मिलावट पर रोक लगाने का काम सरकार का.
पटना 4 जुलाई, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि खुले तेल पर बिक्री पर रोक लगाने की कार्रवाई को गरीब विरोधी कार्रवाई बताया है. कहा कि देश की अधिकांश जनता गरीबी व तंगहाली के कारण तेल का डिब्बा नहीं खरीद सकते. वे किसी तरह से पचास-सौ ग्राम तेल खरीदकर अपना काम चलाते हैं. ऐसे में सरकार को सोचना चाहिए कि गरीब अपना घर कैसे चला पायेंगे? न केवल सरकार ने खुले तेल की बिक्री पर रोक लगाई है बल्कि सजा भी इस मामले में काफी कड़ी है. इसके तहत किसी को भी छह महीने से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. साथ में एक से दस लाख तक जुर्माना भी देना पड़ सकता है. जाहिर है कि इसकी सर्वाधिक मार गरीबों को ही झेलनी पड़ेगी. सरकार यह सब तेल में मिलावट को रोकने के नाम पर कर रही है, लेकिन मिलावट रोकने के उपाय सोचने की बजाए सरकार खुले तेल पर रोक लगाकर पहले से ही कई प्रकार के संकट झेल रहे देश के मजदूर परिवारों व गरीबों को और ज्यादा परेशानियों में डाल रही है.
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