जांच के नाम पर पुनः अनुदान को लटकाया जा रहा
दरभंगा (आर्यावर्त संवाददाता) पूर्व विधान पार्षद प्रो० विनोद चौधरी ने आज यहां जारी एक बयान में कहा है कि सरकार ने एक बार फिर से संबद्ध डिग्री महाविद्यालय की जांच का निर्णय लिया है। बार-बार जांच कराने का कोई औचित्य नहीं बनता। और यह चतुर्थ चरण में हुए महाविद्यालयों का इतिहास दोहराया जा रहा है। और वहां भी सरकार को हारना पड़ा था और कोर्ट के निर्देश पर लगभग सभी शिक्षकों को भुगतान करना पड़ा। सरकार ने करोड़ों रुपया कोर्ट में बर्बाद किया। सरकार पुनः संबद्ध महाविद्यालयों के साथ भी ऐसा ही कर रही है लेकिन यह शिक्षक बहुत ही अभावग्रस्त हैं सुप्रीम कोर्ट तक यह लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं है। सरकार कई बार इन महाविद्यालयों की जांच करा चुकी है और अपनी घोषणा के अनुसार परीक्षा फल के आधार पर अनुदान भी दे चुकी है सत्र 2009 से सत्र 2017 तक का का मांग भी परीक्षा फल के आधार पर मांगी गई थी। लेकिन बाद में एक करोड़ से अधिक की राशि मांगने वाले 49 कॉलेज के जांच का आदेश सरकार द्वारा किया गया। मिथिला विश्वविद्यालय के भी 7 कॉलेज इस दायरे में आते हैं। लगभग 225 संबद्ध डिग्री कॉलेज जिसमे मात्र 49 कॉलेजों में जांच का निर्णय हुआ है जांच की मंशा क्या है यह सरकार जाने लेकिन बाकी कॉलेजों का अनुदान क्यों नहीं निर्गत किया जा रहा है यह भी जांच का मुद्दा है लेकिन सरकार के विरोध में जांच करे तो कौन?
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