कोटा से 36 छात्र-छात्राओं का दल ट्रेन से रांची पहुंचने के बाद सरायकेला जिला पहुंचा. इन छात्रों को पहले जिला स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया, जहां सभी छात्र छात्राओं को नाश्ता उपलब्ध कराने के बाद उनके संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच की गई.
सरायकेला (आर्यावर्त संवाददाता) कोविड-19 के बीच लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे सरायकेला खरसावां जिले के 36 छात्र-छात्राओं को झारखंड सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से उन्हें अपने-अपने घरों तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया. हालांकि जांच के दौरान किसी भी छात्र में कोरोना संबंधित लक्षण नहीं पाए गए हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी के हाथों में मुहर लगाकर 14 दिनों तक होम क्वॉरेंटाइन किया गया है. सभी छात्र छात्राओं को बस समेत अन्य गाड़ियों के माध्यम से जिला प्रशासन ने अपने-अपने घर भिजवाया गया. वहीं, प्रशासनिक निर्देश के बावजूद अपने नौनिहालों को देखने व्याकुल परिजन सामुदायिक भवन पहुंचे और अपने बच्चों से लंबे अरसे बाद मुलाकात कर संवेदनाओ को भी प्रकट किया. कुछ परिजनों ने सामुदायिक केंद्र से ही बच्चों को अपने साथ ले गए, इधर तकरीबन 40 दिनों से भी अधिक समय के बाद अपने घर लौटे इन छात्रों के चेहरे पर मुस्कुराहट दिखी. लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में फंसे सभी छात्रों को जब सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से सकुशल घर भिजवाया गया तो, सभी छात्रों ने सरकार और प्रशासन के प्रति आभार जताया. अपने गृह जिला पहुंचने पर छात्रों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए ,थैंक यू चीफ मिनिस्टर सर एंड डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन कहा. जिले में लौट रहे सभी श्रमिक और छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा गया है कि सभी लोग स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी किए गए होम क्वॉरेंटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें. किसी भी प्रकार की कोई भी शिकायत या सुझाव हो तो उसे आप अपने गांव के मुंडा, पंचायत के मुखिया, प्रखंड विकास पदाधिकारी और जिले के हेल्पलाइन नंबर 1950 पर तत्काल साझा करें.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें