अरवल (आर्यावर्त संवाददाता) इस जिले के बालिका हाई स्कूल में पढ़ती थीं जूली कुमारी. वह कभी मानव संसाधन विकास विभाग के द्वारा निर्देशित शैक्षणिक गुणवत्ता मिशन कार्यक्रम के तहत बाल संसद की सदस्य थीं.आज वह अरवल अनुमंडल के 24 घंटे की अनुमंडल पदाधिकारी बन गयी. बिहार स्कूल परीक्षा समिति द्वारा वर्ष 2020 में ली गयी परीक्षा में तीसरे स्थान पर आयी जूली कुमारी कहती हैं कि बाल संसद का स्वरूप 12 सदस्यों का होता है. जिसमें प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री के अलावा पांच मंत्री एवं पांच उप मंत्री होते हैं. प्राथमिक विद्यालय के ऊपर कक्षा के बच्चे बाल संसद के मंत्रिमंडल में शामिल होते हैं. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 15 दिन में कैबिनेट की बैठक होती है. ये सारा प्रावधान छात्रों को समझने एवं सीखने के उद्देश्य से गुणवत्ता शिक्षा कार्यक्रम के तहत किया गया है. विद्यालय के एक शिक्षक बाल संसद के संयोजक होते हैं. उस समय घोर आश्चर्य में पड़ गयी जब अरवल अनुमंडल की अनुमंडल पदाधिकारी किरण सिंह के कार्यालय से पत्र आया. उसमें उल्लेख किया गया था कि आपने बिहार स्कूल परीक्षा समिति द्वारा वर्ष 2020 में ली गयी परीक्षा में तीसरे स्थान पर आयी हैं.तीसरे स्थान पर तीन स्टूडेंट्स हैं भोजपुर के शुभम कुमार, औरंगाबाद के राजवीर और अरवल की जूली कुमारी. तीनों के 478-478 मार्क्स है. इसके अलावे आपने बिहार बोर्ड मैट्रिक ओवर ऑल थर्ड टॉपर भी बनी हैं. इस तरह आपने जिला अरवल का नाम रौशन की हैं.आपको 24 घंटे के अरवल अनुमंडल की अनुमंडल पदाधिकारी बनाकर सम्मानित करना चाहते हैं. इस तरह का प्रशंसा पत्र प्राप्त कर जूली कुमारी चहक हो उठी. वह स्कूल टाइम के बारे में सोचने और विचारने लगी.जब टीचर बाल संसद के माध्यम से सशक्त सुशिक्षित समाज निर्माण के लिए हम बच्चांे को अपने विद्यालय, समाज, परिवार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कला, संस्कृति के अलावा अपने अधिकारों पर खुल कर बात करने पर जोर देती थीं.बाल संसद विद्यालयों के बच्चे बच्चियों का मंच है. इससे जीवन कौशल का विकास, बच्चों में नेतृत्व एवं निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करने, विद्यालय की गतिविधियां एवं प्रबंधन में भागीदारी बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह मौका है कि प्रशासनिक स्तर पर कार्य करने का अवसर 24 घंटे में मिल जाएगा. जूली कुमारी ने इस बाबत अपने पिता और मम्मी को जानकारी दे दी. बैदराबाद की रहने वाली जूली के पिता मनोज कुमार सिन्हा खड़ासीन मध्य विद्यालय में नियोजित शिक्षक हैं. जबकि पत्नी लालती देवी गृहणी है. जूली घर में सबसे छोटी है. उसका एक भाई है और तीन बहनें हैं. बड़ी बहन की शादी हो चुकी है.दूसरी बहन पूनम कुमारी एमएससी कर चुकी है.जबकि तीसरी बहन निक्की बीकॉम कर रही है.घर वालों ने 24 घंटे की अनुमंडल पदाधिकारी बनने की स्वीकृति प्रदान कर दी. यहां से अनुमति मिलने के बाद जूली कुमारी कार्यालय में जाकर अनुमंडल पदाधिकारी किरण सिंह मिलकर 24 घंटे की अनुमंडल पदाधिकारी बनने की स्वीकृति प्रदान कर दी. इस बीच जूली कुमारी के पिताजी मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि वह अरवल जिले के बालिका हाई स्कूल की छात्रा थीं.उन्होंने कहा, कि वह मैट्रिक की पढ़ाई के दौरान दिन में 16-17 घंटे पढ़ती थीं.कोचिंग भी जाती थीं. तीसरे स्थान पाने वाली जूली ने कहा कि वह रिजल्ट से बहुत खुश है. पेपर कापी अच्छे गए थे इसलिए टॉप स्टूडेंट्स में आने की उम्मीद थी.आगे जाकर इंजीनियर बनना चाहती हूं. मैथ्स मेरा पसंदीदा विषय है. मुझे ड्राइंग का भी शौक है.हायर एजुकेशन के लिए पटना जाना चाहूंगी.मेरे माता- पिता ने हमेशा मुझे उत्साहित किया हैं, इसका श्रेय दोनों को जाता है.मेरी इस कामयाबी से मेरे माता -पिता. भाई- बहन को काफी खुशी हुई है. अरवल जिले का मान बढ़ाने वाली जूली कुमारी तैयार होकर अरवल अनुमंडल कार्यालय चली गयी. जहां पर अनुमंडल पदाधिकारी किरण सिंह के साथ कार्यालय के सभी सहकर्मियों ने 24 घंटे की अनुमंडल पदाधिकारी जूली कुमारी की स्वागत जोरदार ढंग से किये. अनुमंडल पदाधिकारी किरण सिंह ने सरकारी कुर्सी ; अनुमंडल पदाधिकारीद्ध पर जूली कुमारी को बैठाकर खुद ही बगल वाली कुर्सी पर जाकर बैठ गयीं. इस तरह अनुमंडल पदाधिकारी ने जूली कुमारी को सम्मान दी. वहीं सभी सहकर्मी आसपास में खड़े रहे. अधिकृत अनुमंडल पदाधिकारी किरण सिंह ने कहा कि यह जरूरी था कि जूली को सम्मानित किया जाए. इस अनुमंडल पदाधिकारी की कुर्सी पर बैठकर प्रशासनिक दक्षता प्राप्त करेंगी.यह मेरी सौभाग्य है कि बिहार परीक्षा समिति की परीक्षा में तीसरे स्थान पर आने वाली और बिहार बोर्ड मैट्रिक ओवर ऑल थर्ड टॉपर बनने वाली जूली कुमारी को सम्मानित कर सके. मुझे मालूम है कि वह इंजीनियर बनना चाहती हैं.उसे प्रशासनिक क्षेत्र के स्कोप भी दिखाना चाहती थीं.वह 24 घंटे में अनुभव कर पाएंगी. इस बीच कोरोना वायरस से बचने के लिए मुंह पर मास्क लगाने वाली अनुमंडल पदाधिकारी जूली कुमारी ने कहा कि अभी तक केवल एक ही मामला सामने आया है. एक बुजुर्ग पिता के दो बच्चे हैं मगर पिताजी को भोजन सामग्री नहीं दे रहे हैं. दोनों बच्चों को बुलाकर समझा दिया गया है कि पिताजी को भोजनादि दें. ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य हो जा जाना पड़ेगा. एसडीओ किरण सिंह के द्वारा जूली कुमारी को सम्मानित करने पर डीएम रविशंकर चौधरी तथा एसपी राजीव रंजन ने खुशी व्यक्त किया है. दोनों ने छात्र जूली कुमारी को इस सफलता के लिए बधाई दी है.आज दिनभर अनुमंडल कार्यालय परिसर में एसडीओ किरण कुमारी की प्रशंसा होती रही और जूली कुमारी को एसडीओ के रूप में देखने के लिए लोग हुलकते रहे.गांवघर में जूली को लेकर जोरदार चर्चा होती रही. लड़का और लड़की विभेद करने वाले लोग कुछ सोचने को मजबूर हो गए.
रविवार, 21 जून 2020
बिहार : अरवल अनुमंडल के 24 घंटे की अनुमंडल पदाधिकारी बन गयी
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