लद्दाख सीमा विवाद पर राजनाथ ने कहा : भारत अब कमजोर देश नहीं रहा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 14 जून 2020

लद्दाख सीमा विवाद पर राजनाथ ने कहा : भारत अब कमजोर देश नहीं रहा

india-is-not-weak
नयी दिल्ली 14 जून, लद्दाख सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत अपने ‘‘राष्ट्रीय गौरव’’ के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अब ‘‘कमजोर’’ देश नहीं रहा है और उसकी सुरक्षा क्षमता बढ़ गई है।जम्मू कश्मीर के लिए एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने विपक्ष को भी आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार सीमा पर किसी भी घटनाक्रम के बारे में संसद या किसी को भी अंधेरे में नहीं रखेगी और उचित समय आने पर जानकारियां साझा करेगी। सिंह ने कहा, ‘‘मैं यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रीय गौरव से समझौता नहीं करेंगे। भारत अब कमजोर देश नहीं रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा की हमारी ताकत बढ़ी है लेकिन इस ताकत का मतलब किसी को डराना नहीं है बल्कि अपने देश की सुरक्षा करना है।’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चीन ने बातचीत के जरिए भारत के साथ विवाद को हल करने की इच्छा जताई है और भारत सरकार की भी ऐसी ही राय है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भी सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के जरिए भारत और चीन के बीच तनातनी को खत्म करने की कोशिश है।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देश सैन्य स्तर पर संवाद कर रहे हैं। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को पूर्व में विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने से केंद्र शासित प्रदेश में चौतरफा विकास हुआ है। सिंह ने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में इतना विकास करेगी कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग भी भारत का हिस्सा बनने की मांग करेंगे। इससे पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा बताने वाला हमारा संसदीय संकल्प भी पूरा हो जाएगा।
<

कोई टिप्पणी नहीं: