कोई चीनी चंदे पर चुप रहा, तो किसी ने होटल के बदले जमीन पर मूँदीं आँखें
पटना: बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि महात्मा गांधी सेतु के समानान्तर बनने वाले पुुल में चीनी कंपनी का ठेका रद्द करने का फैसला तकनीकी आधार पर लिया गया है। लेकिन, इसी बहाने सरकार पर सवाल उठाने वाले राजद-कांग्रेस के लोगों को पहले राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले 90 लाख के चीनी चंदे पर देश को जवाब देना चाहिए। सुमो ने कहा कि यूपीए-1 के समय जब लालू प्रसाद केंद्र में मंत्री थे, तब चीनी दूतावास ने हर साल सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले फाउंडेशन को चंदे दिये थे। तब सोनिया चीनी चंदे ले रही थीं और लालू प्रसाद रेलवे के होटल के बदले जमीनें लिखवा रहे थे। यूपीए के दोनों दल न केवल पैसे बनाने में लगे थे, बल्कि एक-दूसरे के भ्रष्टाचार पर चुप रहने की सहमति के आधार पर सत्ता की मलाई काट रहे थे। राबड़ी देवी के बयान पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जांच का सैंपल साइज बढ़ कर रोजाना 9 हजार हो गया है। लगभग 2 लाख नमूनों की जांच हुई। मरीजों के ठीक होने की दर 78 फीसद हो गई। उन्होंने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहां घर-घर जाकर कोरोना की जांच की गई। स्थिति काफी नियंत्रण में है, जबकि गैर-एनडीए शासित महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन 31 जुलाई तक बढ़ाने की नौबत आ गई। राबड़ी देवी को कोरोना संक्रमण पर बोलने से पहले इस महामारी से निपटने में बिहार सरकार की तत्परता के आंकड़े भी देखने चाहिए थे। लेकिन, उनकी पार्टी में कभी भी तथ्यों पर बोलने का संस्कार ही नहीं रहा।
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