बिहार : 67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों के प्रतिनिधि ने वेतन देने के लिए दिया अर्थदान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 13 जुलाई 2020

बिहार : 67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों के प्रतिनिधि ने वेतन देने के लिए दिया अर्थदान

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पटना,12 जुलाई अभी हाल में निजी विघालय की द्विव्यांग शिक्षिका शांति देवी ने पुनपुन नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे हिलकर सेवा केंद्र, कुर्जी  में पटना धर्मप्रांतीय पुरोहितों की महत्वपूर्ण बैठक की गयी।इस बैठक में 67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बैठक में वैश्विक कोरोना वायरस पर विस्तृत चर्चा की गयी।कोरोना के कारण लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई पर भी गहन चर्चा की गयी।वहीं हड़ताल के दौरान ' नो वर्क नो पेमेंट' की सरकारी तर्ज पर कोरोना काल में ' नहीं  पढ़ाई तो नहीं फीस' पर अभिभावकों द्वारा अड़ने पर जोरदार चर्चा की गयी।इस संदर्भ में सरकारी ढीलापन से गैर शिक्षक व शिक्षकों के साथ अभिभावक भी परेशान है।यह क्लू लगा दिया गया है कि स्कूल ऑन लाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है तो अभिभावकों को फीस देना ही है।पर अमल नहीं हो रहा है।जो स्कूल ऑन लाइन पढ़ाई की व्यवस्था की नहीं की है,तो उसका वेतनादि का क्या होगा?इसी उधेड़बुन में फतुहा की एक निजी स्कूल की द्विव्यांग शिक्षिका ने अर्थाभाव में पुनपुन नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।

आर्थिक तंगी के कारण दिव्यांग विधवा लेडी टीचर ने पुनपुन नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली।वह लेडी फतुहां थाना क्षेत्र के गोविंदपुर निवासी स्व. श्रवण कुमार की 35 वर्षीया पत्नी दिव्यांग शांति देवी एक निजी विद्यालय में शिक्षिका थी। महामारी कोरोना संकट के दौरान आत्महत्या करने के रफ्तार वृद्धि होने से नागरिक परेशान हो रहे हैं। कोरोना अवसाद बनकर उभरा है। लॉकडाउन के दौरान कामकाज ठप हो जाने से लोगों का भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला पटना जिले के फतुहा थाना इलाके की है, जहां लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी से परेशान एक दिव्यांग विधवा लेडी टीचर ने पुनपुन नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली। स्थानीय लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद मौके पर पहुंच पुलिस शव की तलाश में जुट गई , लेकिन शिक्षिका की अबतक लाश बरामद नहीं हो पाई है।शव की तलाश जारी है। परिजनों की सूचना पर फतुहा और नदी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और एसडीआरएफ की मदद से शव की खोजबीन में जुट गई।पुलिस ने घटनास्थल से दिव्यांग महिला की वैशाखी भी बरामद कर लिया है। वहीं पुलिस ने मौके से दिव्यांग महिला शिक्षिका का ट्राई साइकिल और वैशाखी बरामद कर लिया है। लेडी टीचर की पहचान गोविंदपुर निवासी शांति देवी के रूप में की गई है।

बताया जा रहा है कि शांति देवी के पति श्रवण कुमार का निधन करीब 2 वर्ष पूर्व बीमारी से होने के बाद वह अपनी 14 वर्ष की बेटी कृति एवं 8 वर्ष के पुत्र साहिल की परवरिश के लिए ट्यूशन और एक निजी विद्यालय में पढ़ाती थी। लेकिन कोरोना संकट के इस दौर में 4 महीनों से स्कूल बंद है और वेतन नहीं मिलने से उनके समक्ष आर्थिक तंगी की समस्या हो गई। जिस वजह से लेडी टीचर ने पुनपुन पुल से कूदकर खुदकुशी कर ली।महिला के घर से सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है।उसकी बेटी कृति के अनुसार देर रात उसने घर के एक नोटबुक पर संदेश छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि हमरा माफ करिहा बेटी हम जा रही हूं. इसके बाद वह वैशाखी लेकर घर से निकल गई। जब बेटी की नींद खुली तो मां को न पाकर परेशान हो गई।बेटी ने बताया कि पैसे को लेकर मां हमेशा परेशान रहती थी वहीं घटना के संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय लोगों और महिला शिक्षिका की पुत्री प्रीति कुमारी ने बताया कि शांति देवी आर्थिक तंगी से परेशान थी और इसी हताशा में आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली है। ऐसी परिस्थिति मिशनरी स्कूलों न आ जाए।तो जमकर मंथन किए।मंथन करने का परिणाम सामने आया कि 67 धर्मप्रांतीय पुरोहित स्वेच्छता से त्याग करके अर्थदान करेंगे।67 धर्मप्रांतीय पुरोहित के अधीन 4 इंग्लिश स्कूलों समेत 23 स्कूलों के करीब दो सौ गैर शिक्षक व शिक्षकों काे वेतनादि दिया जाएगा।इसके आलोक में 67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों को मिलने वाले अर्थ को फिफ्टी-फिफ्टी करेंगे।पचास प्रतिशत अर्थ वेतन में दान कर देंगे। इस तरह एक धर्मप्रांतीय पुरोहित 45 हजार रूपए दान करेंगे।इतना मार्च 2020 का है।67 धर्मप्रांतीय पुरोहितों को बधाई और विवेकपूर्ण निर्णय के लिए धन्यवाद। बुझते घरों में चिराग जलाने के लिए। अब सवाल यह है कि जो स्कूल धर्मप्रांतीय पुरोहितों के द्वारा त्याग करके अर्थ संग्रह नहीं कर पाएंगे तो उनका गैर शिक्षक व शिक्षकों का क्या होगा? इस ओर सरकार को शीघ्रातिशीघ्र निर्णय लेने की जरूरत है।

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