- खगड़िया में आंदोलन के दौरान माले जिला सचिव अरूण दास सहित 5 की गिरफ्तारी निंदनीय.
- भूस्वामियों ने 25 बीघा जमीन कर रखी है कब्जे में, गरीबों के बीच वितरित करो.
- माले कार्यकर्ताओं ने आज किया गोगरी अनुमंडल का घेराव
पटना , भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार सही अर्थों में गरीबों पर बुलडोजर चलाने वाली और उनकी लड़ाई लड़ रहे नेताओं को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेजने वाली सरकार साबित हुई है. अभी सबसे हालिया प्रकरण में अवैध तरीके से कब्जा जमा रखे दबंगों के कब्जे वाली गैरमजरूआ जमीन पर गरीबों की झोपड़ी बसाने का आंदोलन चला रहे खगड़िया के माले जिला सचिव अरूण दास सहित 5 लोगों को जेल भेजने का निंदनीय कार्य हुआ है. भाकपा-माले की एक राज्यस्तरीय टीम ने आज खगड़िया का दौरा किया और आज ही इस घटना के खिलाफ गोगरी अनुमंडल कार्यालय पर एक विशाल प्रतिवाद मार्च को भी संगठित किया. इस टीम में बेगूसराय के जिला सचिव दिवाकर कुमार के साथ-साथ खगड़िया जिला के नेता सुभाष सिंह, अखिल भारतीय किसान महासभा के खगड़िया के नेता अभय वर्मा, इनरदेव राम, आइसा नेता दीपक कुमार आदि शामिल थे. जिले के गोगरी प्रखंड के वासुदेवपुर पंचायत की इटहरी गांव में 25 बीघा गैरमजरूआ जमीन पर निरंजन सिंह, सचिदा झा, उदयकांत झा आदि दबंगों ने गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर रखा है. सीओ ने उस जमीन से इन दबंगों की जमाबंदी खारिज करने की अपील एडीएम के पास कर चुके हैं, लेकिन मामला अभी तक अटका पड़ा है. भाकपा-माले लंबे समय से इस जमीन को दबंगों के कब्जे से मुक्त कराकर गरीबों के बीच बांटने की मांग करते रही है, लेकिन जिला प्रशासन अपने ही अधीनस्थ अधिकारियों के आवेदन पर कोई विचार नहीं कर रही है. काॅमरेड अरूण दास इस मसले को लेकर कई बार बीडीओ, एसडीओ से मिलते रहे लेकिन जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. आखिरकार, प्रशासन के निष्क्रिय रवैये को देखते हुए भाकपा-माले ने उक्त जमीन पर गरीबों को बसाने की खुद पहलकदमी ली और कल 25 जून को वहां 500 आवासहीन गरीबों की झोपड़ी डाल दी गई. गरीबों के अधिकारों की रक्षा करने की बजाए गोगरी थाना दबंगों की ओर से घटनास्थल पर पहुंचा और काॅमरेड अरूण दास, सुभाष दास, बीजो दास, रबिन दास, रामविलास दास सहित कुल 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की गिरफ्तारी में गिरने की वजह से अरूण दास का हाथ फ्रैक्चर हो गया है. इस घटना के खिलाफ आज गोगरी में एसडीओ कार्यालय का भाकपा-माले के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आक्रोशित गरीबों ने घेराव किया. एसडीओ की अनुपस्थिति में उन्होंने भूमि समाहर्ता अधिकारी से बात की और अपने पक्ष को मजबूती से रखते हुए कहा कि जब सीओ ने उक्त जमीन की जमाबंदी खारिज करने की सिफारिश कर चुके हैं, तो फिर प्रशासन टाल-मटोल रवैया क्यों अपना रहा है? माले नेताओं ने कहा कि सभी नेताओं की गिरफ्तारी गलत तरीके से की गई है, उनकी अविलंब रिहाई होनी चाहिए और उक्त जमीन का वितरण गरीबों के बीच तत्काल होना चाहिए.
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