मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) बेनीपट्टी प्रखंड के पश्चिमी भाग में एक माधोपुर गांव है, जहां दशकों बाद भी पुरानी बागमती नदी की उपधारा पर पुल निर्माण नही हो सका। चुनाव के समय जनप्रतिनिधि, ग्रामीणों को कई बार आश्वासन दिए, मगर उसके बाद गांव में झांकनें तक नही गए। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। माधोपुर गांव राधेकृष्ण मंदिर के निकट पुरानी बागमती नदी की उपधारा बह रही है। दशको से ग्रामीण उपधारा पर हीम पाइप और चचरी पुल बनाकर काम चलाते थे, जो बाढ़ में क्षतिग्रस्त होकर बह गया। ग्रामीणों को एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए जान हथैली पर रखकर तैर कर जाना पड़ता था। चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार पुल निर्माण के लिए ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन ही मिला, मगर उसके बाद वायदा पुरा करने की बात तो दूर जनप्रतिनिधि गांव में झांकने तक नही आएं। पूर्व मुखिया विष्णुकांत झा, उदयकांत झा, रमेश चंद्र मिश्र, अनिल राम सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को बारंबार कहने के बाद भी सिर्फ आश्वासन ही मिला। मगर वर्षो बाद भी पुल का निर्माण नही कराया गया। इस बार के चुनाव में किसी को गांवों में टपने नही देेंगें। अब मनरेगा योजना के तहत तकरीबन 10 लाख की लागत से उक्त उपधारा पर पुल निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। इस पुल के निर्माण हो जाने से माधोपुर, धनूषी, बररी, फुलवरिया, बलसा, तरैया, रजबा, नवगाछी, बररी बेहटा, चानपुरा सहित कई गांवों को आवागमन में फायदा होगा। खासकर बाढ़ के समय में इन सभी गांवों के लोगों को आवाजाही में परेशानी नही झेलनी पड़ेगी। मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी संजीव रंजन मिश्र ने बताया कि करीब 10 लाख की लागत से पुल निर्माण कराया जा रहा है। इससे कई गांवों को सामान्य दिनों के अलावे बाढ़ के समय काफी फायदा होगा। एक गांव से दूसरे गांव आने व जाने में परेशानी नही होगी।
रविवार, 28 जून 2020
मधुबनी : तो खुद ही चंदा कर ग्रामीण बना रहे पुल
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