कोरोना महामारी की रोकथाम के साथ-साथ आम जनता की परेशानियों को दूर करने की ओर भी प्रधानमंत्री जी ध्यान दे-विधायक शशांक भार्गव
विदिशा- विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं म.प्र. के महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान जी को पत्र लिखकर लाॅकडाउन के कारण हैरान परेशान जनता जनार्दन के दैनिक जीवन में आ रही परेशानियों के निराकरण हेतु निवेदन करते हुये आग्रह किया है, कि आज से 100 वर्ष पूर्व वर्ष 1919 में राष्ट्र फ्लू का शिकार हुआ था, जिसे हम स्पेनिश फ्लू के नाम से भी जानते है। दुनिया की एक तिहाई आवादी 50 करोड लोग इस फ्लू से पीडित हुये थे, जिनमें से 5 करोड लोगों की मृत्यु हुई थी। भारत में अंग्रेजी शासन की लापरवाही से ही उक्त बीमारी से 1.5 करोड लोगों की मृत्यु हुई थी, उस समय भी हमारी अर्थ व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी, चूंकि उस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी आजादी के लिये संघर्ष कर रही थी। कांग्र्रेस ने उक्त त्रासदी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी जी स्वयं उक्त फ्लू से पीडित हो गये थे। आजादी के बाद भी ऐसी अन्य कई महामारियाॅ आईं है जैसे वर्ष 2003 में सार्स और 2012 में मर्स (स्वाईन फ्लू) नाम वायरस का हमला हुआ, जिसकी मृत्यु दर भी अधिक थी। वर्ष 1919 की महामारी ने देश की अर्थ व्यवस्था 0 से भी नीचे ला दी थी, लेकिन हमारे महान नेताओं ने आजादी प्राप्त करने के बाद राष्ट्र को एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में तैयार किया। वर्ष 1956 और 1974 के बीच भारत की जीडीपी प्रतिवर्ष 3 से 4 प्रतिशत के बीच बडी 1975 और 1990 के बीच 5 प्रतिशत से अधिक हो गई। विकास की उच्च दर 1991 से 2004 के बीच 6 प्रतिशत और 2003 से 2007 के बीच 8.5 प्रतिशत से अधिक हो गई। यह कांग्रेस की नीतियो के कारण संभव हुआ। आज कोविड 19 से 200 से अधिक राष्ट्र पीडित है। दुनिया में 2 लाख से अधिक लोग इस बीमारी के कारण मारे जा चुके है 30 लाख से अधिक लोग पीडित है। पूरा राष्ट्र घरों में केैद है। मैं स्वयं म.प्र. विधानसभा का सदस्य हूॅ (एम.एल.ए) आज जब में अपने क्षेत्र में देख रहा हॅू कि अनेक गरीब जनता झूठे प्रचार के चलते भूखी सोती है। बीमारियों से ग्रसित लोगो को अस्पतालों में कोई देखने वाला नहीं है। परिवार के बुजुर्ग वयक्ति यदि बीमार हो जाते है तो घर से कैसे निकले न केाई वाहन न कोई सहारा बस घर में रहकर ही बैबसी का जीवन जी रहे है। एक जनप्रतिनिधी होने के नाते जितनी मदद पहॅुचा सकता हूॅ उसके लिये मैं सतत कार्य कर रहा हॅॅू, परन्तु हम सब परेशान है बीमार बुजुर्ग बैबस है। छात्र मजदूर अपने परिवार से दूर बैबसी का जीवन जी रहे है। आखिर इन सब के पीछे भी जिम्मेदारी तय की जाना चाहिए, क्या वर्तमान सरकार को 1919 की महामारी एवं इसके बाद सार्स एवं मर्स के खतरे से हमने सबक सीखा? फिर ये नौबत क्यों आई। डब्ल्यू एच ओ की जानकारी अनुसार 31 दिसम्बर को ही कोरोना वायरस की जानकारी हो गई थी एवं जनवरी के प्रथम सप्ताह में सोशल मिडिया पर जानकारी डाल दी गई थी, फरवरी में अनेक देशो ंमें ये महामारी फैल गई थी। फरवरी के मध्य ही श्री राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस के नेता ने चेतावनी दी थी की कोरोना के कहर से बचने के उपाय करे। मार्च में पुनः श्री राहुल गांधी जी ने चेताया कि सुनामी तूफान की तरह आ सकती है, कोरोना वायरस की महामारी जो हमारे जीवन और अर्थ व्यवस्था को नष्ट कर देगी, जिसके संबंध में आपकी सरकर अंधेरे में रही और देश को भी अंधेरे में रखा। जब कोविड 19 पर श्री राहुल गांधी चैतावनी दे रहे थे व दुनिया में वेहिसाव मौते हो रही थी, तब भारत में 1 लाख से अधिक भीड द्वारा नमस्ते ट्रम्प के आगमन पर राष्ट्रपति ट्रम्प की आवभगत चल रही थी व भाजपा म.प्र. में सरकार गिराने में मस्त थी। देश की सवा सौ करोड जनता होली, रंगपंचमी मना रही थी। छात्र, मजदूर परिवार के सदस्य जो घरों से दूर थे वे घर आ सकते थे पर पूरे राष्ट्र को अंधेेरें में रखा बरना होली पर एडवायजरी अगर सरकार जारी कर देती तो आज मजदूरों को सैकडो किलोमीटर पैदल नहीं चलना पडता। छात्रों को बेबस होकर अपने माता पिता से दूर नहंी रहना पडता। आज एक बेबस लाॅ मेकर म.प्र. विधानसभा का विधायक अपने क्षेत्र की भूखी सो रही, बीमार बुजुर्ग, बाहर रह रहे छात्र व परिवार के सदस्य एवं अन्य को मै क्या जबाब दूॅ। क्या यह कहूॅ कि मोदी सरकार को अंधेरे में रखने के बाद भी धन्यवाद दो, भगवान ने इतना बुरा नहीं होने दिया जितना वर्ष 1919 में हुआ था या फिर कहॅू की कांग्रेस सरकार म.प्र. में इसलिये गिराई गई थी फिर कोरोना से कोई नहीं मरेगा या पुरानी कहावत है, कि जनता को इतना निचोड दो कि वह जिन्दा रहने को ही विकास समझे। वैसे आपके द्वारा ताली, थाली बजवाकर दिये जलबाकर एवं फटाके चलवाकर जनता को भावनात्मक रूप से छलने का कार्य पूर्ण कुशलता से कर लिया गया है, अगर इस कृत्य से जनता का पेट भर जाता तो मैं भी यह कार्य जरूर करता? आपके द्वारा कराये गये उक्त कार्यों से मुझे कबीरदास जी का दोहा स्मरण हो रहा है, जिसमें उन्होने लिखा - पाथर पूजत हरी मिले, तो मैं पूजू पहाड़। ता से तो चाकी भली, जा को पीस खाय संसार। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि लाॅकडाउन में जनता की भूख मिटाने के लिये लाॅकडाउन में पुलिस द्वारा धारा 144 का कढाई से पालन करने के निर्देश देकर सभी प्रकार के काम धंधे प्रातः 9ः30 बजे से सायं 6ः00 बजे तक पूर्ण व्यवसाय की अनुमति प्रदान की जावे। जिन क्षेत्र में कोरोना पोजिटिव व्यक्ति मिले है उन क्षेत्रों को पूर्ण रूप से बंद कर अन्य क्षेत्रों को पूर्ण रूप से खोला जाये, जिस प्रकार से भोपाल रेड जोन में है, लेकिन भोपाल के कुछ ही क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण है, लेकिन सम्पूर्ण भोपाल जिले को रेड जोन मानकर प्रतिबंध लगाया जाना अनुचित है। ऐसा कई जिलो में किया जा रहा है। इस संबंध में भी संक्रमित क्षेत्र को ही प्रतिबंधित किया जाये पूरे शहर अथवा पूरे जिले को प्रतिबंधित नहीं किया जाये व सेम्पल परिक्षण की सुविधा बढाई जावे, जिससे कि आम जनता को सुविधा प्राप्त हो सके।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने व्हीसी के माध्यम से संबल योजना लाभांवित हितग्राही से चर्चा की
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने संबल योजना से लाभांवित हुए हितग्राहियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित किया। मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) के पात्रताधारी सिरोंज नगरपालिका के वार्ड नम्बर चार में निवासरत पप्पू कुशवाह की आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर मृतक की पत्नि श्रीमती मीना बाई कुशवाह भी मुख्यमंत्री से चर्चा करने वालो में शामिल है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रीमती मीना बाई कुशवाह से चर्चा कर बताया कि दो लाख रूपए की राशि जमा कराई गई है। संकट की इस घडी में राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इससे पहले अपने शुरूआती उद्बोधन में संबल योजना पुनः शुरू की गई है उन्होंने कहा कि संबल योजना गरीबो का सहारा है, बच्चों का भविष्य, बुजुर्गो का विश्वास और मां, बहन, बेटियों का सशक्तिकरण है संबल। संबल का मुख्य उद्वेश्य गरीबो, निर्धन असहाय को संबलता का सहारा मिले।
कंटेनमेंट जोन से मुक्त करने का निर्णय
आरआर टीम के द्वारा अनुमोदित दो कंटेनमेंट जोन को पांच मई से मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कंटेनमेंट जोन से मुक्त कराने के प्राप्त द्वय प्रस्ताव तदानुसार सिरोंज नगरपालिका क्षेत्र में किरी मोहल्ला वार्ड नम्बर 15 में कोविड सेम्पल में श्री इमरान हुसैन पिता श्री सलाउद्दीन हुसैन निवासी ग्राम मेज थाना असम पांच अपै्रल को पॉजिटिव पाए जाने से आरआरटी के निर्णय अनुसार कंटेनमेंट जोन सिरोंज का उक्त एरिया घोषित किया गया था। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ सर्वे तथा प्रतिदिन फालोअप के आधार पर कंटेनमेंट जोन में 28 दिन तक कोई भी अन्य व्यक्ति संक्रमित चिन्हित नही पाया गया है। इस कारण से जिला स्तरीय आरआर टीम द्वारा कंटेनमेंट सिरोंज नम्बर 1 को पांच मई से मुक्त से करने का निर्णय लिया गया है। विदिशा शहर के अंतर्गत भगत सिंह कालोनी को भी कंटेनमेंट जोन नम्बर 11 घोषित किया गया था। अर्वन नोडल अधिकारी के द्वारा आवश्यक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई थी। टीम द्वारा चार सर्वे किए गए। मेडिकल मोबाइल यूनिट द्वारा मृतक श्री अभिषेक के परिवारजनों को हाई रिस्क मानते हुए चार सेम्पल लेकर परीक्षण हेतु भोपाल प्रेषित किए गए थे जिनकी रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त होने पर आरआर टीम द्वारा कंटेनमेंट जोन भगत सिंह कॉलोनी विदिशा नम्बर 11 को पांच मई 2020 से मुक्त करने का निर्णय लिया गया है।
जॉबकार्डधारियों को मनरेगा योजना के तहत गांव में ही रोजगार
मनरेगा योजना के तहत 11 हजार 994 जॉबकार्डधारियों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराए गए है कि जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल ने बताया कि जिले की 565 पंचायतो में योजना के तहत श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया है। उन्होंने सभी जनपदों के सीईओ को निर्देश दिए है कि मनरेगा के मापदण्डो अनुसार कार्यो की प्रगति का पालन प्रतिवेदन हर रोज जिला पंचायत को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिला पंचायत सीईओ श्री अग्रवाल ने जल संचय के अधिक से अधिक कार्यो को सर्वोच्च प्राथमिकता से त्वरित शुरू कराकर शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश संबंधितो को उनके द्वारा दिए गए है। उन्होंने परियोजना अधिकारी को सतत भ्रमण कर मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्यो में योजना के मापदण्डो का पालन हो रहा है कि नही की क्रास मानिटरिंग करने के निर्देश दिए है।
1863 हितग्राही लाभांवित
मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) के तहत विदिशा जिले में 1863 हितग्राहियों के बैंक खातो में 41 करोड की राशि जमा की गई है कि जानकारी देते हुए जिला श्रम पदाधिकारी श्री सुधीश कमल ने बताया कि मार्च 2020 तक लाभांवित होने वाले हितग्राहियों की उक्त जानकारी है।
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