जमशेदपुर : दीवारों पर बनारस के घाटों के दर्शन, लोगों को भा रही है पेंटर असीम की आकर्षक पेंटिंग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 21 जून 2020

जमशेदपुर : दीवारों पर बनारस के घाटों के दर्शन, लोगों को भा रही है पेंटर असीम की आकर्षक पेंटिंग

जमशेदपुर के कालाकार असीम पोद्दार ने बिष्टुपुर स्थित प्रशांत सिह के घर के बाहरी दीवार पर एक पेंटिंग बनाई है. बनारस के घाटों पर बनी पेंटिंग की शहर में काफी चर्चा है.
banaras-painting-in-jamshedpur-wall
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) शहर के कालाकारों की बात ही अलग है. यहां के कलाकारों ने अपनी कला के कारण ही देश विदेश में अपनी पहचान बनाई है. उन्ही कालाकारो में एक हैं जमशेदपुर से सटे सरायकेला खरसावां जिले के तामुलिया के रहने वाले असीम पोद्दार. असीम पोद्दार ने कई जगहों पर अपने हाथों से एक से बढ़कर एक चित्रों को उकेरा है लेकिन जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित प्रशांत सिह के घर के बाहरी दीवार पर जो पेंटिंग बनाई है. वह पेंटिंग इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बना हुआ. वहीं ,प्रशांत सिह का कहना है कि उनके घर के आगे की दीवार पूरी तरह खाली थी. कुछ दिन पहले प्रशांत वाराणसी अपने परिवार के साथ गए थे तो वे वाराणसी के गंगा घाट को देखा तो काफी अच्छा लगा. उसके बाद उन्होंने अपने दीवार पर उस दृश्य को उतारने की सोची और उन्होंने असीम को जिम्मेदारी दी. असीम ने भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया. पेंटिंग इतनी खूबसूरत बनी है कि हर आने जाने वालों की नजर इस पेंटिंग पर पड़ते ही रूक जाती है और लोगों का कहना कि इस तरह के पेंटिंग को शहर के हर चौक चौराहों पर बनाया जाए ताकि आज कल के बच्चे भी हमारी सांस्कृतिक और सभ्यता को जान सके. असीम ने अपने हाथों से बनारस के घाटों को जीवंत रूप में दीवारों पर उतारा है. इस तस्वीर में उन्होंने गंगा किनारे की सारी गतिविधियों को दिखाया है. चाहे वह बनारस का दश्वमेघ घाट हो या घाट की शाम की आरती हो. असीम ने बताया कि इसे बनाने मे उन्हें पांच दिन लगे हैं. हालांकि असीम के अनुसार वह वाराणसी कभी गए नहीं हैं, लेकिन उसकी तस्वीर को देख कर इस पेंटिंग को बनाया है.

कोई टिप्पणी नहीं: