दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (लनामिवि)के शिक्षाकर्मियों को कोरोना काल में वेतन एवं बकाए राशि का भुगतान नहीं होने से उनमें आक्रोश व्याप्त है। बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने आज यहां एक बयान जारी कर कहां है कि अधिकारियों के आपसी तकरार के कारण विश्वविद्यालय में अराजक स्थिति बनी हुई है। शिक्षकों एवं कर्मचारियों को 2 माह से वेतन नहीं मिला और अधिकांश सेवानिवृत्त शिक्षा कर्मियों को नवंबर से पेंशन नहीं मिला इतना ही नहीं लगभग मार्च माह में सरकार से आए 39 माह के यूजीसी पुनरीक्षित अंतर वेतन के बकाए का भुगतान भी नहीं हुआ। इस बीच जून माह में फिर से सरकार से 11 माह का अंतर वेतन की राशि विश्वविद्यालय को प्राप्त हुई इसका भी भुगतान नहीं हुआ। कुलपति एवं कुलसचिव से संपर्क नहीं होने पर जब एफ ए से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी जो 9 करोड़ 70 लाख रुपए अंतर वेतन के बकाए के मद मैं आया है वह राशि बहुत कम है और यहां से जो डिमांड भेजा गया था वह इतना ही था जबकि लगभग 42 करोड़ की राशि इस मद में चाहिए। इससे अधिक बताने में अपनी असमर्थता व्यक्त की तथा कहा कि मैं तो नया हूं । विश्वविद्यालय द्वारा आज तक समय पर सही बजट सरकार को नहीं भेजा जाना सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं सिर्फ यही जानना चाहता हूं की इस सब के लिए सरकार या विश्वविद्यालय प्रशासन दोषी है? और यदि विश्वविद्यालय प्रशासन दोषी है तो दोषी व्यक्ति को चिन्हित कर उस पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है? मामला जो भी हो विश्वविद्यालय के कुलपति को तुरंत इन सब बातों को संज्ञान में लेकर भुगतान की व्यवस्था करनी चाहिए सूत्रों का कहना है की पीएल अकाउंट में अभी भी 105 करोड़ की राशि पड़ी हुई है जिससे भुगतान संभव है।
शुक्रवार, 24 जुलाई 2020
दरभंगा : लनामिवि का बजट सरकार को नहीं भेजा जाना दुर्भाग्यपूर्ण : विनोद चौधरी
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