पुलिस कैंप, मीडिया हाउस,चर्च और झोपड़पट्टी में जाकर सैनिटाइज कार्य करवा रही हैं आकांक्षा चित्रांश ...
पटना,01 जून. और वह खुद काम करती हैं,पर वह काम करवाने वाले शख्स को ही धन्यवाद देते रहती हैं.उसका नाम है आकांक्षा चित्रांश. आकांक्षा मूलरूप से उत्तर प्रदेश की निवासी हैं. पली-बढ़ी बिहार में. राजधानी पटना और लखीसराय को अपनी कर्मभूमि बना रखी हैं. एक साधन संपन्न परिवार में जन्म लेने वाली आकांक्षा चित्रांश ने लखीसराय विद्यापीठ से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की. इस दौरान लखीसराय जिले से इनका लगाव बढ़ गया. कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करने के बाद दिल्ली में सरकारी नौकरी में करने लगी.लखीसराय से दिल्ली जरूर आई पर इनका मन वहां नहीं रमा. फिर भी पर एक मल्टीनेशनल कंपनी में उच्च अधिकारी बनी. वहां भी कुछ बात नहीं बनी तो वापस पटना लौटी तथा समाज सेवा में अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया.राजधानी पटना के जल प्रलय के समय उनकी टीम के द्वारा काफी बेहतर कार्य किया गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार वह लखीसराय जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में शिक्षा का अलख जगा रही हैं. वह कुछ ही दिनों में समाज सेवा की अनूठी मिसाल कायम कर ली. फिर अपने मुट्ठी भर साहसिक साथियों के बल पर जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में विस्तार से शिक्षा का अलख जगाने लगी. इस बीच संस्कृति फाउंडेशन हेल्पिंग ह्यूमन नामक संस्था गठित कर ली. आप आंकाक्षा चित्रांश संस्था की सचिव हैं. संस्था बनाने के बाद सचिव आकांक्षा चित्रांश ने संस्था के उद्देश्य भूख, गरीबी, बेरोजगारी जैसे ज्वलंत समस्याओं के साथ सामाजिक कुरीतियों पर भी जोरदार प्रहार करने लगी. आगे चलकर माननीय सांसदों की तरह आकांक्षा ने लखीसराय जिले के नक्सल प्रभावित गांवों को गोद लेकर शिक्षा का अलख जगाने लगी. सामाजिक कार्यकर्ता व रक्तदान योद्धा के साथ मिलकर काम किया गया.रक्तदान जैसे पुनीत कार्यों में संस्कृति फाउंडेशन को जोड़कर रक्तदान महाकल्याण को बढ़ावा दिया. आकांक्षा चित्रांश कहती हैं कि कोरोना काल में पटना में आ गयी.कोरोना संकट में पटना के पटेल नगर और शास्त्री नगर स्लम बस्तियों में तथा लखीसराय के ग्रामीण इलाकों में अपने निजी कोष से बिना किसी शोर-शराबे के जरूरतमंद लोगों के बीच खाना आनाज व दवाइयां बाँटना शुरू कर दिया. इसके बाद वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान सभी लोग अपनी तरफ से लोगों की सेवा में लगे हुए हैं.
अब पूर्णतः कोरोना काल में ही समाज सेवा कार्य करने पर निछावर हो गयी.हर वक्त यही कहती हैं कि हम बहुत कुछ तो नहीं पर किसी के लिए कुछ तो कर सकते हैं. इसी सोच में टीम के साथ आकांक्षा बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम पटना में सैनिटाइजेशन करवाने चले गए. संस्कृति फाउंडेशन हेल्पिंग ह्यूमन अपनी तरफ से उन सभी लोगों का तहे दिल से आभार धन्यवाद प्रकट करती है, जो इस वैश्विक महामारी के दौरान किसी भी तरीके से लोगों की मदद कर रहे हैं.उन्होंने तहे दिल से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा जी को धन्यवाद प्रदान की हैं कि वह इस कोरोना जैसे महामारी के दौरान अपनी पूरी टीम के साथ लोगों के बीच में लोगों को मदद पहुंचा रहे हैं.कांग्रेस के नेता पूर्व अध्यक्ष पटना महानगर शाकिर अली जी का तहे दिल से धन्यवाद दी. उनके सहयोग से हम लोग कांग्रेस कार्यालय में पहुंचे हैं एवं मदन मोहन सर जी के नेतृत्व में पूरा कांग्रेस कार्यालय सैनिटाइज करवाया गया. मैं तहे दिल से अमिता भूषण दीदी का धन्यवाद देना चाहती हूं कि आप सभी लोग इस महामारी के दौरान पूरी तरीके से अपने अपने नैतिक कर्तव्य को पूरा कर रहे हैं.
संस्कृति फाउंडेशन एवं हेल्पिंग ह्यूमन की तरफ से इस वैश्विक महामारी करोना के दौरान कजरा के वासुदेवपुर गांव और बिजली ऑफिस को सैनिटाइज कर दिया गया. टीम मेंबर प्रभाकर भाई को तहे दिल से धन्यवाद देती हूं कि वह अपने टीम का पूरा काम अपनी तरफ से इस महामारी के दौरान अपने गांव में कर रहे हैं.कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए संस्कृति फाउंडेशन एवं हेल्पिंग ह्यूमन की तरफ से पाटलिपुत्र थाना को एवं उनकी गाड़ियों को पूरी तरीके से सैनिटाइज करा कर धन्यवाद दिया गया . मैं तहे दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं अपनी टीम मेंबर को जो इस करोना जैसे वैश्विक महामारी के दौरान भी पूरी तरीके से लगे हुए हैं पाटलिपुत्र थाना की सभी वीर जवानों को संस्कृति फाउंडेशन एवं हेल्पिंग हुमन के तरफ से तहे दिल से सलाम करती हूं. संस्कृति फाउंडेशन एवं हेल्पिंग ह्यूमन के तत्वावधान में बीजेपी का कार्यालय सैनिटाइज किया गया. तहे दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं संजय राय सर जी का राजन सर का एवं तमाम बीजेपी कार्यकर्ताओं का तहे दिल से धन्यवाद. मेरी टीम को धन्यवाद जो हर वक्त हर तरीके से इस करोना जैसे वैश्विक महामारी के दौरान लगी हुई है.
प्रशंसनीय कार्य
आपका हर एक कार्य सराहनीय ओर प्रशंसनीय है.दो दिनो से पुलिस कप्तान लखीसराय और अभियान एएसपी अमृतेश सर की स्वीकृति लेकर संस्कृति फाउंडेशन के सचिव आकांक्षा चित्रांश जी की ओर से सीआरपीएफ कैंप और एसटीएफ कैंप में सैनिटाइज का काम किया गया.जो सच में एक प्रशंसनीय कार्य है.धन्यवाद आपको आकांक्षा जी. धन्यवाद एसपी सर को ओर एएसपी अमृतेश सर को जो ये सराहनीय कार्य आकांक्षा जी को करने का शोभाग्य मिला.संस्कृति फाउंडेशन के सदस्य बमबम और राहुल को जिनके द्वारा ये सैनेटराइज का कार्य किया गया. संस्कृति फाउंडेशन की तरफ से इस वैश्विक महामारी करोना के दौरान जिस तरीके से अपनी जान की परवाह नहीं करते होगे पुलिस प्रशासन एवं मीडिया कर्मी ने जो अपना कर्तव्य निभाया है. वह काबिले तारीफ है.तहे दिल से संस्कृति फाउंडेशन के एवं हेल्पिंग हुमन के समस्त टीम मेंबर की तरफ से आप सभी को सेल्यूट करती हूं और धन्यवाद करती हूं.
इसलिए इन सभी लोगों को धन्यवाद करने का हम लोगों ने यह सोचा कि उनकी गाड़ियों को और उनके ऑफिस को हर तरीके से सैनिटाइज कर दिया जाए यह छोटी सी कोशिश है कि हम भी अपने इन योद्धाओं के लिए कुछ कर सके धन्यवाद. आज हम लोगों ने कशिश न्यूज के पटना कार्यालय में सभी लोगों की गाड़ियों को और पूरे ऑफिस को सैनिटाइज किया.इसके लिए मैं शिवम सिद्धार्थ पीपुल्स सर्विस प्वाइंट को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं कि वह हमारे इस मुहिम में पूरा साथ दे रहे हैं और पूरी तरीके से जुड़े हुए हैं धन्यवाद.धन्यवाद मेरे छोटे भाई दुर्गेश सोनू को जो हर वक्त मेरे साथ साए की तरह हर जगह साथ देता है.तहे दिल से आभार एवं धन्यवाद संतोष सर जी का कि वह हर जगह जा जाकर हम लोग तक वहां की वास्तविक खबरों से रूबरू करवाते हैं धन्यवाद संतोष सर जी का एवं सभी कशिश न्यूज टीम का धन्यवाद एवं आभार.कुर्जी के निवासी राजन क्लेमेंट साह के कहने पर पटना सबसे बड़ा गिरजाघर. जहां पर एक साथ तीन हजार लोग गिरजाघर में बैठकर मिस्सा-पूजा में भाग ले सकते हैं.वह दीघा घाट में स्थित है प्रेरितों की रानी ईश मंदिर को संस्कृति फाउंडेशन हेल्पिंग ह्यूमन की सचिव आंकाक्षा चित्रांश के द्वारा सैनिटाइज कर दिया गया है. अब ईसाई समुदाय अनलाॅक-1 में 8 जून से मिस्सा-पूजा में भाग ले सकते हैं.
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