बेतिया. पश्चिमी चम्पारण के जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि बाढ़ आपदा से बचाव के लिए सभी संबंधित कार्यपालक अभियंताओं, कनीय अभियंताओं आदि द्वारा बेहतर कार्य का प्रदर्शन किया गया है. आपलोगों ने जिस प्रकार बाढ़ से सुरक्षा के लिए अपने कर्तव्यों का निवर्हन किया है उसी प्रकार हमेशा कार्य करते रहें. उन्होंने कहा कि जिले में बाढ़ के कारण जहां-जहां सड़कें, तटबंध, पुल-पुलियां आदि क्षतिग्रस्त हुए हैं उन सभी का स्थलीय निरीक्षण कर अद्यतन प्रतिवेदन तैयार करें तथा शीघ्रातिशीघ्र निर्माण/मरम्मति का कार्य पूर्ण करायें ताकि आवागमन को सुचारू कराया जा सके. जिलाधिकारी समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित आपदा विभाग की समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे. जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क, पुल-पुलिया, तटबंध आदि के निर्माण, मरम्मति में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं होनी चाहिए. निर्माण कार्य में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री गुणवतापूर्ण हो, इसका खास ध्यान रखें. इस कार्य में गड़बड़ी करने वाले संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा के समय चम्पारण तटबंध, पीपी तटबंध सहित अन्य प्रभावित तटबंधों मंगलपुर, अमवा खास, झारमहुई, आदि स्थलों पर ससमय प्रोटक्शन कार्य कराया जाना सराहनीय है.
जिला आपदा शाखा द्वारा बताया गया कि बाढ़ आपदा से जिले के पिपरासी, बगहा-02, नौतन, ठकराहां, मझौलिया, सिकटा, चनपटिया, योगापट्टी प्रखंडों में आंशिक रूप से प्रभावित है. जहां सामुदायिक किचेन, पाॅलीथिन शीट्स, सूखा राशन आदि की समुचित व्यवस्था कर दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रकार की आवश्यक दवाईयां मुहैया करायी जा रही है. वहीं पशुपालन विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु दवा एवं पशु चारा लगातार मुहैया करायी जा रही है. समीक्षा के क्रम में कार्यपालक अभियंताओं द्वारा बताया गया कि बगहा अनुमंडल अंतर्गत कुल 17 जगहों पर सड़क क्षतिग्रस्त हो गयी है जिसमें से 01 जगह पर कार्य शुरू कर दिया गया है तथा पानी कम होने के साथ ही शेष क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण करा दिया जायेगा. वहीं बेतिया अनुमंडल अंतर्गत कुल 39 जगहों पर सड़क क्षतिग्रस्त हुआ है जिसमें से 15 स्थलों पर कार्य शुरू कर दिया गया है, शीघ्र ही अन्य स्थलों पर भी निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा.नरकटियागंज अनुमंडल अंतर्गत कुल-52 जगहों पर सड़क क्षतिग्रस्त हुआ है जिसे मरम्मति करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि अविलंब टूटी हुई सड़कों का निर्माण कराना सुनिश्चित किया जाय. समीक्षा के क्रम में अभियंता द्वारा बताया गया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, बगहा द्वारा मिर्जा टोली में गैबियन लेईंग का कार्य 50 मीटर की लम्बाई में कराया गया है. वहीं मंगलपुर तटबंध में सड़क को मोटरेबुल करने हेतु ब्रीकबैट का निर्माण कराया गया है. साथ ही चम्पारण तटबंध के 9.5 किमी. पर निर्माणाधीन ए.एफ.एस. गेट के समीप आवागमन सुचारू करने के लिए ब्रीकबैट का कार्य कराया गया है.
मसान नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण झारमहुई गांव के समीप कटाव होने लगा था.जल निस्सरण प्रमंडल के अभियंताओं द्वारा त्वरित गति से कार्य करते हुए 1000 ई.सी. बैग एवं 300 एन.सी. बैग से कटाव निरोधक कार्य कराया गया है. कटाव पर पूर्णतः अंकुश लगाने के उदेश्य से उक्त स्थल पर बम्बू पायलिंग का कार्य भी करा दिया गया है. वहीं जोगिया पंचायत के शेरवा गांव के पास मसान नदी द्वारा कटाव किया जा रहा था. यहां भी त्वरित कार्रवाई करते हुए 400 एन.सी. बैग एवं 200 बम्बू पायलिंग का कार्य पूरा करा लिया गया है. इसी प्रकार सपही पंचायत के इमरती कटहरवा गांव के समीप भी 333 बम्बू पायलिंग तथा 200 एन.सी. कार्य से कटाव निरोधक कार्य कराया गया है. वहीं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-02 पडरौना द्वारा पी.पी. तटबंध पर 0.00 किमी. से 28.00 किमी. के बीच लगभग 87 जगहों पर विभिन्न आकार के रैनकट की मरम्मती ई.सी. बैग डालकर कर दी गयी है. साथ ही पीपी तटबंध के 32.393 एवं 32.408 किमी. पर नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण स्टर्ड हो गया था. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-01, पडरौना द्वारा 18853 ई.सी. बैग, 514 एन.सी., 07 बी.ए. वायर क्रेट, 72 जियो बैग एवं पी.पी. रोध गैबियन डालकर मरम्मति का कार्य सम्पन्न कराया गया है. वहीं विगत दिनों हुई बारिश के कारण पी.पी. तटबंध पर 28.00 किमी. से 35.00 किमी. के बीच लगभग 80 जगहों पर विभिन्न आकार का रैनकट हो गया था जिसकी मरम्मति ई.सी. बैग डालकर करा दी गयी है. इस अवसर पर सहायक समाहर्ता, श्री कुमार अनुराग, सहायक समाहर्ता, श्री नंदकिशोर साह सहित सभी संबंधित विभागों को कार्यपालक अभियंता उपस्थित रहे.
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