत कराते हुए कहा कि सीहोर से बाहर रेड जोन में फंसे जिले वासियों को सीहोर आने में काफी परेशानी हो रही है वह लोग सीहोर नहीं आ पा रहे हैं इनके लिए कोई गाइडलाइन होना चाहिए इस पर कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए प्रमुख सचिव से चर्चा की जाएगी। नसरुल्लागंज क्षेत्र के खरीदी केंद्रों पर बढ़ रही भीड़ को नियंत्रित करने की दिशा में उनके अनाज को सायलो में देने के लिए व्यवस्थाएं करने के लिए कलेक्टर से अनुशंसा की गई। कलेक्टर श्री गुप्ता ने तेंदूपत्ता नीलामी और महुआ खरीदी के लिए वन विभाग द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली और जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर महुआ खरीदी हेतु बनाए गए केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए डीएफओ श्री रमेश गनावा को निर्देशित किया। क्टर ने यह भी कहा कि तेंदूपत्ता नीलामी के दौरान जिले से बाहर के मजदूरों को किसी भी हाल में न बुलाया जाए इसके लिए स्थानीय मजदूरों से ही कार्य कराया जाए। वाह के लिए अनुमति दिए जाने में आ रही परेशानियों के विषय में विस्तृत चर्चा के दौरान सभी जनप्रतिनिधियों ने रेड जोन से जुड़े़ मामलों में किसी भी हालत में अनुमति नहीं देने की सलाह दी। वहीं ग्रीन जोन से आने वाले बारातियों के लिए अधिकतम दोनों ओर से 10 लोगों के शामिल होने के निर्देश पूर्ववत रखे गए हैं। लॉक डाउन का उल्लंघन करने और सार्वजनिक स्थल पर थूकने वालों पर जुर्माना और सख्त वैधानिक कार्यवाही की पूर्ववत की जाएगी। नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती अमिता अरोरा ने कलेक्टर को बताया कि रेत नहीं मिल पाने के कारण नगर विकास कार्य बाधित हो रहा है, निर्माण कार्य नहीं कराए जा पा रहे हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि स्थानीय स्तर पर उपलब्ध रेत के स्टाक से ही अभी कार्य चालू रखें, रेत परिवहन की अनुमति देने की स्थिति नहीं है। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा, विधायक इछावर श्री करण सिंह वर्मा, विधायक आष्टा श्री रघुनाथ सिंह मालवीय, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती अमीता अरोरा, श्री रवि मालवीय, श्री रघुनाथ सिंह भाटी सहित धर्मगुरु एवं अन्य महत्वपूर्ण सदस्य उपस्थित थे।
किसानों के लिए मौसम संबंधी सलाह
कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि लॉकडाउन में शासन द्वारा जारी किए निर्देशों का पालन करते हुए तेज गर्मी से बचाव हेतु कृषि कार्य पर जाते समय पर सिर पर कपड़ा बांधकर निकलें। पालतू पशुओं गाय, भैंस बकरी आदि के लिए छायादार स्थान का प्रबन्ध करें, स्वच्छ साफ पानी पिलाएं। वर्तमान में खड़ी फसलों मूंग, टमाटर, भिण्डी आदि में रस चूसक कीटों हेतु डाईमिथोएट 30 ईसी दवा की 1.5 मिली मात्रा प्रतिलीटर पानी का स्प्रे करें। फसलों में सिंचाई का काम सुबह या शाम को ही करे।
अभी तक कुल 32847 लोगों की स्क्रीनिंग की गई आज तक कुल 245 रिपोर्ट निगेटिव आई
स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा मैदानी स्तर पर ग्राम एवं शहरी वार्डो में निरंतर घर-घर सर्वे कर विदेश से सीहोर जिले में लौटे तथा अन्य जिलों व राज्यों से व्यक्तियों की खोजबीन की जा रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में अन्य राज्यों व अन्य जिलों से आए हुए करीब 327 व्यक्तियों की पहचान व पता लगाकर उनकी तत्काल स्क्रीनिंग की गई तथा उन्हें होम क्वारेंटाईन किया गया है। सीहोर जिले में अन्य जिलों अथवा राज्यों से लौटे हुए यात्रियों की संख्या अब तक कुल 32847 है। उन्हें होम कोरेंटाईन से संबंधित गाईड लाईन की जानकारी प्रदान कर सख्त हिदायत दी गई है कि होम कोरेंटाइन गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर डेहरिया ने जानकारी दी कि जिले में अन्य देशों से सीहोर पहुंचे कुल व्यक्तियों की संख्या 232 है जिनमें से 184 लोगों की अब तक स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 327 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गई जो अन्य राज्यों और अन्य जिलों से लौटे थे इन सभी व्यक्तियों की तत्काल स्क्रीनिंग कर इन्हें 06 मई को ही होम कोरेंटाईन कर दिया गया है जिले में अब तक होम कोरेंटाईन किए गए व्यक्तियों की संख्या 32847 है। डॉ.डेहरिया ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान ऐसे व्यक्ति जो विदेश से सीहोर जिले में नहीं लौटे थे परंतु अन्य जिलों एवं राज्यों से लौटे थे और विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा घर-घर सर्वे के दौरान चिन्हित किए गए। पिछले 24 घंटों में होकोंरेटाईन की अवधि से 349 लोग बाहर आ चुके हैं जबकि अब तक कुल 27038 व्यक्तियों का होम कोरेंटाइन पूर्ण किया जा चुका है। जिले से अब तक कुल 269 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 245 की रिपोर्ट अब तक निगेटिव प्राप्त हुई है। बुधवार को 12 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए। 12 सेंपल सहित कुल 19 सेंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। आज की स्थिति में हास्पिटल आईसोलेशन में भर्ती मरीजों की संख्या कुल 7 है। कोरोना संक्रमण पाजीटिव मरीजों की संख्या शून्य है। वहीं विदेश से आए यात्री जो गृह जिला या निवासरत जिला में वापस नहीं आए उनकी संख्या 48 है। विभाग की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर 7247704181 है इस नंबर पर बाहर से बाहर से आए हुए व्यक्तियों की जानकारी 24 घंटे दी जा सकती है। वहीं कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी 24 घंटे के लिए काल सेंटर बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-226470 है इस नंबर पर संपर्क कर कोविड-19 के संबंध में किसी प्रकार की सलाह ली जा सकती है 24 घंटे संचालित उक्त काल सेंटर में चिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिनके द्वारा विदेश, अन्य राज्यों व जिलों से आकर होम कोरेंटाइन किए गए व्यक्तियों को फोनकर प्रतिदिन फीडबैक लिया जाता है तथा इसकी जानकारी जिला स्तरीय नोडल अधिकारी, संबंधित ब्लाक मेडिकल आफिसर को तत्काल दी जाती है। वहीं जिला चिकित्सालय सीहोर में टेलीमेडिसिन सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-401259 है यहां पर टेलीमेडिसिन के संबध में उचित सलाह लें।
दोराहा के सिद्धिविनायक चिकित्सालय में मरीज के उपचार नहीं करने के मामले में सीएमएचओ ने लिखा चेतावनी पत्र दोबारा गलती करने पर निजी चिकित्सालय का पंजीयन रद्द करने की चेतावनी
जिले के श्यामपुर विकासखण्ड अंतर्गत दोराहा में स्थित सिद्धिविनायक चिकित्सालय में पदस्थ स्टाफ द्वारा मरीज का उपचार करने से इंकार करने के मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर कुमार डेहरिया द्वारा गठित जिला स्तरीय जांच के दल की जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित अस्पताल के संचालक को पुनः इस तरह की गलती दोहराने पर अस्पताल का पंजीयन रद्द करने की चेतावनी दी है। जिला स्तरीय जांच दल में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.टी.आर.उईके, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.एम.चंदेल तथा श्यामपुर ब्लाक मेडिकल आफिसर डॉ.एच.पी.सिंह शामिल थे। जिला स्तरीय जांच दल से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर अपने बयान में दोराहा निवासी श्री अजयनाथ ने जांच दल को बताया कि श्रीमती मूलियाबाई को 03 मई 2020 को दोराहा के सिद्धिविनायक निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए लेकर गया था। उसकी दादी को घबराहट के साथ ही सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तथा बुखार भी आ रहा था। अस्पताल स्टाफ ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दोराहा में उपचार के लिए कहा गया तथा मरीज का किसी भी प्रकार का प्राथमिक उपचार अपने अस्पताल में नहीं किया । परिजन मरीज को सीएचसी दोराहा लेकर गए जहां प्राथमिक उपचार के उपरांत जिला चिकित्सालय एवं वहां से उसे उपचार के लिए हमिदिया अस्पताल भोपाल रेफर किया गया जहां उपचार के उपरांत मरीज की हालात ठीक है तथा वह स्वस्थ है। जिला स्तरीय जांच दल से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.डेहरिया द्वारा संचालक सिद्धिविनायक अस्पताल दोराहा को चेतावनी पत्र लिखा गया कि अस्पताल में पहुंचने वाले मरीज का प्राथमिक उपचार किया जाना सुनिष्चित करें तथा गंभीर स्थिति होने पर अथवा अस्पताल में संसाधन न होने की स्थिति में ही अन्य संस्था हेतु रेफर करने की कार्यवाही करें। भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति संबंधित संस्था द्वारा की जाना पाया गया तो अस्पताल का पंजीयन तत्काल प्रभाव से रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी।
अब नए दौर में मध्यप्रदेश के किसान
कोरोना महामारी के संकटकाल ने मध्यप्रदेश में किसानों को एक ऐसी सौगात दे दी है, सामान्य दिनों में जिसका वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। कोरोना संकट के दौर में किसानों को आर्थिक परेशानियों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ही झटके में मंडी अधिनियम में संशोधन करके किसानों को एक तरह से ग्लोबल मार्केटिंग से जोड़ने का करिश्मा कर दिखाया। आढ़त का काम कर रहे व्यापारियों को अगर लायसेंस राज से मुक्ति मिली है तो किसानों के लिए भी यह एक तरह से आर्थिक रूप से अपने को मजबूत बनाने का मौका कहा जा सकता है। कोरोना के इस संकट काल में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है। देश में भी खेती और किसान आर्थिक विमर्श के केन्द्र में हैं। केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने कृषि जिंसों की मार्केटिंग के लिए राज्य सरकारों को एक माडल एक्ट सौंप रखा है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि पूरे देश में कृषि जिंसों के लिए बाजार की एक जैसी व्यवस्था हो जाए ताकि किसानों को अपना उत्पादन बेचने के बेहतर विकल्प मिल सकें। राज्य की पिछली सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल रखा था। श्री चौहान को जब चौथी बार सरकार चलाने का मौका मिला है तो आपदा के इस दौर में उन्होंने किसानों के हित में मंडी एक्ट में संशोधन के साथ एक बड़ा किसान हितेषी कदम उठा लिया। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने किसानों के हित में मण्डी एक्ट में संशोधन किया गया है। इस संशोधन का सीधा फायदा किसान को होगा। अब उसे अपने उत्पादन का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सकता है। इसके लिए उसे अब मंडियों के चक्कर काटने की जरूरत भी नहीं होगी। मंडियों में किसानों को लंबे इंतजार के साथ अपनी उपज की गुणवत्ता को लेकर कई परेशानियों से दो-चार होना पड़ता था। मंडी अधिनियम में संशोधन के बाद अब किसान घर बैठ कर भी अपनी फसल निजी व्यापारियों को बेच सकेगा। जाहिर है कोरोना महामारी के इस दौर में सुरक्षा के जो मापदंड अपनाए जा रहे हैं, उसमें किसान की परेशानी कई गुना बढ़ना तय था। सरकार ने इस अधिनियम में संशोधन से पहले भी किसानों के हित में कुछ कदम उठाए थे लेकिन अब मंडी अधिनियम में जरूरी बदलावों के बाद किसान के लिए अपनी फसल बेचना पहले से ज्यादा आसान और फायदे का सौदा साबित होगा। मंडी में जाकर समर्थन मूल्य पर उपज बेचने का विकल्प किसान के पास जस का तस रहेगा। नई वैकल्पिक व्यवस्था बन जाने के बाद कृषि जिंसों के व्यापार में एक नई प्रतिस्पर्धा खड़ी होगी, जिसका फायदा किसानों को मिलेगा। लायसेंसी व्यापारी अब किसान के घर या खेत पर जाकर ही उसकी फसल खरीद सकेगा। एक ही लायसेंस से व्यापारी प्रदेश में कहीं भी जाकर यह खरीददारी कर सकेगा। इससे बिचौलियों की व्यवस्था खत्म होगी। मसलन भोपाल के एक व्यापारी को यदि पिपरिया जाकर अरहर दाल खरीदना होती थी तो उसे वहां क लायसेंसी व्यापारी के माध्यम से खरीददारी करना होती थी। अब यह बाध्यता खत्म होगी तो इसका सीधा फायदा किसान के अलावा उपभोक्ता को भी मिलेगा। सरकार ने ई-टेंडरिंग का भी इंतजाम किया है। इसके तहत पूरे देश की मंडियों के दाम किसान को मिल जाएंगे। वो देश की किसी भी मंडी में, जहां उसे दाम ज्यादा मिल रहे हों, अपनी फसल का सौदा कर सकेगा। फल और सब्जियों को पहले ही प्रदेश में मंडी अधिनियम से छूट हासिल है। इसके अलावा मंडी शुल्क भी केवल एक बार की खरीदी बिक्री पर देना होता है। उल्लेखनीय है कि कृषि उपज मंडियां भी किसानों को शोषण से मुक्ति दिलाने की दिशा में उठाया गया एक अच्छा कदम था। पर अब समय के हिसाब से जरूरतें बदल रही हैं। इसके अलावा मंडियों के राजनीतिकरण के कारण मंडियां किसानों के लिए एक कुचक्र की तरह हो गई हैं, जिसमें किसान दबा, पीटा और लूटा नजर आ रहा था। वैसे भी जब दुनिया भर में मुक्त बाजार की अवधारणा फल फूल रही है तो किसानों को मंडियों के दायरे में बांधने का कोई मतलब नहीं रह जाता। लिहाजा, मंडी अधिनियम में संशोधन, किसान को मुक्त व्यापार से जोड़ने की दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम कहा जा सकता है। व्यवस्था में इस बदलाव का फायदा उत्पादक और उपभोक्ता दोनों को समान रूप से मिलने के आसार हैं। उदाहरण के लिए एक किसान अपने खेत पर आम दस या बीस रूपए किलो में एक व्यापारी को बेचता है लेकिन उपभोक्ता तक जाते-जाते इस आम की कीमत अस्सी या सौ रूपए किलो हो जाती है। नई व्यवस्था में किसानों से मंडी के बाहर उसके गांव से ही फूड प्रोसेसर, निर्यातक, होलसेल विक्रेता या फिर आखिरी उपयोगकर्ता सीधे किसान की उपज खरीद सकेगा। इसका एक मतलब यह होगा कि किसान अब अपने उत्पादन का व्यापारी भी खुद ही हो जाएगा। मंडी अधिनियम में बदलाव के बाद अब गोदामों, साइलो कोल्ड स्टोरेज आदि को भी प्राइवेट मंडी माना जाएगा। मंडी समितियों का इन प्रायवेट मंडियों के काम में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। इसका एक फायदा यह भी होगा कि किसान के सामने भंडारण की जो समस्या हर फसल के सीजन में सामने खड़ी होती है, उसका समाधान एक तरह की गुंजाईश बनेंगी। अभी भंडारण की समस्या के कारण किसान अपनी उपज को लेकर हर समय एक तरह से आशंकाओं से ही घिरा रहता है। अधिनियम में संशोधन के बाद अब कम से कम ऐसा तो नहीं ही होगा कि उपज ज्यादा हो जाए , दाम गिर जाएं और किसान को उसे खेतों मे ही नष्ट करना पड़े। कोरोना आपदा के इस दौर में भी ऐसी खबरें हमें मिल ही रही हैं कि किसान की फल-सब्जियां खेतों में ही सड़ रही है। इसके अलावा भी सामान्य दिनों में इस तरह की खबरें मिलती हैं कि किसान को अपनी फसल मंडी में ले जाना महंगा पड़ रहा है इसलिए उसने फसल को नष्ट करना ही बेहतर समझा। किसान की यह पीड़ा अब कम होने के आसार हैं। अब किसान से फूड प्रोसेसर सीधे उसकी फसल आसानी से खरीद सकेंगे। ऐसे में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी प्रदेश में बढ़ावा मिलता दिखेगा।
फंसे हुए मजदूरों को लाने एवं ले जाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त
कोरोना वायरस की रोकथाम एवं फैलाव से बचाव हेतु लॉक डाउन के कारण सीहोर जिले के अन्य राज्यों में एवं अन्य राज्यों के सीहोर जिले में फंसे मजदूरों को ट्रेन से उनके गंतव्य स्थान तक लाने एवं ले जाने के लिए कलेक्टर श्री अजय गुप्ता द्वारा ई गवर्नेंस मैनेजर श्री गौरव बंसल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है
ई-संजीवनी ओ.पी.डी. से मिल सकेगा उपचार के लिए निःशुल्क परामर्श
104 नंबर हेल्पलाईन पर लिया जा सकेगा ई-परामर्श, देश भर के 5 हजार चिकित्सक दे रहे निःशुल्क परामर्श
संजीवनी पोर्टल https://esanjeevaniopd.in पर पंजीयन कराने के उपरांत वीडियो काल के माध्यम से संबंधित डॉक्टर से चर्चा कर परामर्ष एवं उपचार हेतु आवष्यक दवाएं एवं जांच की सलाह ली सकेंगी। स्वास्थ्य आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश प्राप्त निर्देशों अनुसार ई-संजीवनी ओ.पी.डी. यह सेवो सी-डेक के साथ लागू की गई है। उक्त सेवा के अंतर्गत डिजिटल हस्ताक्षर युक्त पर्ची संबंधित व्यक्ति को प्राप्त होगी जिसका प्रिंट लेकर दवा आदि की खरीदी की जा सकती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.सुधीर कुमार डेहरिया के अनुसार इसके अतिरिक्त ई-परामर्ष सेवा राज्य के हेल्पलाईन नंबर 104 पर चालू की गई है। यह एक आईव्हीआरएस युक्त सेवा है जिसका उपयोग कर डॉक्टर से दूरभाष पर चर्चा टेली कंसल्टेशद्वारा आवष्यक जांच एवं उपचार संबंधी परामर्ष प्राप्त किया जा सकता है। जिन लोगों को कोविड-19 संबंधी लक्षण हो रहे है विशेर उनके लिए यह सेवा उपलब्ध है। इस सेवा के लिए पूरे देश स्टेप-वन फाउंडेश 5 हजार चिकित्सक निःशुपरामर्ष दे रहे है।
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