राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं को रिहा करे सरकार, वरवर राव को रिहा करने की आवाज सरकार कर रही अनसुनी
पटना, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने आज प्रेस बयान जारी करके कहा कि हमारी पार्टी पहले ही दिन से जेलों में कोरोना संक्रमण के फैलाव न होने देने को लेकर ंिचंतित रही है. हमने सरकार से बारंबार कहा है कि राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं व छोटे-मोटे मुकदमों में जेलों में बंद आम लोगों को सरकार जमानत अथवा पैरोल पर रिहा कर दे, ताकि जेलों में संक्रमण न फैले. यदि जेल में संक्रमण फैल जाएगा तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी. लेकिन सरकार ने इन बातों को लगातार अनसुना किया है. स्थिति यह है कि मधुबनी के जेल में वहां के अधीक्षक सहित 14 कर्मी संक्रमित हो चुके हैं. और भी जेलों से संक्रमण की खबरें सामने आ रही हैं. ये स्थितियांे को और गंभीर बनाएगी. इसलिए सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए. माले राज्य सचिव ने देश के सम्मानित 80 वर्षीय वृद्ध व बीमार कवि वरवर राव को जेल से रिहा करने की चारों तरफ से मांग उठ रही है लेकिन तानाशाह सरकारों ने ऐसा लगता है कि वरवर राव को जेल में ही मार देने का फैसला कर लिया है. उन्हें जेल से निकालकर हाॅस्पीटल में भर्ती नहीं किया जा रहा है जबकि उनकी हालत लगातार गंभीर होती जा रही है. ऐसी खराब जीवन परिस्थितियों में महज वैचारिक कारणों से उन्हें जेल में सड़ाया जा रहा है. जब देश एक भयानक महामारी के दौर से गुजर रहा है, वैसे दौर में देश के तानाशाहों द्वारा एक वृद्ध व असशक्त व्यक्ति को जेल की सींखचों के पीछे मरने के लिए मजबूर करने के अमानवीय कृत्य को पूरा देश देख व समझ रहा है. देश ऐसे तानाशाहों को कभी माफ नहीं करेगा. उन्होंने बीमार व 70 वर्ष से अधिक की उम्र के राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सहित सभी राजनीतिक-सामाजिक बंदियों की अविलंब रिहाई की मांग दुहराई है.
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