श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनो से 2391 मजदूर विदिशा पहुंचे
लॉक डाउन अवधि के दौरान प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को वापिस लाने के लिए किए गए प्रबंधो के तहत शुक्रवार को श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनो से 2391 मजदूर विदिशा पहुंचे है। श्रमिक एक्सप्रेस के आने से पहले विदिशा रेल्वे स्टेशन पर तमाम प्रबंध सुनिश्चित किए गए थे जिसमें श्रमिको के स्वास्थ्य परीक्षण (स्क्रीनिंग), मास्क देने तथा सेनेटाइजर से हाथों की स्वच्छता के अलावा मजदूरो को अपने गृह जिले तक पहुंचने के लिए बसों की व्यवस्था के साथ-साथ मजदूरो को लंच पैकेट, बच्चों को बिस्किट और प्रत्येक बस में पेयजल आपूर्ति के प्रबंध सुनिश्चित किए गए थे। केरल राज्य के कोझीकोड से श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में मध्यप्रदेश के 34 जिलो के 1135 श्रमिक रवाना हुए थे जो आज शुक्रवार की प्रातः 7.53 विदिशा पहुंचे। विदिशा रेल्वे स्टेशन पर श्रमिकों के लिए किए गए प्रबंधो से उन्हें किसी भी प्रकार की तकलीफों का सामना नही करना पड़ा है। इस प्रकार के उदगार श्रमिकों के थे, सुव्यवस्थित रूप से किए गए प्रबंधो के फलस्वरूप श्रमिको को ट्रेन की बोगी से उतरने से लेकर स्केनिंग और बस में बैठने तक हर जगह अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ वांलिटियर्सो के द्वारा के सौंपे गए दायित्वों के निर्वहन से संभव हुआ है। श्रमिक ट्रेन की बोगियों में से सबसे पहले श्योपुर जिले के श्रमिकों को उतरने की उदघोषणा की गई थी। प्लेटफार्म के बाहरी प्रवेश द्वार पर विदिशा नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने सबसे पहले आने वाले मजदूर का दोनो हाथ जोडकर अभिवादन किया और अपने हाथों से मास्क प्रदाय किया। उक्त कार्य श्रमिको के उतरने तक जारी रहा। विदिशा विधायक श्री शशांक भार्गव ने भी प्रवासी मजदूरो से संवाद स्थापित कर हालचाल जाना। स्टेशन पर किए गए प्रबंधो के संबंध में भी उन्होंने चर्चा की। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने स्वंय मजदूरो के लिए क्रियान्वित व्यवस्था पर नजर रखी वे बीच-बीच में मजदूरो से चर्चा करने लगते थे वही मौजूद चिकित्सा पैरामेडिकल स्टाप के कार्यो पर भी नजर रखे हुए थे। प्लेटफार्म नम्बर एक के प्रवेश द्वार पर बसो की आवाजाही पर भी उनकी चौकस नजर थी। बार-बार एलाउन्समेंट कराने के बाद अन्य अधिकारियों से चर्चा पूछते थे की कोई अमूक जिले का श्रमिक छूट तो नही गया है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने श्रमिको के बच्चों का विशेष ध्यान देने के निर्देश तैनात टीमो के अधिकारियों व वालिन्टियर्सो को दिए ताकि सभी बच्चों को बिस्किट, तोस प्रदाय किए जा सकें। इसी प्रकार हर बस में बैठने वाले श्रमिकों के लिए भोजन पानी की भी जानकारी उनके द्वारा समय-समय पर ली गई है। ज्ञातव्य हो कि केरल राज्य की कोझीकोड से रवाना हुई श्रमिक एक्सप्रेस में प्रदेश के 34 जिले क्रमशः आगर मालवा, अनूपपुर, बालाघाट, बडवानी, बैतूल, भिंड, भोपाल, बुरहानपुर, छतरपुर, छिंदवाडा, दमोह, दतिया, धार, गुंना, ग्वालियर, होशंगाबाद, जबलपुर, कटनी, खण्डवा, खरगौन, मंदसौर, मुरैना, नीमच, रीवा, सतना, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, टीकमगढ़, उमरिया शामिल है। इसी प्रकार की व्यवस्था विदिशा रेल्वे स्टेशन पर दूसरी श्रमिक एक्सप्रेस जो महाराष्ट्र के अहमदनगर से रवाना होकर विदिशा पहुंची है। उक्त स्पेशल ट्रेन में मध्यप्रदेश के तीस जिले क्रमशः बडवानी, बुरहानपुर, धार, इन्दौर, खण्डवा, खरगौन, बैतूल, हरदा, बालाघाट, छिंदवाडा, जबलपुर, कटनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सिवनी, शहडोल, उमरिया, रीवा सतना, सीधी, सिंगरोली, दतिया, शिवपुरी, भिण्ड, मुरैना, देवास, नीमच, छतरपुर, सागर, पन्ना के कुल 1256 श्रमिक विदिशा स्टेशन पर उतरे है। पूर्वानुसार सभी श्रमिकों के लिए उनके गंतव्य गृह जिला हेतु बसों के माध्यम से रवाना किया गया है इसके पहले स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाप के द्वारा सभी मजदूरो के स्वास्थ्य का परीक्षण, स्केनिगं की गई है। मजदूरो को बसो में ही भोजन के पैकेट और पानी के प्रबंध सुनिश्चित किए गए थे।
सफलता की कहानी : टिकिट लेकर भी ऐसी व्यवस्था नही होती, जो मुख्यमंत्री जी ने की
कोरोना वायरस का संक्रमण वायरस निष्प्रभाव हो के लिए देशव्यापी लागू हुआ लॉकडाउन अवधि में अनेक प्रवासी मजदूर को वापिस अपने गृह जिला में लाने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा की गई पहल से अनेक श्रमिक लाभांवित हुए है। केरल राज्य के कोझीकोड से रवाना हुई श्रमिक एक्सप्रेस में बैठकर आए मुरैना जिले के कोलारस गांव के श्री देवेन्द्र धाकड़ और उनकी पत्नि श्रीमती हेमलता धाकड़ का कहना है कि हम टिकिट लेकर भी आते तो भी ऐसी व्यवस्था नही मिलती जो लॉकडाउन की विषम परिस्थितियो में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हमें उपलब्ध कराई है। पति देवेन्द्र धाकड़ मलपुरम में मार्बल का काम करते थे पिछले दो माह से कंपनी बंद हो जाने के कारण अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था देवेन्द्र की पत्नि श्रीमती हेमलता गर्भवती है जिन्हें खाने की व्यवस्था करने में और कोरोना से बचाव के संबंध में चिन्ता सता रही थी ऐसे समय मुख्यमंत्री जी के सहारे हम अपने ग्राम तक पहुंचाने का साधन उपलब्ध कराया है। हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करते है और जीवन भर उनके ऋणी रहेंगे।
सफलता की कहानी : मुख्यमंत्री जी ने घर वालो से मिलने की प्रबल इच्छा पूरी कराई
श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से उतरे श्री सुरेन्द्र सिंह राजपूत का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घर वालो से मिलने की प्रबल इच्छा पूरी कराई है। दो साल की बच्ची को लेकर ट्रेन से उतरे श्री सुरेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि केरल के कोझीकोड की मार्बल कंपनी में दो माह से काम रहे थे। लॉक डाउन के कारण कंपनी बंद हो गई वही कोरोना बीमारी का भय सता रहा था। मन में अपने घरवालो से मिलने की प्रबल इच्छा थी। कई बार फोन पर चर्चा होने से इच्छा और बढ़ती जा रही थी ऐसे समय मुख्यमंत्री जी ने हम मजदूरो के लिए जो सहारा अपने घर तक आने का दिया है। जिससे मेरे परिवार की प्रबल इच्छा पूरी हुई है मै पत्नि सहित अपने गांव पहुंचकर मुख्यमंत्री जी का पत्र के माध्यम से धन्यवाद प्रेषित करूंगा।
सफलता की कहानी : शासन की मदद प्रशासन के प्रबंधो से घरो की ओर रवाना हुए 24 सौ मजदूर
लॉक डाउन अवधि के दौरान प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जिला तक लाने के राज्य शासन की मदद से संभव हुआ है। मजदूरो को किसी भी प्रकार की दिक्कते ना हो और वे अपने गृह जिले में पहुंच सकें। इसके लिए विदिशा जिला प्रशासन के द्वारा भी पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित कराए गए थे। दो श्रमिक एक्सप्रेस आज विदिशा स्टेशन पर पहुंची जिसमें पहली राज्य के कोझीकोड राज्य से रवाना होकर विदिशा आई है जिसमें प्रदेश के 34 जिलो के 1135 मजदूर और दूसरी श्रमिक एक्सप्रेस जो महाराष्ट्र के अहमदनगर से रवाना हुई थी के माध्यम से प्रदेश के 30 जिलो के 1256 मजदूर विदिशा पहुंचे है। इन सभी 2391 मजदूरो को सुव्यवस्थित रूप से अपने गतव्य स्थलों तक पहुंचाने के जो मदद राज्य सरकार द्वारा की गई और जिला प्रशासन द्वारा ईजाद प्रबंधो की भूरि-भूरि प्रशंसा मजदूरो के द्वारा बसो में रवाना होने से पहले व्यक्त की गई है। मापदण्डो के अनुरूप प्रत्येक मजदूर की स्क्रीनिंग कराई गई, मास्क प्रदाय किए गए है सेनेटाइजर से हाथ साफ कराए गए वही नगरपालिका के द्वारा बसों का सेनेटाईजर कराया गया। श्रमिकों और उनके बच्चो को बसो से अपने घर तक पहुंचने में कोई तकलीफ ना हो इसके लिए भी पृथक से व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई थी तदानुसार बच्चो को बिस्किट, तोस और सभी के लिए भोजन के पैकेट बसो में ही उपलब्ध कराए गए थे। ग्रीष्मकाल को देखते हुए ठंडे पानी के केम्पर भी बसो में रखने के बाद रवाना किया गया है।
सफलता की कहानी : समर्पण, त्याग के प्रतीक बने वालिंटियर्स
जैसे ही प्रशासन के संज्ञान में आया कि विदिशा जिले के रेल्वे स्टेशन पर दो श्रमिक एक्सप्रेस शुक्रवार आठ मई को आएंगी इन श्रमिक एक्सप्रेसो में प्रदेश के विभिन्न जिलो के लगभग ढाई हजार मजदूर विदिशा रेल्वे स्टेशन पर उतरेंगे। जिसमें बच्चे, महिलाएं, युवा, बुर्जुग होंगे को ध्यानगत रखते हुए कलेक्टर डॉ पंकज जैन के द्वारा रणनीति तय की गई थी। जिसमें वालिंटियर्सो को मुख्य रूप से सोशल डिस्टेन्सिग का पालन कराना और संबंधित बस में मजदूर सुगमता से बैठ सके इत्यादि जबावदेंही सौपी गई थी। केरल के कोझीकोड से रवाना हुई श्रमिक एक्सप्र्रेस ट्रेन विदिशा रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर प्रातः आते ही वालिंटियर्सो के द्वारा अपने दायित्वों का सुव्यवस्थित तरीको से निर्वहन कर समर्पण, त्याग को प्रदर्शित किया है। नोडल शासकीय महाविद्यालय विदिशा में अध्ययनरत स्वाति साहू ने तत्काल महिलाओें को इशारे से बताया कि आपको इस तरफ से चलना है और सोशल डिस्टेन्सिग का पालन करना है। बेरिकेटस तक सोशल डिस्टेन्सिग में कही कमी दिखती थी तो अविलम्ब दौडकर निर्धारित दूरी के उपरांत ही दूसरे मजदूरो को आगे बढ़ने का इशारा करती थी। फिर अपने स्थल पर आकर पुनः खडी हो जाती थी। वालिटियर्स कुमारी स्वाति साहू जो विदिशा के रीठा फाटक क्षेत्र में निवासरत है उनका कहना है कि एनएसएस के माध्यम से हमें जो प्रेरणा मिली है वह हमें मददगार बनने की सीख देती है। शौर्यादल के रूप में वालिंटियर्स के दायित्व का निर्वहन करने वाली स्वाति साहू ने बताया कि कन्या महाविद्यालय में बीए फर्स्ट इयर की छात्रा हूं। प्रातः पांच बजे से हम सब वालिंटियर्स अपने-अपने चिन्हित स्थलों पर सेवाएं देने हेतु कृत संकल्पित हुए है। मजदूरी की वापसी की प्रसन्नता उनके चेहरे पर सबसे पहले हमने देखी है।
सफलता की कहानी : मुख्यमंत्री जी ने सुरक्षित अपने घर तक पहुंचाया
पुणे की कंपनी के द्वारा मुझे रिज्यूम के आधार पर बुलाया गया था पर दूसरे दिन ही लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण निजी कंपनी में रोजगार का अवसर खोना पड़ा। मूलतः सतना जिले के नागौर तहसील के रहवासी श्री मुरारीलाल वर्मन का कहना है कि लॉकडाउन ने जहा मुझे ही नही बल्कि सभी को अपने-अपने घर जाने के लिए हतोत्साहित किया ऐसे समय मुख्यमंत्री जी के द्वारा की गई पहल से में आज विदिशा स्टेशन तक सुरक्षित पहुंचा हूॅ वही मुझे अपने गांव तक जाने के लिए बस की सुविधा भी फ्री में मिल रही है निश्चित ही संकट की ऐसी घडी में मुख्यमंत्री जी ने मसीहा की भूमिका अदा कर मेरे जैसे अनेको को सुरक्षित अपने-अपने घरों तक पहुंचाया है। जिससे परिवारजनों की चिंताए दूर हुई और हमें अपने परिवार से मिलने में हो रही दिक्कतो को हल किया है। मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए युवा मुरारी वर्मन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
स्टील सायलो की भण्डारण क्षमता पूर्ण हुई पांच समितियों की खरीदी वेयर हाउसो में, शेष समिति स्थल पर
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने बताया कि समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्र्र स्टील सायलो (गेंहूखेडी) की भण्डारण क्षमता अनुसार खरीदी कार्य पूर्ण हो जाने के कारण स्टील सायलो से संलग्न समितियों की खरीदी स्थान में नौ मई से परिवर्तन किया गया है। ज्ञातव्य हो कि स्टील सायलो गेंहू उपार्जन केन्द्र से कुल 18 समिति संवंद्व थी जिनमें से पांच समितियो के गेंहू का समर्थन मूल्य पर क्रय वेयर हाउस स्थलों पर जबकि शेष अन्य 13 समितियों के पंजीकृत किसान जो समर्थन मूल्य पर विक्रय से शेष रह गए है के गेंहू खरीदी का कार्य संबंधित समिति स्थल पर किया जाएगा। शनिवार नौ मई से जिन समितियों की खरीदी स्थल में परिवर्तन किया गया है उनमें पीपरहूंठा समिति को मोहित वेयर हाउस से, वन समिति को रूचि वेयर हाउस से, लश्करपुर समिति एवं पैरवारा समिति दोनो को लालजी वेयर हाउस से, हांसुआ समिति को महाकाल वेयर हाउस से संवंद्व किया गया है शेष समस्त समितियां अपने-अपने समिति स्तर के केन्द्र के रूप में कार्य करेगी।
अकोला से रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेन आज विदिशा आएंगी
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य के अकोला रेल्वे स्टेशन से एक विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन आठ मई शुक्रवार की रात्रि साढे नौ बजे रवाना होगी। यह स्पेशल ट्रेन शनिवार नौ मई की प्रातः साढे छह बजे विदिशा आएगी। ट्रेन नम्बर 01921 का पूर्व में स्टापेज भोपाल था जिसमें संशोधन किया गया है तदानुसार अब विदिशा नया स्टापेज घोषित किया गया है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 36 जिलो के 1347 श्रमिक विदिशा आएंगे।
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