कोरोना वायरस से प्रभावित दो चिन्हित
नेशनल पोर्टल पर प्रदर्शित जानकारी के आधार पर विदिशा जिले के ग्राम चितौरिया में एक ही परिवार के पांच व्यक्ति पूर्व में कोरोना से प्रभावित हुए थे इसी परिवार की एक महिला का सेम्पल आज कोरोना पॉजिटिव प्राप्त हुआ है कि जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केसी अहिरवार ने बताया कि चितौरिया की उक्त महिला का सेम्पल 28 मई को लिया गया था। इसी प्रकार विदिशा जिले के नटेरन तहसील में ग्राम फूफेर का निवासी वाहन चालक जो भोपाल की हमीदिया अस्पताल में पहले से भर्ती था उक्त व्यक्ति का भी सेम्पल 28 मई को लिया गया था जो पॉजिटिव आया है कि जानकारी हमीदिया अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध कराई गई है। ज्ञातव्य हो कि उक्त वाहन चालक का इलाज पूर्व से ही भोपाल के हमीदिया अस्पताल में किया जा रहा है।
कोरोना प्रभावित व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ हुआ
ग्यारसपुर विकासखण्ड के ग्राम नादौर का व्यक्ति जो मढ़ीपुर में ढावा संचालक का कार्य कर रहा था। उक्त व्यक्ति का सेम्पल बीस मई को कोरोना पॉजिटिव प्राप्त होने पर अटल बिहारी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा में भर्ती कराया गया था विशेषज्ञों चिकित्सकों की निगरानी में किए गए लगातार उपचार से संबंधित व्यक्ति तीस मई शनिवार को पूर्ण स्वस्थ होने के उपरांत चिकित्सकों द्वारा तालियां बजाकर कोरोना पर विजय प्राप्त करने पर उन्हें विदाई दी व प्रोटोकाल का पालन करते हुए डिस्चार्ज पश्चात् अपने ग्राम निवास पर सात दिनों के लिए होम आइसोलेशन में रहने हेतु अवगत कराया गया है।
मलेरिया नियंत्रण निरोधक गतिविधियों का आयोजन मासांत तक
जिले में भी जून मासांत को मलेरिया नियंत्रण निरोधक गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा इस हेतु आमजनों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार गतिविधियों का संदेश पहुंचे इसके लिए जून माह में जागरूकता हेतु प्रचार रथ जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करेगा ताकि आमजन मलेरिया किन कारणो से होता है से भलीभांति अवगत होकर उन कारणो का निदान अपने घरो में कर सकें। जिला चिकित्सालय परिसर में मलेरिया निरोधक माह के परिपेक्ष्य में एक जून को प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी श्री बीएम वरूण ने बताया कि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों के अलावा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा चिकित्सा विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। जिला चिकित्सालय परिसर में एक जून की प्रातः नौ बजे से कार्यक्रम आयोजित किया गया है। आयोजन स्थल के समीप मलेरिया निरोधक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी वही मलेरिया से बचाव पर आधारित साहित्य का भी वितरण किया जाएगा। अतिथियों द्वारा मलेरिया नियंत्रण निरोधक रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। उक्त रथ जून मासांत तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर आमजनों को मलेरिया के प्रति जनजागृति के उद्वेश्यों की प्राप्ति हेतु साहित्य का वितरण करेगा तथा रक्तपट्टिका संग्रहित करेगा।
प्रदेश के जिलो में यात्रा अब बिना पास के अन्य राज्यों की यात्रा हेतु ई पास की आवश्यकता
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने राज्य शासन के नवीनतम प्राप्त निर्देशों का हवाला देते हुए बताया कि अब मध्यप्रदेश में एक जिले से अन्य जिलो में यात्रा करने हेतु ई पास की आवश्यकता नही होगी। ई पास केवल प्रदेश के जिलो से अन्य राज्यों के जिलो में यात्रा करने के पूर्व ई पास के माध्यम से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। ई पास आटो जनरेट होंगे एवं आवेदन करते ही संबंधित को एसएमएस के माध्यम से स्वतः ही प्राप्त होंगे। ई पास पोर्टल पर यह व्यवस्था रविवार 31 मई की प्रातः से लागू की गई है।
हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थी परीक्षा से वंचित ना हो
माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित वार्षिक परीक्षा 2020 में जिन विषय की परीक्षा कोविड-19 वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन होने से आयोजित नही हो सकी थी। उन शेष रही विषयों की वार्षिक परीक्षा का आयोजन मण्डल द्वारा नौ जून से 16 जून तक किया गया है। विदिशा जिले के शासकीय छात्रावासों में रहने वाले ऐसे छात्र-छात्राएं जो उक्त परीक्षा में सम्मिलित हो रहे है तथा कोविड-19 वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण छात्रावास से अपने घर अथवा अन्य स्थान पर चले गए है वे सभी छात्र-छात्राएं भी उक्त परीक्षा में शामिल होगी। ततसंबंध में शिक्षा विभाग, अनुसूचित जनजाति विभाग, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अन्य शासकीय छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थी उक्त परीक्षा से वंचित ना हो सकें। यह विभाग का दायित्व होगा कि हॉस्टल में रहने वाले उक्त छात्रा-छात्राओं में से कोई भी विद्यार्थी परीक्षा देने से वंचित ना रहें। वे सभी आवश्यक रूप से परीक्षा में सम्मिलित हो। लोक शिक्षण आयुक्त के द्वारा ततसंबंध में विशेष निर्देश जारी किए गए है जिनका अनुपालन करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए गए है। जिसमें मुख्य रूप से समस्त छात्रावासों को अच्छे से सेनेटाइजर कराया जाए व सफाई की पूर्ण व्यवस्था की जाए। ऐसे छात्रावास जिन्हें क्यूरेन्टाइन सेन्टर बनाया गया है उन छात्रावासों के रहवासियों की व्यवस्था परीक्षाकाल हेतु किसी अन्य सुरक्षित छात्रावास में की जाए। इस कार्य हेतु सुरक्षित विद्यालय अथवा किसी अन्य परीसर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि छात्रावास अथवा अन्य कोई परिसर विद्यार्थी को उपलब्ध नही होता है तो ऐसी स्थिति में परीक्षार्थी को उनके निवास स्थान से परीक्षा केन्द्र तक आने जाने के लिए परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
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