पांचवी तक की पढ़ाई मातृभाषा में शुरू किया जाना सर्वथा उचित
दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रो० विनोद कुमार चौधरी ने नई शिक्षा नीति का स्वागत किया है तथा कहा है कि 35 वर्षों के बाद जिस शिक्षा नीति की घोषणा की गई है उसने अंग्रेजी करण को समाप्त कर दिया है। अब अंग्रेजी विषय में पढ़ाई की अनिवार्यता नहीं रहेगी। प्रो० चौधरी ने कहा इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि पांचवी तक की पढ़ाई मातृभाषा क्षेत्रीय भाषा एवं राष्ट्र भाषा में होगी। मैथिली भाषी लोगों के बीच आज इस बात की प्रसन्नता है कि अब उनके बच्चे भी प्राथमिक तक की पढ़ाई मैथिली में कर सकेंगे एवं मैथिली विषय में शिक्षकों की बहाली का रास्ता भी साफ हुआ। अब तक तो किसी भी सीबीएसई स्कूल में मैथिली विषय के शिक्षक नहीं होते थे। सरकार को भी अब मैथिली विषय में शिक्षकों की बहाली बड़े पैमाने पर किए जाने की आवश्यकता होगी। तकनीकी भाषा के रूप में मैथिली को शामिल नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है अब इसके लिए राज्यसभा एवं लोक सभा में बिहार के माननीय सांसदों को बात उठानी होगी तथा मैथिली आंदोलन से जुड़े लोगों को पुनः एक आंदोलन के लिए संगठित होना पड़ेगा।
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